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Special : केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे का किया निरीक्षण, ये है खासियत - inspected Amritsar Jamnagar Expressway

केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी सोमवार को बीकानेर पहुंचे, जहां उन्होंने अमृतसर जामनगर एक्सप्रेसवे का हवाई निरीक्षण (Amritsar Jamnagar Expressway) किया. यहां जानें इसकी खासियत...

Amritsar Jamnagar Expressway
अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे की खासियत
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Published : May 22, 2023, 7:28 PM IST

बीकानेर. केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को भारतमाला परियोजना के तहत बन रहे अमृतसर जामनगर ग्रीनफील्ड कॉरिडोर के प्रथम चरण का हवाई निरीक्षण किया. इस दौरान गडकरी ने अधिकारियों से निर्माण कार्य से संबंधित जानकारियां ली. वहीं, 22,500 करोड़ रुपए की लागत से अमृतसर से जामनगर को जोड़ने वाला 917 किलोमीटर लंबा ये ग्रीनफील्ड 6-लेन एक्सेस कंट्रोल्ड कॉरिडोर उत्तरी और मध्य भारत के बीच बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करने और आयात-निर्यात की गतिविधियों को सरल बनाएगा.

राजस्थान में प्रोजेक्ट की लागत 15000 करोड़ : राजस्थान में 15000 करोड़ रुपए की लागत से बने रहे 637 किमी लंबे 6-लेन इकोनॉमिक का करीब 93 फीसदी काम पूरा हो चुका है. बता दें कि ये कॉरिडोर पंजाब में 155 किमी और गुजरात में 125 किमी में बन रहा है.

Amritsar Jamnagar Expressway
अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे की खासियत

22500 करोड़ की लागत : भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत बन रहे अमृतसर जामनगर एक्सप्रेसवे की कुल लागत 22500 करोड़ है. 1224 किलोमीटर की लंबाई में 917 किलोमीटर ग्रीन फील्ड कोरिडोर का क्षेत्र शामिल होगा. एनएचएआई के अनुसार 6 लेन ग्रीन कोरिडोर को भविष्य में 10 लेन करने का विकल्प रहेगा. इस कोरिडोर में 100 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से वाहन चला सकेंगे.

इसे भी पढ़ें - केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का आज बीकानेर दौरा, जामनगर एक्सप्रेस-वे का करेंगे निरीक्षण

आर्थिक विकास को बढ़ावा : इस कोरिडोर के निर्माण से देश में आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा. जिससे इसको बनाने का मुख्य उद्देश्य पूरा होगा, क्योंकि जामनगर से अमृतसर की 23 घंटा की दूरी अब 12 घंटे में तय होगी. चार राज्यों के 15 जिलों को जोड़ने वाले इस कोरिडोर से कांडला पोर्ट पर जम्मू, पंजाब, हरियाणा राजस्थान से गुजरात सीधे जुड़ेगा. जिससे आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा.

ये है खासियत : इस कोरिडोर में 7 बंदरगाह, 11 आर्थिक केंद्र, नौ प्रमुख हवाई अड्डों के साथ ही क्षेत्र में आने वाले पर्यटन स्थल को भी बढ़ावा मिलेगा. कोरिडोर में 32 सड़क, ट्रॉमा केंद्र के अलावा 5 जी नेटवर्क केबल सिस्टम और चार थर्मल पॉवर प्लांट शामिल है.

जानें क्यों राजस्थान के लिए अहम है एक्सप्रेसवे : इस कोरिडोर को राजस्थान के लिए काफी महत्वपूर्ण बताया जा रहा है, क्योंकि बाड़मेर रिफायनरी भी इससे जुड़ेगी. वहीं, सूरतगढ़ थर्मल पावर प्लांट भी इससे जुड़ेगा. ये एक्सप्रेसवे राजस्थान के कुल 9 जिलों से होकर गुजरेगी. जिसमें सांचौर, फलोदी, बालोतरा के साथ ही जोधपुर, बाड़मेर, बीकानेर, गंगानगर, हनुमानगढ़ और नागौर शामिल है.

बीकानेर. केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को भारतमाला परियोजना के तहत बन रहे अमृतसर जामनगर ग्रीनफील्ड कॉरिडोर के प्रथम चरण का हवाई निरीक्षण किया. इस दौरान गडकरी ने अधिकारियों से निर्माण कार्य से संबंधित जानकारियां ली. वहीं, 22,500 करोड़ रुपए की लागत से अमृतसर से जामनगर को जोड़ने वाला 917 किलोमीटर लंबा ये ग्रीनफील्ड 6-लेन एक्सेस कंट्रोल्ड कॉरिडोर उत्तरी और मध्य भारत के बीच बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करने और आयात-निर्यात की गतिविधियों को सरल बनाएगा.

राजस्थान में प्रोजेक्ट की लागत 15000 करोड़ : राजस्थान में 15000 करोड़ रुपए की लागत से बने रहे 637 किमी लंबे 6-लेन इकोनॉमिक का करीब 93 फीसदी काम पूरा हो चुका है. बता दें कि ये कॉरिडोर पंजाब में 155 किमी और गुजरात में 125 किमी में बन रहा है.

Amritsar Jamnagar Expressway
अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे की खासियत

22500 करोड़ की लागत : भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत बन रहे अमृतसर जामनगर एक्सप्रेसवे की कुल लागत 22500 करोड़ है. 1224 किलोमीटर की लंबाई में 917 किलोमीटर ग्रीन फील्ड कोरिडोर का क्षेत्र शामिल होगा. एनएचएआई के अनुसार 6 लेन ग्रीन कोरिडोर को भविष्य में 10 लेन करने का विकल्प रहेगा. इस कोरिडोर में 100 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से वाहन चला सकेंगे.

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आर्थिक विकास को बढ़ावा : इस कोरिडोर के निर्माण से देश में आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा. जिससे इसको बनाने का मुख्य उद्देश्य पूरा होगा, क्योंकि जामनगर से अमृतसर की 23 घंटा की दूरी अब 12 घंटे में तय होगी. चार राज्यों के 15 जिलों को जोड़ने वाले इस कोरिडोर से कांडला पोर्ट पर जम्मू, पंजाब, हरियाणा राजस्थान से गुजरात सीधे जुड़ेगा. जिससे आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा.

ये है खासियत : इस कोरिडोर में 7 बंदरगाह, 11 आर्थिक केंद्र, नौ प्रमुख हवाई अड्डों के साथ ही क्षेत्र में आने वाले पर्यटन स्थल को भी बढ़ावा मिलेगा. कोरिडोर में 32 सड़क, ट्रॉमा केंद्र के अलावा 5 जी नेटवर्क केबल सिस्टम और चार थर्मल पॉवर प्लांट शामिल है.

जानें क्यों राजस्थान के लिए अहम है एक्सप्रेसवे : इस कोरिडोर को राजस्थान के लिए काफी महत्वपूर्ण बताया जा रहा है, क्योंकि बाड़मेर रिफायनरी भी इससे जुड़ेगी. वहीं, सूरतगढ़ थर्मल पावर प्लांट भी इससे जुड़ेगा. ये एक्सप्रेसवे राजस्थान के कुल 9 जिलों से होकर गुजरेगी. जिसमें सांचौर, फलोदी, बालोतरा के साथ ही जोधपुर, बाड़मेर, बीकानेर, गंगानगर, हनुमानगढ़ और नागौर शामिल है.

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