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स्पेशल: इस साल 10 प्रतिशत हादसों में आई कमी, पुलिस की जागरुकता और कड़ी सुरक्षा बनी हादसे की कमी - बूंदी में सड़क हादसे

साल 2019 में सड़क हादसा के आंकड़ों में कमी आई है. जिले में बूंदी पुलिस और परिवहन विभाग की कड़ी सुरक्षा और जागरुकता से करीब 10 फीसदी से अधिक सड़क हादसों में कमी आई है. वहीं, बूंदी पुलिस इसे सकारात्मक पहल मान रही है. पढ़ें पूरी रिपोर्ट...

Road accident in Bundi, बूंदी सड़क हादसा न्यूज
बूंदी में सड़क हादसों में आई कमी
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Published : Dec 10, 2019, 7:48 AM IST

बूंदी. जिले में वर्ष 2019 में सड़क हादसा के आंकड़ों में कमी आई है. जिले में बूंदी पुलिस और परिवहन विभाग की कड़ी सुरक्षा व जागरूकता से करीब 10 फीसदी से अधिक सड़क हादसों में कमी आई है. वहीं, बूंदी पुलिस इसे सकारात्मक पहल मान रही है. साथ ही बूंदी शहर की जनता ने भी पुलिस की इस पहल का स्वागत किया है और पुलिस के सराहनीय कार्य को सराहा है. उन्होंने कहा है कि बूंदी पुलिस इसी तरीके से कार्य करते रहें ताकि बूंदी जिले में जो हादसों के आंकड़ें बढ़ते जा रहे हैं उन पर ऐसे ही कमी आती जाए.

Road accident in Bundi, बूंदी सड़क हादसा न्यूज
बूंदी में सड़क हादसों में आई कमी

पूरे देश में सड़क हादसों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. इन सड़क हादसों में घायलों और मृतकों के आंकड़ें बढ़ते जा रहे हैं. वहीं, देश में सड़क हादसा बहुत बड़ी समस्या बन चुकी है. अब सवाल यही है कि लोग सड़क हादसों में लापरवाही का शिकार होते हैं और अपनी जान गंवा बैठते हैं. साथ ही पुलिस भी इन हादसों को कैसे रोके उनके लिए भी यह चुनौती बनी रहती है.

बूंदी में सड़क हादसों में आई कमी...

सड़क हादसे को लेकर पुलिस का मानना है कि जो ट्रैफिक नियम है वह सही से लोगों के बीच लागू हो जाए तो हादसों में काफी कुछ कमी लाई जा सकती है. बता दें कि ऐसा ही वर्ष 2019 में हुआ, जिसमें बूंदी जिले में पुलिस ने सड़क हादसों को लेकर काफी अभियान चलाए. वहीं, इस अभियान का नतीजा यह रहा कि वर्ष 2019 के अंत तक सड़क हादसों के आंकड़ों में करीब 10 फीसदी से अधिक कमी आई है.

राजस्थान पुलिस की प्राथमिकताओं में से एक बिंदू सड़क हादसों में कमी लाना

बता दें कि राजस्थान पुलिस की प्राथमिकताओं में से एक बिंदु सड़क हादसों के आंकड़ों में कमी लाना था. राजस्थान के डीजीपी ने प्रदेश में प्रत्येक वर्ष 10 फीसदी आंकड़ों में कमी आए इसको लेकर इसे प्राथमिकताओं में शामिल किया था. उसी प्राथमिकताओं के आधार पर बूंदी पुलिस ने काम किया और वर्ष 2019 में 10 फीसदी से अधिक आंकड़ों में कमी आई है.

बूंदी पुलिस के पुलिस उपाधीक्षक ओमेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि राजस्थान डीजीपी भूपेंद्र सिंह के निर्देशानुसार पूरे प्रदेश में सड़क हादसों में कमी लाने के लिए जागरूकता कार्यक्रम और सुरक्षा सप्ताह का आयोजन किया गया. उन्होंने बताया कि सुरक्षा सप्ताह और जागरूकता कार्यक्रम के तहत पूरे जिले में नशे की हालत में और तेज गति में वाहन चलाते समय चालान बनाए गए. साथ ही सड़क निर्माण में छोड़ी गई लापरवाही के कारण हो रहे हादसे और रेडकोर कंपनी व जीवीके की कंपनी को लगातार सांकेतिक बोर्ड लगाने के लिए लेटर लिखे गए.

2019 में आई सड़क हादसों में कमी

शेखावत ने बताया कि जहां हादसे ज्यादा होते हैं उन ब्लैक स्पॉटों को दुरुस्त किया गया, नतीजा यह रहा कि 2018 के मुकाबले 2019 में हादसों में काफी कमी आई है. उन्होंने बताया कि बूंदी जिले में 2018 में 508 हादसे हुए थे और इस वर्ष केवल 458 हादसे ही हुए हैं. वहीं, 2018 में मृतकों की संख्या 161 थी तो इस वर्ष घटकर 141 रह गई. साथ ही 2018 में घायलों की संख्या 606 थी जो इस वर्ष घटकर 493 रह गई है.

पढ़ें- जयपुर में अतिक्रमण के खिलाफ नगर निगम की कार्रवाई, 8 कैंटर सामान जब्त, दो जोन में सीलिंग की कार्रवाई

पुलिस उपाधीक्षक ने बताया कि डीजीपी राजस्थान की ओर से 10 फीसदी ही सड़क हादसों में कमी लाने के लिए प्राथमिकता में शामिल किया गया था. लेकिन बूंदी पुलिस ने इससे भी अच्छा कार्य करते हुए 10 फीसदी से अधिक 13 फीसदी हादसों में कमी लाने का काम किया है.

टेक्निकल फॉल्ट को दुरुस्त करने से हादसे में आई कमी

बता दें कि बूंदी-जयपुर फोरलेन पर लगातार हादसे होते जा रहे हैं. यहां पर टेक्निकल फॉल्ट और सांकेतिक बोर्ड नहीं लगने के कारण व हाईवे निर्माण कंपनी की लापरवाही के कारण इस तरीके के हादसे सामने आते रहते हैं. लेकिन बूंदी पुलिस ने इन हादसों को गंभीरता से लिया और इन कंपनियों को लगातार सड़क दुरुस्त करने और अनाधिकृत मोड़ों को बंद करने को लेकर लेटर लिखे. ऐसे में उन टेक्निकल फॉल्ट को दुरुस्त किया गया तो हादसों में कमी आने लगी.

बूंदी पुलिस का कहना है कि लगातार इस तरीके के प्रयास किए जाएंगे और जो सड़क पर चलने वाले वाहन लापरवाही बरते उन पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी ताकि इस तरीके की हादसे नहीं हो सके. साथ ही पुलिस का यह भी मानना है कि यदि जब किसी व्यक्ति का मर्डर होता है तो उसमें परिजनों को काफी क्षति होती है. ऐसे में बूंदी पुलिस ने हत्या और हाथ से दोनों बराबर माने और कार्य किया.

बूंदी. जिले में वर्ष 2019 में सड़क हादसा के आंकड़ों में कमी आई है. जिले में बूंदी पुलिस और परिवहन विभाग की कड़ी सुरक्षा व जागरूकता से करीब 10 फीसदी से अधिक सड़क हादसों में कमी आई है. वहीं, बूंदी पुलिस इसे सकारात्मक पहल मान रही है. साथ ही बूंदी शहर की जनता ने भी पुलिस की इस पहल का स्वागत किया है और पुलिस के सराहनीय कार्य को सराहा है. उन्होंने कहा है कि बूंदी पुलिस इसी तरीके से कार्य करते रहें ताकि बूंदी जिले में जो हादसों के आंकड़ें बढ़ते जा रहे हैं उन पर ऐसे ही कमी आती जाए.

Road accident in Bundi, बूंदी सड़क हादसा न्यूज
बूंदी में सड़क हादसों में आई कमी

पूरे देश में सड़क हादसों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. इन सड़क हादसों में घायलों और मृतकों के आंकड़ें बढ़ते जा रहे हैं. वहीं, देश में सड़क हादसा बहुत बड़ी समस्या बन चुकी है. अब सवाल यही है कि लोग सड़क हादसों में लापरवाही का शिकार होते हैं और अपनी जान गंवा बैठते हैं. साथ ही पुलिस भी इन हादसों को कैसे रोके उनके लिए भी यह चुनौती बनी रहती है.

बूंदी में सड़क हादसों में आई कमी...

सड़क हादसे को लेकर पुलिस का मानना है कि जो ट्रैफिक नियम है वह सही से लोगों के बीच लागू हो जाए तो हादसों में काफी कुछ कमी लाई जा सकती है. बता दें कि ऐसा ही वर्ष 2019 में हुआ, जिसमें बूंदी जिले में पुलिस ने सड़क हादसों को लेकर काफी अभियान चलाए. वहीं, इस अभियान का नतीजा यह रहा कि वर्ष 2019 के अंत तक सड़क हादसों के आंकड़ों में करीब 10 फीसदी से अधिक कमी आई है.

राजस्थान पुलिस की प्राथमिकताओं में से एक बिंदू सड़क हादसों में कमी लाना

बता दें कि राजस्थान पुलिस की प्राथमिकताओं में से एक बिंदु सड़क हादसों के आंकड़ों में कमी लाना था. राजस्थान के डीजीपी ने प्रदेश में प्रत्येक वर्ष 10 फीसदी आंकड़ों में कमी आए इसको लेकर इसे प्राथमिकताओं में शामिल किया था. उसी प्राथमिकताओं के आधार पर बूंदी पुलिस ने काम किया और वर्ष 2019 में 10 फीसदी से अधिक आंकड़ों में कमी आई है.

बूंदी पुलिस के पुलिस उपाधीक्षक ओमेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि राजस्थान डीजीपी भूपेंद्र सिंह के निर्देशानुसार पूरे प्रदेश में सड़क हादसों में कमी लाने के लिए जागरूकता कार्यक्रम और सुरक्षा सप्ताह का आयोजन किया गया. उन्होंने बताया कि सुरक्षा सप्ताह और जागरूकता कार्यक्रम के तहत पूरे जिले में नशे की हालत में और तेज गति में वाहन चलाते समय चालान बनाए गए. साथ ही सड़क निर्माण में छोड़ी गई लापरवाही के कारण हो रहे हादसे और रेडकोर कंपनी व जीवीके की कंपनी को लगातार सांकेतिक बोर्ड लगाने के लिए लेटर लिखे गए.

2019 में आई सड़क हादसों में कमी

शेखावत ने बताया कि जहां हादसे ज्यादा होते हैं उन ब्लैक स्पॉटों को दुरुस्त किया गया, नतीजा यह रहा कि 2018 के मुकाबले 2019 में हादसों में काफी कमी आई है. उन्होंने बताया कि बूंदी जिले में 2018 में 508 हादसे हुए थे और इस वर्ष केवल 458 हादसे ही हुए हैं. वहीं, 2018 में मृतकों की संख्या 161 थी तो इस वर्ष घटकर 141 रह गई. साथ ही 2018 में घायलों की संख्या 606 थी जो इस वर्ष घटकर 493 रह गई है.

पढ़ें- जयपुर में अतिक्रमण के खिलाफ नगर निगम की कार्रवाई, 8 कैंटर सामान जब्त, दो जोन में सीलिंग की कार्रवाई

पुलिस उपाधीक्षक ने बताया कि डीजीपी राजस्थान की ओर से 10 फीसदी ही सड़क हादसों में कमी लाने के लिए प्राथमिकता में शामिल किया गया था. लेकिन बूंदी पुलिस ने इससे भी अच्छा कार्य करते हुए 10 फीसदी से अधिक 13 फीसदी हादसों में कमी लाने का काम किया है.

टेक्निकल फॉल्ट को दुरुस्त करने से हादसे में आई कमी

बता दें कि बूंदी-जयपुर फोरलेन पर लगातार हादसे होते जा रहे हैं. यहां पर टेक्निकल फॉल्ट और सांकेतिक बोर्ड नहीं लगने के कारण व हाईवे निर्माण कंपनी की लापरवाही के कारण इस तरीके के हादसे सामने आते रहते हैं. लेकिन बूंदी पुलिस ने इन हादसों को गंभीरता से लिया और इन कंपनियों को लगातार सड़क दुरुस्त करने और अनाधिकृत मोड़ों को बंद करने को लेकर लेटर लिखे. ऐसे में उन टेक्निकल फॉल्ट को दुरुस्त किया गया तो हादसों में कमी आने लगी.

बूंदी पुलिस का कहना है कि लगातार इस तरीके के प्रयास किए जाएंगे और जो सड़क पर चलने वाले वाहन लापरवाही बरते उन पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी ताकि इस तरीके की हादसे नहीं हो सके. साथ ही पुलिस का यह भी मानना है कि यदि जब किसी व्यक्ति का मर्डर होता है तो उसमें परिजनों को काफी क्षति होती है. ऐसे में बूंदी पुलिस ने हत्या और हाथ से दोनों बराबर माने और कार्य किया.

Intro:बूंदी जिले में इस वर्ष हादसों के आंकड़ों में कमी आई है यहां पर बूंदी पुलिस व परिवहन विभाग की कड़ी सुरक्षा व जागरूकता से करीब 10% से अधिक हादसों में कमी आई है जिसके चलते बूंदी पुलिस इसे सकारात्मक पहल मान रही है । साथ ही बूंदी शहर की जनता ने भी इस पहल का स्वागत किया है और पुलिस के सराहनीय कार्य को अच्छा बताया है उन्होंने कहा है कि बूंदी पुलिस इसी तरीके से कार्य करते रहें ताकि बूंदी जिले में जो हादसों के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं उन पर ऐसे ही कमी आती जाए ।


Body:बूंदी :- पूरे देश में हादसे होते जा रहे हैं और इन हादसों में घायलों तथा मृतकों के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं और यह बहुत बड़ी समस्या देश में बन चुकी है अब सवाल यही है कि लोग इन हादसों में लापरवाही का शिकार होते हैं और अपनी जान गंवा बैठते हैं साथ ही पुलिस भी इन हादसों को कैसे रोके उनके लिए भी यह चुनौती बनी रहती है । लेकिन पुलिस का मानना है कि जो ट्रैफिक नियम है वह सही से लोगों के बीच लागू हो जाए तो हादसों में काफी कुछ कमी लाई जा सकती है । ऐसा ही बूंदी के 2019 में हुआ यहां पर बूंदी पुलिस ने हादसों को लेकर काफी अभियान चलाएं और इस अभियान का नतीजा यह रहा कि इस वर्ष के अंत में हादसों में 10% से अधिक आंकड़ों में कमी आई है जोकि यह राजस्थान पुलिस की प्राथमिकताओं में से एक बिंदु था राजस्थान के डीजीपी राजस्थान में 10% हर वर्ष आंकड़ों में कमी आए इसको लेकर प्राथमिकताओं में शामिल किया था । उसी प्राथमिकताओं के आधार पर बूंदी पुलिस ने काम किया और 10% से अधिक आंकड़ों में कमी आई है ।

बूंदी पुलिस के पुलिस उपाधीक्षक ओमेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि राजस्थान डीजीपी भूपेंद्र सिंह के निर्देशानुसार पूरे प्रदेश में हादसों की कमी लाने के लिए जागरूकता कार्यक्रम व सुरक्षा सप्ताह का आयोजन किया गया जिसमें पूरे जिले में नशे की हालत में वाहन चलाते समय चालान बनाए गए ,तेज गति में वाहन चलाते समय चालान बनाए गए ,साथ ही सड़क निर्माण में छोड़ी गई लापरवाही के चलते हो रहे हादसे तथा रेडकोर कंपनी और जीवीके की कंपनी को लगातार सांकेतिक बोर्ड लगाने के लिए लेटर लिखे गए और जहां हादसे ज्यादा होते हैं ब्लैक स्पॉटओं को दुरुस्त किया गया जिसके चलते नतीजा यह रहा कि 2018 के मुकाबले 2019 में हादसों में काफी कमी आई है। उन्होंने बताया कि बूंदी जिले में 2018 में 508 हादसे हुए थे और इस वर्ष केवल 458 ही हादसे हुए हैं । वहीं 2018 में मृतकों की संख्या 161 थी तो इस वर्ष घटकर 141 रह गई है । साथ ही 2018 में घायलों की संख्या 606 थी इस वर्ष घटकर 493 रह गई है । उन्होंने कहा कि डीजीपी राजस्थान द्वारा 10% ही हादसों में कमी लाने के लिए प्राथमिकता में शामिल किया गया था लेकिन बूंदी पुलिस ने इससे भी अच्छा कार्य करते हुए 10% से अधिक 13 प्रतिशत हादसों में कमी लाने का काम किया है ।


Conclusion:यहां आपको बता दें कि बूंदी- जयपुर फोरलेन पर लगातार हादसे होते जा रहे हैं यहां पर टेक्निकल फॉल्ट व सांकेतिक बोर्ड नहीं लगने के चलते वह हाईवे निर्माण कंपनी की लापरवाही के चलते इस तरीके के हादसे से सामने आते रहते हैं । लेकिन बूंदी पुलिस ने इन हादसों को गंभीरता से लिया और इन कंपनियों को लगातार सड़क दुरुस्त करने व अनाधिकृत मोड़ो को कटो को बंद करने को लेकर लेटर लिखे ऐसे में उन टेक्निकल फाल्ट को दुरुस्त किया गया तो हादसों में कमी आने लगी। बूंदी पुलिस का कहना है कि लगातार इस तरीके के प्रयास किए जाएंगे और जो जो सड़क पर चलने वाले वाहन लापरवाही बरते उन पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी ताकि इस तरीके की हादसे दोबारा नहीं हो सके । साथ ही पुलिस का यह भी मानना है कि यदि जब किसी व्यक्ति का मर्डर होता है तो उसमें परिवार जन को काफी क्षति होती है और उनका अपना बिछड़ जाता है उसी तरह एक हादसे में किसी व्यक्ति की मौत होती है तो उस परिवार में भी काफी दुखों का पहाड़ टूट जाता है ऐसे में बूंदी पुलिस ने हत्या व हाथ से दोनों बराबर माने और कार्य किया ।

बाईट - ओमेंद्र सिंह , डीवाईएसपी
बाईट - निर्मल मालव , जागरूक
बाईट - नितेश शर्मा , जागरूक
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