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बंशीलाल खुदकुशी मामलाः डेयरी से जुड़े संचालकों ने कलेक्ट्रेट पर भरी हुंकार...निष्पक्ष कार्रवाई नहीं हुई तो कर देंगे दूध सप्लाई बंद

डेयरी संचालक बंसीलाल माली की खुदकुशी करने का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब माली समाज के प्रदर्शन के बाद गुर्जर समाज के लोगों ने मंगलवार प्रदर्शन कर निष्पक्ष कार्रवाई करने की मांग की. साथ ही चेतावनी भी दी की अगर मामले में निष्पक्ष कार्रवाई नहीं की गई तो उग्र प्रदर्शन करेंगे.

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Published : Jun 18, 2019, 6:58 PM IST

बंशीलाल खुदकुशी मामला

बूंदी. जिले के तालेड़ा निवासी डेयरी संचालक बंसीलाल माली खुदकुशी का मामला थमता नजर नहीं आ रहा है. खुदकुशी की घटना को एक साल बीत चुका हैं, लेकिन अभी तक इस मामले में कार्रवाई की मांग की जा रही है. इसको लेकर सोमवार को माली समाज के लोगों ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया. वहीं, दूसरी ओर आरोपी के समर्थक भी मंगलवार सड़क पर आ गए. उन्होंने मांग की है कि मामले में निर्दोष लोगों को फंसाया जा रहा है, इस मामले में निष्पक्ष कार्रवाई हो.

दरअसल, मंगलवार को इस मामले में आरोप लगे पूर्व विधायक के भाई और कोटा डेयरी के अध्यक्ष श्री लाल गुंजल, सुपरवाइजर प्रभु लाल गुर्जर और लेसरदा निवासी आरपी गोपाल गुर्जर के समर्थन में कोटा डेयरी संचालक और गुर्जर समाज उतर आया है. उन्होंने मांग की है कि मामले में निर्दोष लोगों को फंसाया जा रहा है. इस मामले में निष्पक्ष कार्रवाई की जाए, अगर कार्रवाई गलत तरीके से हुई तो कोटा-बूंदी इलाके में कोटा दूध उत्पादक लिमिटेड दूध की सप्लाई बंद कर देगी और अपना विरोध प्रकट करेगी.

वहीं, इस मामले में सुसाइड नोट को लेकर भी संशय बना हुआ है कि आखिरकार सुसाइड नोट की सच्चाई क्या है. माली समाज का कहना है कि सुसाइड नोट में कोटा डेयरी अध्यक्ष श्री लाल गुंजल और दो आरोपियों का नाम है, जबकि कोटा डेयरी से जुड़े लोगों और गुर्जर समाज का कहना है कि तीनों ही नाम मनगढ़ तरीके से लिखे गए हैं, उन्हें फंसाने की साजिश है. उनका कहना है कि बंसीलाल को कोटा डेयरी अध्यक्ष श्री लाल गुंजल ने डेयरी संचालक की जिम्मेदारी सौंपी थी. अगर उन्हें नुकसान ही पहुंचाना होता तो वह उसे डेयरी बूथ क्यों देते, ये माली समाज को नजर नहीं आ रहा है.

बंशीलाल खुदकुशी मामला

ऐसे में दोनों समाजों के प्रदर्शन के बाद प्रशासन के सामने चुनौती बनी हुई है कि एक तरफ उन्होंने माली समाज को 48 घंटे की कार्रवाई का आश्वासन दिया है, दूसरी ओर आज डेयरी और गुर्जर समाज ने भी आरोप लगे. तीनों लोगों पर आरोपों को निराधार बताया है और गलत कार्रवाई नहीं करने और निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की है.

बता दें, बूंदी जिले के तालेड़ा इलाके में सालभर पहले बंसीलाल माली ने अपने घर में खुदकुशी कर ली थी. सूचना मिलने पर तालेड़ा थाना पुलिस मौके पर पहुंची, जहां छानबीन के दौरान एक सुसाइड नोट मिला. परिवार के आरोप के अनुसार इस सुसाइड नोट में कोटा डेयरी के अध्यक्ष श्री लाल गुंजल, सुपरवाइजर प्रभुलाल गोचर, आरपी गोपाल गुर्जर द्वारा उकसाने को लेकर बंसीलाल ने खुदकुशी की है. इस मामले में कार्रवाई की मांग को लेकर माली समाज और पीड़ित परिवार आक्रोशित हो गया और उन्होंने उसी के बाद से प्रदर्शन करना शुरू कर दिया. इस मामले में माली समाज ने कई बार प्रदर्शन किए.

वहीं, सोमवार को माली समाज के लोगों ने जिला कलेक्टर के बाहर महापड़ाव डाला और वहां पर करीब 3 घंटे तक प्रदर्शन किया और सड़कों को जाम कर दिया, साथ ही टायर जलाए गए और जमकर बूंदी पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की गई. इस मामले में जिला प्रशासन ने 48 घंटे का उन्हें कार्रवाई का आश्वासन दिया, तब जाकर संघर्ष समिति के लोग माने और महापड़ाव समाप्त कर कलेक्टर के बाद बाहर धरना लगा दिया और 48 घंटे का इंतजार किया.

इस मामले में कोटा डेयरी अध्यक्ष श्रीलाल गुंजल और दो अन्य लोगों के पक्ष में कोटा डेयरी से जुड़े बूथ संचालक और गुर्जर समाज समर्थन में उतर आया और मंगलवार को बड़ी तादाद में महिला पुरुषों के साथ जिला कलेक्टर पर प्रदर्शन करने पहुंच गए, जहां पर उन्होंने श्रीलाल गुंजल और अन्य दो लोगों के पक्ष में जमकर नारेबाजी की और कहा कि निर्दोष लोगों को हम फंसने नहीं देंगे. यहां पर उन्होंने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा और निष्पक्ष जांच की मांग की है.

बूंदी. जिले के तालेड़ा निवासी डेयरी संचालक बंसीलाल माली खुदकुशी का मामला थमता नजर नहीं आ रहा है. खुदकुशी की घटना को एक साल बीत चुका हैं, लेकिन अभी तक इस मामले में कार्रवाई की मांग की जा रही है. इसको लेकर सोमवार को माली समाज के लोगों ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया. वहीं, दूसरी ओर आरोपी के समर्थक भी मंगलवार सड़क पर आ गए. उन्होंने मांग की है कि मामले में निर्दोष लोगों को फंसाया जा रहा है, इस मामले में निष्पक्ष कार्रवाई हो.

दरअसल, मंगलवार को इस मामले में आरोप लगे पूर्व विधायक के भाई और कोटा डेयरी के अध्यक्ष श्री लाल गुंजल, सुपरवाइजर प्रभु लाल गुर्जर और लेसरदा निवासी आरपी गोपाल गुर्जर के समर्थन में कोटा डेयरी संचालक और गुर्जर समाज उतर आया है. उन्होंने मांग की है कि मामले में निर्दोष लोगों को फंसाया जा रहा है. इस मामले में निष्पक्ष कार्रवाई की जाए, अगर कार्रवाई गलत तरीके से हुई तो कोटा-बूंदी इलाके में कोटा दूध उत्पादक लिमिटेड दूध की सप्लाई बंद कर देगी और अपना विरोध प्रकट करेगी.

वहीं, इस मामले में सुसाइड नोट को लेकर भी संशय बना हुआ है कि आखिरकार सुसाइड नोट की सच्चाई क्या है. माली समाज का कहना है कि सुसाइड नोट में कोटा डेयरी अध्यक्ष श्री लाल गुंजल और दो आरोपियों का नाम है, जबकि कोटा डेयरी से जुड़े लोगों और गुर्जर समाज का कहना है कि तीनों ही नाम मनगढ़ तरीके से लिखे गए हैं, उन्हें फंसाने की साजिश है. उनका कहना है कि बंसीलाल को कोटा डेयरी अध्यक्ष श्री लाल गुंजल ने डेयरी संचालक की जिम्मेदारी सौंपी थी. अगर उन्हें नुकसान ही पहुंचाना होता तो वह उसे डेयरी बूथ क्यों देते, ये माली समाज को नजर नहीं आ रहा है.

बंशीलाल खुदकुशी मामला

ऐसे में दोनों समाजों के प्रदर्शन के बाद प्रशासन के सामने चुनौती बनी हुई है कि एक तरफ उन्होंने माली समाज को 48 घंटे की कार्रवाई का आश्वासन दिया है, दूसरी ओर आज डेयरी और गुर्जर समाज ने भी आरोप लगे. तीनों लोगों पर आरोपों को निराधार बताया है और गलत कार्रवाई नहीं करने और निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की है.

बता दें, बूंदी जिले के तालेड़ा इलाके में सालभर पहले बंसीलाल माली ने अपने घर में खुदकुशी कर ली थी. सूचना मिलने पर तालेड़ा थाना पुलिस मौके पर पहुंची, जहां छानबीन के दौरान एक सुसाइड नोट मिला. परिवार के आरोप के अनुसार इस सुसाइड नोट में कोटा डेयरी के अध्यक्ष श्री लाल गुंजल, सुपरवाइजर प्रभुलाल गोचर, आरपी गोपाल गुर्जर द्वारा उकसाने को लेकर बंसीलाल ने खुदकुशी की है. इस मामले में कार्रवाई की मांग को लेकर माली समाज और पीड़ित परिवार आक्रोशित हो गया और उन्होंने उसी के बाद से प्रदर्शन करना शुरू कर दिया. इस मामले में माली समाज ने कई बार प्रदर्शन किए.

वहीं, सोमवार को माली समाज के लोगों ने जिला कलेक्टर के बाहर महापड़ाव डाला और वहां पर करीब 3 घंटे तक प्रदर्शन किया और सड़कों को जाम कर दिया, साथ ही टायर जलाए गए और जमकर बूंदी पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की गई. इस मामले में जिला प्रशासन ने 48 घंटे का उन्हें कार्रवाई का आश्वासन दिया, तब जाकर संघर्ष समिति के लोग माने और महापड़ाव समाप्त कर कलेक्टर के बाद बाहर धरना लगा दिया और 48 घंटे का इंतजार किया.

इस मामले में कोटा डेयरी अध्यक्ष श्रीलाल गुंजल और दो अन्य लोगों के पक्ष में कोटा डेयरी से जुड़े बूथ संचालक और गुर्जर समाज समर्थन में उतर आया और मंगलवार को बड़ी तादाद में महिला पुरुषों के साथ जिला कलेक्टर पर प्रदर्शन करने पहुंच गए, जहां पर उन्होंने श्रीलाल गुंजल और अन्य दो लोगों के पक्ष में जमकर नारेबाजी की और कहा कि निर्दोष लोगों को हम फंसने नहीं देंगे. यहां पर उन्होंने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा और निष्पक्ष जांच की मांग की है.

Intro:बूंदी के तालेड़ा निवासी डेयरी संचालक बंसीलाल माली खुदकुशी का मामला थमता नजर नहीं आ रहा है । खुदकुशी की घटना को 1 साल बीत चुका है लेकिन अभी तक भी इस मामले में कार्यवाही की मांग की जा रही है । कल मंगलवार को माली समाज के लोगों ने कलेक्ट्रेट पर महापड़ाव डाला था और करीब 3 घंटे के अधिक समय तक आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की थी लेकिन प्रशासन द्वारा कार्यवाही में 48 घंटे का वक्त मांगकर आश्वासन दिया गया तो माली समाज धरना लगाकर बैठ गया और महापड़ाव को टाल दिया ।

आज इस मामले में आरोप लगे पूर्व विधायक के भाई व कोटा डेयरी के अध्यक्ष श्री लाल गुंजल ,सुपरवाइजर प्रभु लाल गुर्जर और लेसरदा निवासी आरपी गोपाल गुर्जर के समर्थन में कोटा डेयरी संचालक व गुर्जर समाज उतर आया है उन्होंने मांग की है कि मामले में निर्दोष लोगों को फंसाया जा रहा है इस मामले में निष्पक्ष कार्यवाही की जाए। अगर कार्यवाही गलत तरीके से हुई तो कोटा - बूंदी इलाके में कोटा दूध उत्पादक लिमिटेड दूध की सप्लाई बंद कर देगी और अपना विरोध प्रकट करेगी । इस मामले में सुसाइड नोट को लेकर भी संशय बना हुआ है कि आखिरकार सुसाइड नोट की सच्चाई क्या है माली समाज का कहना है कि सुसाइड नोट में कोटा डेयरी अध्यक्ष श्री लाल गुंजल व दो आरोपियों का नाम है जबकि कोटा डेयरी से जुड़े लोगो एवं गुर्जर समाज का कहना है कि तीनों ही नाम मनगढ़ तरीके से लिखे गए हैं उन्हें फंसाने की साजिश है । उनका कहना है कि बंसीलाल को कोटा डेयरी अध्यक्ष श्री लाल गुंजल ने डेयरी संचालक की जिम्मेदारी सौंपी थी अगर उन्हें नुकसान ही पहुंचाना होता तो वह उसे डेयरी बूथ क्यों देते करते हैं यह माली समाज को नजर नहीं आ रहा है । दोनों के प्रदर्शन के बाद प्रशासन के सामने चुनौती बनी हुई है कि एक तरफ उन्होंने माली समाज को 48 घंटे की कार्यवाही का आश्वासन दिया है तो दूसरी ओर आज डेयरी व गुर्जर समाज ने भी आरोप लगे तीनों लोगों पर आरोपों को निराधार बताया है और गलत कार्रवाई नहीं करने और निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की है ।


Body:बूंदी जिले के तालेड़ा इलाके में साल भर पूर्व बंसीलाल माली ने अपने घर में खुदकुशी कर ली थी सूचना मिलने पर तालेड़ा थाना पुलिस मौके पर पहुंची जहां छानबीन के दौरान एक सुसाइड नोट मिला । परिवार के आरोप के अनुसार इस सुसाइड नोट में कोटा डेयरी के अध्यक्ष श्री लाल गुंजल , सुपरवाइजर प्रभुलाल गोचर ,आरपी गोपाल गुर्जर द्वारा उकसाने को लेकर बंसीलाल ने खुदकुशी की है । इस मामले में कार्रवाई की मांग को लेकर माली समाज व पीड़ित परिवार आक्रोशित हो गया और उन्होंने उसी के बाद से प्रदर्शन करना शुरू कर दिया । इस मामले में माली समाज ने कई बार प्रदर्शन किए कल मंगलवार को माली समाज के लोगों ने जिला कलेक्टर के बाहर महापड़ाव डाला और वहां पर करीब 3 घंटे तक प्रदर्शन किया और सड़कों को जाम कर दिया टायर जलाए गए और जमकर बूंदी पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की गई। इस मामले में जिला प्रशासन ने 48 घंटे का उन्हें कार्रवाई का आश्वासन दिया जब जाकर संघर्ष समिति के लोग माने और महापड़ाव समाप्त कर कलेक्टर के बाद बाहर धरना लगा दिया और 48 घंटे का इंतजार किया ।

इस मामले में कोटा डेयरी अध्यक्ष श्री लाल गुंजल व दो अन्य लोगों के पक्ष में कोटा डेयरी से जुड़े बूथ संचालक वह गुर्जर समाज समर्थन में उतर आया और आज बड़ी तादाद में महिला पुरुषों के साथ जिला कलेक्टर पर प्रदर्शन करने पहुंचा जहां पर उन्होंने श्री लाल गुंजल अन्य दो लोगों के पक्ष में जमकर नारेबाजी की और कहा कि निर्दोष लोगों को हम फंसने नहीं देंगे यहां पर उन्होंने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा और निष्पक्ष जांच की मांग की है ।


Conclusion:इस मामले में माली समाज को जिला प्रशासन ने 48 घंटे की मोहलत दी है तब तक वह जिला कलेक्टर के बाहर धरने पर बैठे हुए हैं । इसके बाद वह आंदोलन की नई रूपरेखा तय करने की जैसी चेतावनी दे रहे हैं । ऐसे में सामने डेयरी संचालक व गुर्जर समाज भी आरोप लगे लोगों के पक्ष में आ गया है और निष्पक्ष कार्रवाई की मांग कर रहा है । ऐसे में प्रशासन के सामने चुनौती बनी हुई है कि वह एक तरफ 48 घंटे का आश्वासन देने के बाद क्या कार्रवाई करें और इधर सामने आरोप लगे लोगों को कैसे समझाए । अब देखना होगा कि प्रशासन किस तरीके से कार्रवाई कर पाता है ।

बाईट - विश्वजीत सिंह , डेयरी संचालक
बाईट - रूपेश शर्मा , समर्थक
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