नैनवां (बूंदी). जिले के नैनवां उपखंड के कालामाल गांव में रात को खेतों में सिंचाई करते समय एक बुजुर्ग किसान को सांप ने काट लिया. जिससे उसकी तबीयत बिगड़ गई. परिजन उसे अंध विश्वास के चलते देवता के थानक पर ले गए, लेकिन वहां पर उसकी तबीयत में सुधार नहीं हुआ. इसके बाद फिर दूसरी जगह किसी तांत्रिक के पास झाड़-फूंक कराने ले गए. वहां भी तबीयत ठीक नहीं होने पर बुधवार रात को परिजन उसे घर पर ले आए, जहां पर तड़के किसान की मौत हो गई.
पोस्टमार्टम के लिए करना पड़ा घंटों इंतजार
बुजुर्ग किसान की मौत होने के बाद परिजन शव को देई अस्पताल में लेकर आए. लेकिन पोस्टमार्टम के लिए चिकित्सक उपलब्ध नहीं होने पर परिजन चिकित्सक का घण्टों इंतजार करते रहे. दोपहर एक बजे चिकित्सक के आने के बाद शव का पोस्टमार्टम हुआ. इस संबंध में अस्पताल प्रभारी वेदांती सिंह ने बताया कि चिकित्सकों की कमी से दिक्कत आ जाती है. चिकित्सक सतीश सक्सेना के आने के बाद देई पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाया और शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया.
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विज्ञान और चिकित्सा के क्षेत्र में जहां हर गंभीर बीमारियों का इलाज संभव है. वहीं दूसरी ओर आज भी गांवों में अंध विश्वास और झाड़-फूंक के चक्कर में पड़ कर अब तक कई लोग जान से हाथ धो चुके हैं. लेकिन फिर भी ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी लोगों को ज्यादातर तांत्रिक उपाय और अंध विश्वास के चलते सर्प दंश और बच्चों में होने वाली बीमारियों जैसे निमोनिया, पेट दर्द आदि में झाड़ फूंक के चक्कर में अपनों की जान से हाथ धोना पड़ता है.