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रविवार के दिन करें ये काम, भगवान सूर्यनारायण की बनी रहेगी कृपा

रविवार का दिन भगवान सूर्य को समर्पित है. भगवान सूर्य की पूजा करने से सभी कार्य निष्कंटक होते हैं और हर कार्य में सफलता मिलती है. आइए जानते हैं इस दिन किसी विधि से पूजा-पाठ करने से लाभ (Worshipping Rituals on Sunday) होता है और क्या करने से नुकसान...

Sun God is Worshipped on Sunday
Sun God is Worshipped on Sunday
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Published : Apr 23, 2023, 6:45 AM IST

बीकानेर. हर दिन की तरह रविवार का भी एक विशेष महत्व है. मान्यता है कि रविवार का दिन भगवान सूर्यनारायण को समर्पित है. आज के दिन भगवान सूर्य की पूजा करने से सभी कार्य निष्कंटक होते हैं और हर कार्य सफल होता है. रवि सूर्य का ही एक नाम है इसलिए उनके नाम से जोड़ते हुए इसे रविवार कहा गया है.

ऐसे करें पूजा : जन्म कुंडली में सूर्य ग्रह के उच्च स्थान पर होने से व्यक्ति के जीवन में कोई कठिनाई नहीं रहती है. साथ ही समाज परिवार में उसका स्थान हमेशा उच्च रहता है. पुराणों में कहा गया है कि भगवान सूर्य के उदय के वक्त उनके मंत्र का स्मरण उच्चारण करना चाहिए. ऊं आदित्य नम: और ऊं घृणि सूर्याय नमः, ॐ भास्कराय नमः मंत्रों का जाप करते हुए अर्ध्य देने से फल मिलता है. मान्यता है कि भगवान सूर्य को उगते वक्त जल से अर्घ्य दिया जाता है. जल में रोली या लाल चंदन का उपयोग किया जा सकता है. इसके अलावा सामान्य जल से भी अर्घ्य दिया जा सकता है, लेकिन कलश तांबे का ही प्रयोग करें.

पढ़ें. सोमवार के दिन इस विधि से करें शिव पूजन, होगी सभी इच्छाएं पूरी

न करें ये काम : ज्योतिषाचार्य कपिल जोशी ने बताया कि रविवार के दिन पीपल के पेड़ को स्पर्श करना निषेध है. रविवार के दिन तुलसी पत्ता तोड़ना वर्जित है. रविवार को आंवले का सेवन नहीं करना चाहिए. रविवार सूर्यदेव का दिन है, इस दिन बाल कटवाना व दाढ़ी बनाने धन, बुद्धि और धर्म की क्षति होती है. ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार रविवार के दिन कांसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए. इसके अलावा मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग की सब्जी भी नहीं खानी चाहिए. रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है.

बीकानेर. हर दिन की तरह रविवार का भी एक विशेष महत्व है. मान्यता है कि रविवार का दिन भगवान सूर्यनारायण को समर्पित है. आज के दिन भगवान सूर्य की पूजा करने से सभी कार्य निष्कंटक होते हैं और हर कार्य सफल होता है. रवि सूर्य का ही एक नाम है इसलिए उनके नाम से जोड़ते हुए इसे रविवार कहा गया है.

ऐसे करें पूजा : जन्म कुंडली में सूर्य ग्रह के उच्च स्थान पर होने से व्यक्ति के जीवन में कोई कठिनाई नहीं रहती है. साथ ही समाज परिवार में उसका स्थान हमेशा उच्च रहता है. पुराणों में कहा गया है कि भगवान सूर्य के उदय के वक्त उनके मंत्र का स्मरण उच्चारण करना चाहिए. ऊं आदित्य नम: और ऊं घृणि सूर्याय नमः, ॐ भास्कराय नमः मंत्रों का जाप करते हुए अर्ध्य देने से फल मिलता है. मान्यता है कि भगवान सूर्य को उगते वक्त जल से अर्घ्य दिया जाता है. जल में रोली या लाल चंदन का उपयोग किया जा सकता है. इसके अलावा सामान्य जल से भी अर्घ्य दिया जा सकता है, लेकिन कलश तांबे का ही प्रयोग करें.

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न करें ये काम : ज्योतिषाचार्य कपिल जोशी ने बताया कि रविवार के दिन पीपल के पेड़ को स्पर्श करना निषेध है. रविवार के दिन तुलसी पत्ता तोड़ना वर्जित है. रविवार को आंवले का सेवन नहीं करना चाहिए. रविवार सूर्यदेव का दिन है, इस दिन बाल कटवाना व दाढ़ी बनाने धन, बुद्धि और धर्म की क्षति होती है. ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार रविवार के दिन कांसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए. इसके अलावा मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग की सब्जी भी नहीं खानी चाहिए. रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है.

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