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बूंदी में 40 परिवार झोपड़ियों में रहने को मजबूर, रोजमर्रा की सुविधाओं के लिए कर रहे संघर्ष

बूंदी में 40 परिवार ऐसे है जो चार साल से झोपड़ियों में रहने को मजबूर है. जिनको सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं का कोई लाभ अब तक नहीं मिल पाया है. जिस कारण उन्हें रोजमर्रा की सुविधाओं के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है.

बूंदी हिण्डोली खबर,  bundi news
40 परिवारों को नहीं मिला एक भी सरकारी योजनाओं का लाभ
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Published : Jan 7, 2020, 8:36 PM IST

हिण्डोली (बूंदी) . जहां एक ओर सरकार प्रदेश को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए कई कार्य कर रही है, तो वहीं दूसरी ओर बूंदी के नैनवां में 40 परिवार ऐसे है, जो सर्दी, गर्मी और बरसात में तिरपाल से बनी झोपड़ियों में रहने को मजबूर है. जिनकी हालत ना तो सरकार को दिखाई देती है और न उनके रोने की अवाजें सुनाई देती है. जिस कारण यह 40 परिवार चार साल से सड़क किनारे झोपड़ी में रहकर अपना जीवन बीता रहे है. जिन्हें रोजमर्रा की सुविधाओं के लिए भी तरसना पड़ रहा है.

40 परिवारों को नहीं मिला एक भी सरकारी योजनाओं का लाभ

अतिक्रमण समक्षकर तोड़ा मकान
बता दें कि करीब चार साल पहले इन परिवारों के घरों को प्रशासन ने अतिक्रमण मानकर तोड़ दिया था. जिन्हें वापस बसाने के लिए नगर रोड पर ही जिला कलेक्टर की ओर से 5 बीघा भूमि आवंटन की गई थी. जहां यह परिवार अभी तिरपाल लगाकर बसे हुए हैं, लेकिन सरकार द्वारा अभी तक इन परिवारों को किसी भी प्रकार की कोई सहायता नहीं मिली है.

पढ़ेंः नवजातों पर कहर कब तक: नहीं सुधरे बूंदी अस्पताल के हालात, स्टेप डाउन वार्ड में संक्रमण का खतरा

मंत्रियों को दिया ज्ञापन
परिवार के सदस्यों का कहना था कि इस संबंध में कई बार प्रशासन को अवगत करवाने के लिए मंत्रियों को कई बार ज्ञापन दे चुके है, लेकिन अभी तक सरकार ने कोई सुध नहीं ली है. जिस कारण चार साल से इन झोपड़ियों में रहना पड़ रहा है. वहीं लोगों ने बताया कि राशन कार्ड तो हैं, लेकिन दुकानदार राशन नहीं देता. हर एक चीज के लिए रोजाना संघर्ष करना पड़ता है. साथ ही कहा कि पात्र में होते हुए भी चयनित में उनका चयन नहीं किया गया. जो सरकार की ओर से चल रही योजनाओं पर बड़ा सवाल उठाता है.

नहीं पहुंच पाती सरकारी योजनाएं
आपको बता दें कि नैनवां विधानसभा क्षेत्र खेल राज्य मंत्री अशोक चांदना का विधानसभा क्षेत्र है. एक मंत्री के क्षेत्र के लोगों तक सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं पहुंचना आखिर बड़ा सवाल खड़ा करता है. जहां सरकार बड़े-बड़े वादे जनता से करती है, लेकिन धरातल पर जो हकीकत बयां होती है वह इन परिवारों को देखकर साफ नजर आ रही है. सरकार कई योजनाओं को प्रचार -प्रसार के माध्यम से लोगों तक पहुंचा तो देती है, लेकिन उन्हें धरातल पर पहुंचने में बरसों गुजर जाते हैं जिससे छोटे लोगों तक सरकारी योजनाएं नहीं पहुंच पाती है.

हिण्डोली (बूंदी) . जहां एक ओर सरकार प्रदेश को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए कई कार्य कर रही है, तो वहीं दूसरी ओर बूंदी के नैनवां में 40 परिवार ऐसे है, जो सर्दी, गर्मी और बरसात में तिरपाल से बनी झोपड़ियों में रहने को मजबूर है. जिनकी हालत ना तो सरकार को दिखाई देती है और न उनके रोने की अवाजें सुनाई देती है. जिस कारण यह 40 परिवार चार साल से सड़क किनारे झोपड़ी में रहकर अपना जीवन बीता रहे है. जिन्हें रोजमर्रा की सुविधाओं के लिए भी तरसना पड़ रहा है.

40 परिवारों को नहीं मिला एक भी सरकारी योजनाओं का लाभ

अतिक्रमण समक्षकर तोड़ा मकान
बता दें कि करीब चार साल पहले इन परिवारों के घरों को प्रशासन ने अतिक्रमण मानकर तोड़ दिया था. जिन्हें वापस बसाने के लिए नगर रोड पर ही जिला कलेक्टर की ओर से 5 बीघा भूमि आवंटन की गई थी. जहां यह परिवार अभी तिरपाल लगाकर बसे हुए हैं, लेकिन सरकार द्वारा अभी तक इन परिवारों को किसी भी प्रकार की कोई सहायता नहीं मिली है.

पढ़ेंः नवजातों पर कहर कब तक: नहीं सुधरे बूंदी अस्पताल के हालात, स्टेप डाउन वार्ड में संक्रमण का खतरा

मंत्रियों को दिया ज्ञापन
परिवार के सदस्यों का कहना था कि इस संबंध में कई बार प्रशासन को अवगत करवाने के लिए मंत्रियों को कई बार ज्ञापन दे चुके है, लेकिन अभी तक सरकार ने कोई सुध नहीं ली है. जिस कारण चार साल से इन झोपड़ियों में रहना पड़ रहा है. वहीं लोगों ने बताया कि राशन कार्ड तो हैं, लेकिन दुकानदार राशन नहीं देता. हर एक चीज के लिए रोजाना संघर्ष करना पड़ता है. साथ ही कहा कि पात्र में होते हुए भी चयनित में उनका चयन नहीं किया गया. जो सरकार की ओर से चल रही योजनाओं पर बड़ा सवाल उठाता है.

नहीं पहुंच पाती सरकारी योजनाएं
आपको बता दें कि नैनवां विधानसभा क्षेत्र खेल राज्य मंत्री अशोक चांदना का विधानसभा क्षेत्र है. एक मंत्री के क्षेत्र के लोगों तक सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं पहुंचना आखिर बड़ा सवाल खड़ा करता है. जहां सरकार बड़े-बड़े वादे जनता से करती है, लेकिन धरातल पर जो हकीकत बयां होती है वह इन परिवारों को देखकर साफ नजर आ रही है. सरकार कई योजनाओं को प्रचार -प्रसार के माध्यम से लोगों तक पहुंचा तो देती है, लेकिन उन्हें धरातल पर पहुंचने में बरसों गुजर जाते हैं जिससे छोटे लोगों तक सरकारी योजनाएं नहीं पहुंच पाती है.

Intro:बूंदी जिले के नैनवां मे 40 परिवार कड़कड़ाती ठंड मे तिरपाल के निचे गुजार रहे जिंन्दगी। वही इन 40 परिवारों को सरकार की किसी भी योजनाओं का लाभ नही मिलना। सरकार के सभी दावों को धता बता रही है। इन सभी परिवारों के राशनकार्ड तो बन गये लेकिन अनाज नही मिलता है। वही राज्य मंत्री अशोक चांदना के विधानसभा क्षेत्र मे अधिकारियों की लाफरवाही से इन परिवारो को सरकारी योजनाओं का लाभ नही मिलना बड़ा सवाल हैBody:बूंदी जिले के नैनवां मे 40 परिवार इस कड़कड़ाती ठंड मे तिरपाल के निचे गुजार रहे जिन्दगी। ओर नैनवां में अब तक भी इन 40 परिवारों को सरकार की किसी भी योजनाओं का लाभ नहीं मिलना बड़ा सवाल उठाता है ।जानकारी के अनुसार नेनवा के नगर रोड पर कालबेलिया समाज के करीब 40 परिवार तिरपाल से बनी झोपड़ियों में रहने को मजबूर हैं। जो करीब 4 साल से ऐसे ही रह रहे हैं ।जिन्हें बिजली पानी आवास राशन आदि रोजमर्रा की सुविधाओं के लिए भी तरसना पड़ रहा है ।नेनवा के नगर रोड पर रह रहे इन परिवारों को प्रशासन द्वारा अतिक्रमण मानकर इनके बने बनाये मकानों को प्रशासन ने 4 वर्ष पहले बुलडोजर चलाकर तोड़ दिया था। वही इन्हें वापस बसाने के लिए नगर रोड पर ही जिला कलेक्टर द्वारा 5 बीघा भूमि आवंटन की गई थी। जहां यह परिवार अभी तिरपाल लगाकर बसे हुए हैं ।लेकिन सरकार द्वारा अभी तक 4 वर्षों में भी इन परिवारों को किसी भी प्रकार की कोई सरकारी सहायता नहीं दी गई । जिससे यह सभी परिवार सर्दी गर्मी बरसात में इन्हीं तिरपाल से बनी झोपड़ियों मे जिंदगी गुजार रहे हैं ।वही इस कड़कड़ाती ठंड में इन लोगों को झोपड़ी में रहना पड़ रहा है ।वहां रह रहे परिवारों का कहना था कि हमारे बच्चे ठंड में इन्हीं झोपड़ी में रहते हैं जिससे ज्यादातर बच्चे वह महिला पुरुष बीमार हो रहे हैं। वही अभी भी एक बुजुर्ग गंभीर हालत में पड़ा हुआ है जो किसी भी समय जा सकता है ।लेकिन कई बार प्रशासन को अवगत करवाने मंत्रियों को ज्ञापन देने धरना देने के बाद भी आज दिन तक सरकार के द्वारा उनकी कोई सुध नहीं ली गई। लोगों ने बताया कि हमें राशन कार्ड तो बना दिए गए लेकिन राशन कार्ड से कुछ नहीं मिलता वही ना प्रधानमंत्री आवास का लाभ मिला ओर न ही शौचालय बना सके। साथ ही पात्र होते हुए भी चयनित में उनका चयन नहीं किया गया। जो सरकार की ओर से चल रही योजनाओं पर बड़ा सवाल उठाता है ।उन लोगों का कहना था कि हम हर बार वोट देते हैं सरकार बनाते हैं जनप्रतिनिधि चुनते हैं लेकिन वह फिर वह सिर्फ वोट लेने आते हैं ।आज दिन तक 4 वर्षों से कोई जनप्रतिनिधि सरकार के प्रतिनिधि ने हमारे दुख दर्द को कभी नहीं समझा । हम कैसे मजबूरी में जीवन यापन करने को मजबूर हैं ।पूरे 40 परिवारों में एक भी परिवार चयनित में नहीं होने से उन्हें न तो अनाज मिलता है ओर ना इलाज मिलता है ।आपको बता दें कि नैनवां विधानसभा क्षेत्र खेल राज्य मंत्री अशोक चांदना का विधानसभा क्षेत्र है। एक मंत्री के क्षेत्र के लोगों तक सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं पहुंचना आखिर बड़ा सवाल खड़ा करता है । जहां सरकार बड़े-बड़े वादे जनता से करती है लेकिन धरातल पर जो हकीकत बयां होती है वह इन परिवारो को देखकर साफ नजर आ रही है ।सरकार कई योजनाओं को प्रचार प्रसार के माध्यम से लोगों तक पहुंचा तो देती है लेकिन उन्हें धरातल पर पहुंचने में बरसो गुजर जाते हैं जिससे छोटे लोगों तक सरकारी योजनाएं नहीं पहुंच पाती है


विजवल -, तिरपाल से बनी झोपड़ियां
विजवल - झोपड़ियों मे रह रहे परिवार
विजवल - राशनकार्ड दिखाते परिवार
बाईट - प्रेम सिंह पीडित
बाईट - मिठा बाई पीडित
बाईट -, कमलेशी बाई पिडित

Conclusion: बड़ा सवाल अगर जांच की जाए तो क्षेत्र में कई संपन्न परिवार हैं जो बीपीएल चयनित मे होकर खाद्यय योजनाओं सहित सरकार की सभी योजनाओं का भरपूर फायदा उठा रहे हैं ।लेकिन बिना अधिकारियों ओर कर्मचारियों की मिलीभगत से यह होता है। यह बात साफ तौर पर नजर आती है जहा पात्र लोगो को योजनाओं से वंचित रखना ओर संम्पन्न लोगो को योजनाओं का लाभ पहुचाया गया हो।
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