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सुभाष चंद्र बोस जयंतीः देश के महानायक को ही भूल गया बूंदी प्रशासन

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अग्रणी भूमिका निभाने वाले देश के महान सपूत नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आज 123वीं जयंती है. लेकिन इस मौके पर बूंदी प्रशासन की अनदेखी नजर आई है. पढें पूरी खबर...

Subhash Chandra Bose, सुभाष चंद्र बोस, नेताजी, स्वतंत्रता सेनानी
सुभाष चंद्र बोस की जयंती
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Published : Jan 23, 2020, 5:06 PM IST

Updated : Jan 23, 2020, 5:31 PM IST

बूंदी. "तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा" का बुलंद नारा देने वाले महान देशभक्त नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आज 123वीं जयंती है. लेकिन, इसी बीच बूंदी में इस देशभक्त की जयंती पर प्रशासन की बड़ी लापरवाही भी देखने को मिली. बोस की जयंती पर प्रशासन ने न तो कोई आयोजन किया और न ही उनकी मूर्ति की कोई सुध ली.

मामला बूंदी का है, जहां प्रशासन सुभाष चंद्र बोस को उनकी जयंती के मौके पर भी याद करना भी भूल गया. बोस की जयंती के मौके पर बूंदी प्रशासन ने न तो कोई आयोजन किया, और न ही उनकी मूर्ति की साफ-सफाई की.

बूंदी में सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर नहीं हुआ एक भी कार्यक्रम

यह भी पढ़ेंः दौसा: मुआवजे की मांग को लेकर सांसद किरोड़ी लाल मीणा के नेतृत्व में किसानों की 'भूमि समाधि'

शहर के बूंदी हायर सेकेंडरी स्कूल में स्थित सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति कई सालों से जर्जर अवस्था में है. लंबे समय से न तो जिला प्रशासन ने और न ही शिक्षा विभाग ने इस मूर्ति की सुध ली है.

बीजेपी कार्यकर्ताओं ने ली सुध

इस बीच बीजेपी कार्यकर्ताओं को भनक लगी तो वे मौके पर पहुंचे. बीजेपी कार्यकर्ताओं ने इस खंडित मूर्ति की पहले तो मरम्मत की और उसके बाद उसे माला पहनाकर उचित सम्मान भी प्रदान किया.

बूंदी बीजेपी के प्रवक्ता संजय भाटी ने बताया, कि बड़े ही दुख की बात है कि आज डॉक्टर सुभाष चंद्र बोस की जयंती है और प्रशासन ने उनके नाम पर एक भी आयोजन नहीं किया.
उन्होंने कहा, कि यह बूंदी की सबसे पुरानी मूर्ति है. इस मूर्ति को 50 साल पहले स्कूल की स्थापना के समय स्थापित किया गया था.

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देश की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले बोस ने शायद ही कभी सोचा होगा, कि एक दिन उन्हीं का देश उन्हें न केवल भूला देगा बल्कि, उनका अनादर भी करेगा.

बूंदी. "तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा" का बुलंद नारा देने वाले महान देशभक्त नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आज 123वीं जयंती है. लेकिन, इसी बीच बूंदी में इस देशभक्त की जयंती पर प्रशासन की बड़ी लापरवाही भी देखने को मिली. बोस की जयंती पर प्रशासन ने न तो कोई आयोजन किया और न ही उनकी मूर्ति की कोई सुध ली.

मामला बूंदी का है, जहां प्रशासन सुभाष चंद्र बोस को उनकी जयंती के मौके पर भी याद करना भी भूल गया. बोस की जयंती के मौके पर बूंदी प्रशासन ने न तो कोई आयोजन किया, और न ही उनकी मूर्ति की साफ-सफाई की.

बूंदी में सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर नहीं हुआ एक भी कार्यक्रम

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शहर के बूंदी हायर सेकेंडरी स्कूल में स्थित सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति कई सालों से जर्जर अवस्था में है. लंबे समय से न तो जिला प्रशासन ने और न ही शिक्षा विभाग ने इस मूर्ति की सुध ली है.

बीजेपी कार्यकर्ताओं ने ली सुध

इस बीच बीजेपी कार्यकर्ताओं को भनक लगी तो वे मौके पर पहुंचे. बीजेपी कार्यकर्ताओं ने इस खंडित मूर्ति की पहले तो मरम्मत की और उसके बाद उसे माला पहनाकर उचित सम्मान भी प्रदान किया.

बूंदी बीजेपी के प्रवक्ता संजय भाटी ने बताया, कि बड़े ही दुख की बात है कि आज डॉक्टर सुभाष चंद्र बोस की जयंती है और प्रशासन ने उनके नाम पर एक भी आयोजन नहीं किया.
उन्होंने कहा, कि यह बूंदी की सबसे पुरानी मूर्ति है. इस मूर्ति को 50 साल पहले स्कूल की स्थापना के समय स्थापित किया गया था.

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देश की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले बोस ने शायद ही कभी सोचा होगा, कि एक दिन उन्हीं का देश उन्हें न केवल भूला देगा बल्कि, उनका अनादर भी करेगा.

Intro:पूरे देश में आज डॉक्टर सुभाष चंद्र बोस की 123 वीं जयंती बड़े धूमधाम से मनाई जा रही है लेकिन बूंदी में इस जयंती पर प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है । यहां पर जयंती पर ना तो प्रशासन द्वारा कोई आयोजन किया गया ना ही शहर के बीचोबीच स्थित 50 साल पुरानी मूर्ति का जीर्णोद्धार कर उस मूर्ति पर माल्यार्पण किया गया। फिर बीजेपी कार्यकर्ताओं को इस मूर्ति पर प्रशासन की लापरवाही दिखाने का मौका मिल गया और बीजेपी कार्यकर्ता सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति को खुद ही सही करने लगे और काफी हद तक मूर्ति को स्थापित कर दिया ।


Body:बूंदी - तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा के नारे लगाने वाले डॉक्टर सुभाष चंद्र बोस ने कभी नहीं सोचा था कि उनकी शहीदी के बाद उन्हें बूंदी प्रशासन इस कदर भूल जाएगा कि उनकी प्रतिमा बदहाल हो जाएगी और उन्हें पूछा तक नहीं जाएगा जी हां ऐसा ही बूंदी में देखने को मिला है । यहां पर डॉक्टर सुभाष चंद्र बोस की आज 123 वी जयंती है और देश में बड़े धूमधाम से जयंती को लोग श्रद्धांजलि व उनके शौर्य के रूप में मना रहे हैं लेकिन बूंदी प्रशासन ने ना तो इस जयंती को धूमधाम से मनाया ना ही उनकी मूर्ति को संवारा और बदहाली इस तरीके से रही की मूर्ति को सही तक नहीं किया गया । शहर के हायर सेकेंडरी स्कूल में स्थित डॉक्टर सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति कई दिनों से बदहाल हो रही है यहां पर बदली के बाद भी जिला प्रशासन व शिक्षा विभाग ने इस मूर्ति की सुध नहीं ली ना ही हाई सेकेंडरी स्कूल के प्रबंधक ने इस मूर्ति की सुध नहीं ली नतीजा ये निकला कि यह मूर्ति सुभाष चंद्र बोस की नहीं रहकर एक खंडहर में तब्दील हो गई और आज सुभाष चंद्र बोस की जयंती बड़ी धूमधाम से मनाई जा रही थी लेकिन बीच प्रशासन इस मूर्ति पर जाना तक उचित नही समझा ओर मूर्ति को सही करने की जहमत उठाई । इस बीच बीजेपी कार्यकर्ताओं को भनक लगी कि सुभाष चंद्र बॉस की मूर्ति पर ना ही किसी ने माल्यार्पण किया है ना नाही उनकी सुध ली है इस पर बीजेपी कार्यकर्ता खुद बूंदी हायर सेकेंडरी स्कूल पहुंचे और बदहाल मूर्ति को सही करने में जुट गए। यहां पर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पहले मूर्ति की साफ सफाई की और खंडित हो रही मूर्ति के अंश को एक तरफ कर ने अंश वहां पर जोड़ने शुरू दिया । करीब 2 घंटे तक कार्यकर्ताओं ने डॉक्टर सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति को सही करने में जुटा दिए और सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा को नया आकार दे दिया । फिर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने इस मूर्ति को सही करने की ठानी और सही करने में जोर दे दिया । 2 घंटे की इस मेहनत के बाद मूर्ति धीरे धीरे से आकार लेने लगी और यह लगने लगा कि सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा को फिर से इन हाथों ने जिंदा कर दिया है ।

बीजेपी के प्रवक्ता संजय भाटी व लोकेश शर्मा ने बताया कि बड़े ही दुख की बात है कि आज डॉक्टर सुभाष चंद्र बोस की जयंती है और प्रशासन की इस तरीके से लापरवाही सामने आई कि आज जयंती होने के बावजूद भी एक देश के सबसे बड़े स्वतंत्रता सेनानी को पूजा नहीं गया और बदहाली पर छोड़ दिया गया बड़ी लापरवाही की बात यह रही । उन्होंने कहा कि यह मूर्ति सबसे पुरानी बूंदी की मूर्ति है करीब यह मूर्ति 50 वर्ष पुरानी है और जिस स्कूल में यह मूर्ति स्थापित हुई है यह अंग्रेजों द्वारा स्कूल बनाई गई थी और एक शौर्य के प्रति के रूप में यह मूर्ति स्कूल के बाहर स्थित थी लेकिन इस मूर्ति को प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया तो आज यह बदहाली के कगार पर आ गयी । हम जैसे ही माल्यार्पण करने पहुंचे तो हमें यह बदहाल देखी तो हम बीजेपी कार्यकर्ता खुद इस मूर्ति को सही करने में जुट गए और प्रतिमा बना दिया ।


Conclusion:प्रशासन को चाहिए कि देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दे चुके स्वतंत्रता सेनानियों की मूर्तियों को सुरक्षित करें और उन्हें सहेजें । इस मूर्ति को जिम्मेदार अधिकारी तय करें और सुरक्षा व्यवस्था इस मूर्ति की हो ताकि कि यह मूर्ति फिर बदहाल नहीं हो सके । बीजेपी कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि इस मूर्ति को यहां से हटाकर नई मूर्ति लगाई जाए ।

अब देखना होगा कि बीजेपी कार्यकर्ताओं को इस मूर्ति पर बदहाली दिखी तो खुद मूर्ति को सही करने पहुंचे लेकिन प्रशासन का कोई भी कारिंदा इस मूर्ति को सही करने नहीं पहुंचा। देखना होगा कि प्रशासन कब इस मूर्ति की सुध लेता है और कब इस मूर्ति को बदल कर नहीं मूर्ति स्थापित कर पाता है या नहीं ।

बाईट - संजय लाठी , प्रवक्ता , बीजेपी
बाईट - लोकेश शर्मा , स्थानीय कार्यकर्ता
Last Updated : Jan 23, 2020, 5:31 PM IST
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