बूंदी. "तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा" का बुलंद नारा देने वाले महान देशभक्त नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आज 123वीं जयंती है. लेकिन, इसी बीच बूंदी में इस देशभक्त की जयंती पर प्रशासन की बड़ी लापरवाही भी देखने को मिली. बोस की जयंती पर प्रशासन ने न तो कोई आयोजन किया और न ही उनकी मूर्ति की कोई सुध ली.
मामला बूंदी का है, जहां प्रशासन सुभाष चंद्र बोस को उनकी जयंती के मौके पर भी याद करना भी भूल गया. बोस की जयंती के मौके पर बूंदी प्रशासन ने न तो कोई आयोजन किया, और न ही उनकी मूर्ति की साफ-सफाई की.
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शहर के बूंदी हायर सेकेंडरी स्कूल में स्थित सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति कई सालों से जर्जर अवस्था में है. लंबे समय से न तो जिला प्रशासन ने और न ही शिक्षा विभाग ने इस मूर्ति की सुध ली है.
बीजेपी कार्यकर्ताओं ने ली सुध
इस बीच बीजेपी कार्यकर्ताओं को भनक लगी तो वे मौके पर पहुंचे. बीजेपी कार्यकर्ताओं ने इस खंडित मूर्ति की पहले तो मरम्मत की और उसके बाद उसे माला पहनाकर उचित सम्मान भी प्रदान किया.
बूंदी बीजेपी के प्रवक्ता संजय भाटी ने बताया, कि बड़े ही दुख की बात है कि आज डॉक्टर सुभाष चंद्र बोस की जयंती है और प्रशासन ने उनके नाम पर एक भी आयोजन नहीं किया.
उन्होंने कहा, कि यह बूंदी की सबसे पुरानी मूर्ति है. इस मूर्ति को 50 साल पहले स्कूल की स्थापना के समय स्थापित किया गया था.
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देश की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले बोस ने शायद ही कभी सोचा होगा, कि एक दिन उन्हीं का देश उन्हें न केवल भूला देगा बल्कि, उनका अनादर भी करेगा.