बूंदी: भीलवाड़ा क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश के चलते बूंदी जिले के हिंडोली उपखंड क्षेत्र में स्थित गुढ़ा बांध में भी लगातार पानी की आवक बढ़ती गई. जिसके चलते गुढ़ा बांध लबालब भर गया. इसे देखते हुए प्रशासन ने निचले इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया. बांध के 10 गेट खोलकर पानी की लगातार निकासी की जा रही है.
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2019 के बाद खुला गेट
एशिया के कच्चे बांध के नाम से प्रसिद्ध गुढ़ा बांध के 10 गेटों को लगभग 12 साल बाद खोला गया है. इसकी वजह पानी का बढ़ता जल स्तर है, जो खतरे निशान से ऊपर है. इसे देखते हुए ही प्रशासन ने गेटों को खोलने का निर्णय लिया. क्षेत्र में पुलिस प्रशासन की ओर से मुनादी करा दी गई है. गुढ़ा बांध में कुल 30 गेट हैं.
दस साल पहले क्या हुआ था
दरअसल, 2019 में गेट खोलने के बाद क्षेत्र में हालात अनियंत्रित हो गए थे. उसी तरह आज गेट खोलने के बाद भी क्षेत्र में हालात चिंताजनक बने हुए हैं. इस बीच पुलिस प्रशासन और जल संसाधन विभाग के अभियंता बराबर लगातार मुस्तैदी के साथ चौकसी बनाए हुए हैं. हिंडोली उपखंड अधिकारी मुकेश चौधरी और सिंचाई विभाग के अभियंताओ की देखरेख में आज पानी की निकासी की जा रही है. गुढ़ा बांध की भराव क्षमता 95 पॉइंट 56 मिलीयन क्यूबिक मीटर है. हालांकि इस निकासी के बाद मेज नदी में भी पानी का जलस्तर बढ़ गया है.
NDRF अलर्ट पर
बांध के आसपास के इलाकों में बसे ग्रामीणों को सावधान रहने की अपील की गई है. पुलिस प्रशासन ने एनडीआरएफ (NDRF) वह सिविल डिफेंस (Civil Defense) के जवान लगातार हिंडोली उपखंड (Hindoli) क्षेत्र गुढ़ा (Gudha) बांध के आसपास निगरानी बनाए हुए हैं.
सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता आरके पाटनी के अनुसार गुढ़ा बांध के पानी से 11380 हेक्टेयर मैं सिंचाई होती है. किसानों लिए ये बांध वरदान है.
बताया जा रहा है कि बांध में नए गेट भी लगाये गए हैं. पुराने गेटों की हालत जर्जर होने की वजह से उन्हें हटा दिया गया था.