बीकानेर. रामनवमी का पर्व सनातन धर्म में बेहद खास माना जाता है. इस दिन भगवान राम ने जन्म लिया और इसलिए इसे रामनवमी के रूप में जाना जाता है. रामनवमी पर रामायण और रामरक्षा स्त्रोत का पाठ का स्मरण करने से जीवन सफल होता है.
आज पांच विशेष संयोग : पञ्चांगकर्ता के अनुसार वैसे तो रामनवमी अपने आप में एक श्रेष्ठ दिवस है, लेकिन इस बार रामनवमी पर गुरु पुष्य योग, अमृत सिद्धि योग, रवि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग जैसे चार शुभ योग के साथ पांचवां बड़ा संयोग इसका गुरुवार को होना है, क्योंकि गुरुवार भगवान विष्णु को समर्पित माना जाता है और भगवान राम को भगवान विष्णु का ही अवतार माना जाता है. ऐसे में आज एक बड़ा संयोग है.
ऐसे करें पूजा : पंडित राजेंद्र किराडू ने बताया कि शुभ मुहूर्त में भगवान राम की तस्वीर और प्रतिमा का अभिषेक केसर दूध से करें. घी का दीपक जलाकर भगवान राम को फूल, माला,अक्षत, चंदन और मिष्ठान अर्पित करने के बाद भगवान राम के मंत्र, रामचरितमानस, रामायण, रामरक्षास्तोत्र, बजरंग बाण और हनुमान चालीसा और रामायण का पूरा पाठ संभव न हो तो एक श्लोकी रामायण का पाठ करें. सबसे आखिर में भगवान राम की आरती करते हुए भगवान राम, माता सीता और हनुमानजी से सुख-समृद्धि और शांति की कामना करें.
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मां सिद्धिदात्री चार भुजाओं वाले स्वरूप में कमल पर विराजमान: पञ्चांगकर्ता पंडित राजेंद्र किराडू ने बताया कि देवी को नैवेद्य में खीर मालपुआ हलवे का भोग लगाना चाहिए इससे परिवार में खुशहाली आएगी. उन्होंने बताया कि मां सिद्धिदात्री चार भुजाओं वाले स्वरूप में कमल पर विराजमान हैं. जिसमें वह गदा, कमल, शंक और सुदर्शन चक्र हाथ में लिए हुए है.