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बीकानेर के श्यामसुंदर ज्याणी को UNCCD ने लैंड फॉर लाइफ अवार्ड के लिए नामित किया

पर्यावरण और भूमि संरक्षण को लेकर काम करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था यूनाइटेड नेशंस कन्वेंशन टू कॉम्बेट डेजर्ट फिकेशन की तरफ से अंतराष्ट्रीय पुरस्कार के लिए दुनियाभर के 12 फाइनलिस्ट की घोषणा हो गई है. बीकानेर के डूंगर कॉलेज के समाजशास्त्र के प्रोफेसर श्यामसुंदर ज्याणी के नाम भी लिस्ट में शामिल किया गया है.

Land for Life Award, Shyamsunder Jyani
बीकानेर के श्यामसुंदर ज्याणी को UNCCD देगा लैंड फॉर लाइफ अवार्ड
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Published : Jun 15, 2021, 9:34 AM IST

Updated : Jun 15, 2021, 4:33 PM IST

बीकानेर. विश्व मरुस्थलीकरण और सूखारोधी दिवस 17 जून को मनाया जाता है. इस मौके पर हर दो साल बाद संयुक्त राष्ट्र संघ के भूमि संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करने वाली सबसे बड़ी संस्था यूनाइटेड नेशंस कन्वेंशन टू कॉम्बेट डेजर्ट फिकेशन (United Nations convention to combat desertification) द्वारा अंतराष्ट्रीय पुरस्कार लैंड फॉर लाइफ अवार्ड (Land for Life Award) दिया जाता है.

दुनियाभर के 12 फाइनलिस्ट की घोषणा हो गई है. जिसमें बीकानेर के श्यामसुंदर ज्याणी का भी नाम शामिल है. हर 2 साल में दिए जाने वाले इस पुरस्कार के लिए जारी की गई सूची ने पूरे देश से ही दो लोगों को शामिल किया.

बीकानेर के श्यामसुंदर ज्याणी को UNCCD देगा लैंड फॉर लाइफ अवार्ड

ईशा फाउंडेशन (Isha Foundation) के सद्गुरु जग्गी वासुदेव (Sadhguru Jaggi Vasudev) और बीकानेर के डूंगर कॉलेज (Government Dungar Collage) के समाजशास्त्र के प्रोफेसर श्यामसुंदर ज्याणी का चयन किया गया है. इसके अलावा बाकी 10 लोगों में ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया, चिली, मोजांबिक, त्रिनिदाद टोबैगो, नाइजीरिया और जिम्बाब्वे के लोगों और संस्थाओं को फाइनेंस की सूची में शामिल किया गया है.

ये भी पढ़ें: एशिया की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत में 7 दिन से कोरोना टीकाकरण बंद, भूख हड़ताल पर सरपंच

पिछले डेढ़ दशक से पर्यावरण संरक्षण के लिए अपने बौद्धिक विचार पारिवारिक वानिकी को लेकर काम कर रहे ज्याणी अब तक करीब 25 लाख पौधे लगा चुके हैं. जिले के डूंगर कॉलेज में 3 हजार से ज्यादा पौधे अब पेड़ का रूप लेकर उनकी सफलता की कहानी को बयां कर रहे हैं.

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी भी कर चुके हैं सम्मानित

यूएनसीसीडी (UNCCD) की ओर से जारी फाइनलिस्ट की सूची में ज्याणी का नाम जोड़ते हुए लिखा गया कि 15 हजार गांव में लाखों परिवारों को जोड़कर 25 लाख पौधे लगवाने वाले ज्याणी का पारिवारिक वानिकी का विचार धरती की सुरक्षा का एक बेहतरीन विचार है.

साल 2012 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी श्यामसुंदर ज्याणी को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया था. इसके अलावा लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी वृक्षारोपण के तीन रिकॉर्ड ज्याणी अपने नाम कर चुके हैं.

बीकानेर. विश्व मरुस्थलीकरण और सूखारोधी दिवस 17 जून को मनाया जाता है. इस मौके पर हर दो साल बाद संयुक्त राष्ट्र संघ के भूमि संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करने वाली सबसे बड़ी संस्था यूनाइटेड नेशंस कन्वेंशन टू कॉम्बेट डेजर्ट फिकेशन (United Nations convention to combat desertification) द्वारा अंतराष्ट्रीय पुरस्कार लैंड फॉर लाइफ अवार्ड (Land for Life Award) दिया जाता है.

दुनियाभर के 12 फाइनलिस्ट की घोषणा हो गई है. जिसमें बीकानेर के श्यामसुंदर ज्याणी का भी नाम शामिल है. हर 2 साल में दिए जाने वाले इस पुरस्कार के लिए जारी की गई सूची ने पूरे देश से ही दो लोगों को शामिल किया.

बीकानेर के श्यामसुंदर ज्याणी को UNCCD देगा लैंड फॉर लाइफ अवार्ड

ईशा फाउंडेशन (Isha Foundation) के सद्गुरु जग्गी वासुदेव (Sadhguru Jaggi Vasudev) और बीकानेर के डूंगर कॉलेज (Government Dungar Collage) के समाजशास्त्र के प्रोफेसर श्यामसुंदर ज्याणी का चयन किया गया है. इसके अलावा बाकी 10 लोगों में ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया, चिली, मोजांबिक, त्रिनिदाद टोबैगो, नाइजीरिया और जिम्बाब्वे के लोगों और संस्थाओं को फाइनेंस की सूची में शामिल किया गया है.

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पिछले डेढ़ दशक से पर्यावरण संरक्षण के लिए अपने बौद्धिक विचार पारिवारिक वानिकी को लेकर काम कर रहे ज्याणी अब तक करीब 25 लाख पौधे लगा चुके हैं. जिले के डूंगर कॉलेज में 3 हजार से ज्यादा पौधे अब पेड़ का रूप लेकर उनकी सफलता की कहानी को बयां कर रहे हैं.

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी भी कर चुके हैं सम्मानित

यूएनसीसीडी (UNCCD) की ओर से जारी फाइनलिस्ट की सूची में ज्याणी का नाम जोड़ते हुए लिखा गया कि 15 हजार गांव में लाखों परिवारों को जोड़कर 25 लाख पौधे लगवाने वाले ज्याणी का पारिवारिक वानिकी का विचार धरती की सुरक्षा का एक बेहतरीन विचार है.

साल 2012 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी श्यामसुंदर ज्याणी को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया था. इसके अलावा लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी वृक्षारोपण के तीन रिकॉर्ड ज्याणी अपने नाम कर चुके हैं.

Last Updated : Jun 15, 2021, 4:33 PM IST
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