हिण्डोली (बूंदी) . जहां एक ओर सरकार प्रदेश को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए कई कार्य कर रही है, तो वहीं दूसरी ओर बूंदी के नैनवां में 40 परिवार ऐसे है, जो सर्दी, गर्मी और बरसात में तिरपाल से बनी झोपड़ियों में रहने को मजबूर है. जिनकी हालत ना तो सरकार को दिखाई देती है और न उनके रोने की अवाजें सुनाई देती है. जिस कारण यह 40 परिवार चार साल से सड़क किनारे झोपड़ी में रहकर अपना जीवन बीता रहे है. जिन्हें रोजमर्रा की सुविधाओं के लिए भी तरसना पड़ रहा है.
अतिक्रमण समक्षकर तोड़ा मकान
बता दें कि करीब चार साल पहले इन परिवारों के घरों को प्रशासन ने अतिक्रमण मानकर तोड़ दिया था. जिन्हें वापस बसाने के लिए नगर रोड पर ही जिला कलेक्टर की ओर से 5 बीघा भूमि आवंटन की गई थी. जहां यह परिवार अभी तिरपाल लगाकर बसे हुए हैं, लेकिन सरकार द्वारा अभी तक इन परिवारों को किसी भी प्रकार की कोई सहायता नहीं मिली है.
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मंत्रियों को दिया ज्ञापन
परिवार के सदस्यों का कहना था कि इस संबंध में कई बार प्रशासन को अवगत करवाने के लिए मंत्रियों को कई बार ज्ञापन दे चुके है, लेकिन अभी तक सरकार ने कोई सुध नहीं ली है. जिस कारण चार साल से इन झोपड़ियों में रहना पड़ रहा है. वहीं लोगों ने बताया कि राशन कार्ड तो हैं, लेकिन दुकानदार राशन नहीं देता. हर एक चीज के लिए रोजाना संघर्ष करना पड़ता है. साथ ही कहा कि पात्र में होते हुए भी चयनित में उनका चयन नहीं किया गया. जो सरकार की ओर से चल रही योजनाओं पर बड़ा सवाल उठाता है.
नहीं पहुंच पाती सरकारी योजनाएं
आपको बता दें कि नैनवां विधानसभा क्षेत्र खेल राज्य मंत्री अशोक चांदना का विधानसभा क्षेत्र है. एक मंत्री के क्षेत्र के लोगों तक सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं पहुंचना आखिर बड़ा सवाल खड़ा करता है. जहां सरकार बड़े-बड़े वादे जनता से करती है, लेकिन धरातल पर जो हकीकत बयां होती है वह इन परिवारों को देखकर साफ नजर आ रही है. सरकार कई योजनाओं को प्रचार -प्रसार के माध्यम से लोगों तक पहुंचा तो देती है, लेकिन उन्हें धरातल पर पहुंचने में बरसों गुजर जाते हैं जिससे छोटे लोगों तक सरकारी योजनाएं नहीं पहुंच पाती है.