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मरीज की मौत के बाद डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप, स्वर्णकार समाज ने शुरू किया अनिश्चितकालीन धरना

बीकानेर के एक निजी अस्पताल में एक युवक की इलाज के दौरान मौत हो गई थी. जिसके बाद स्वर्णकार समाज विरोध में उतर गया और चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए, आरोपी डॉक्टरों की गिरफ्तारी की मांग लेकर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है.

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Published : Jul 8, 2019, 11:27 PM IST

लापरवाह डॉक्टरों के खिलाफ स्वर्ण समाज का प्रदर्शन

बीकानेर. जिले के एक निजी अस्पताल में पथरी के इलाज के लिए भर्ती हुए एक युवक की अस्पताल में मौत हो गई थी. घटना के 35 दिन बीत जाने के बावजूद भी नामजद आरोपी चिकित्सकों की अभी तक गिरफ्तारी नहीं हो सकी है. ऐसे में मृतक के परिजनों और स्वर्णकार समाज के लोगों ने कलेक्ट्रेट पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है.

इस दौरान धरना पर बैठे लोगों ने बताया कि घटना के बाद हम लोगों ने शव लेने से इंकार कर दिया था, तब पुलिस प्रशासन ने समझाइश करते हुए मामला दर्ज कर जल्दी ही निष्पक्ष जांच करने और आरोपियों की गिरफ्तारी करने का भरोसा दिलाया था. लेकिन, अब घटना के 35 दिन बीत जाने के बाद भी डॉक्टरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिससे हम अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं.

लापरवाह डॉक्टरों के खिलाफ स्वर्ण समाज का प्रदर्शन

वहीं, परिजनों ने आरोप लगाया कि पूरे इलाज में निजी अस्पताल के चिकित्सकों की भारी लापरवाही रही और मरीज को ऑक्सीजन नहीं मिल पाई. परिजनों का कहना था कि अब जब तक आरोपी चिकित्सकों की गिरफ्तारी नहीं होती और हमें न्याय नहीं मिल जाता है, तब तक हमारा अनिश्चितकालीन धरना जारी रहेगा और जरूरत पड़ने पर पूरा समाज सड़कों पर उतरेगा.

बता दें, बीकानेर के एक निजी अस्पताल में बंगला नगर निवासी युवक नरेंद्र सोनी पथरी के इलाज के लिए भर्ती हुआ था. लेकिन, वहां उसकी तबीयत बिगड़ने पर उसे जयपुर रेफर कर दिया गया और जयपुर में 20 दिन इलाज के बाद उसे वहां से बीकानेर के पीबीएम अस्पताल में रेफर कर दिया गया, जहां उसकी मौत हो गई. परिजनों का आरोप है कि पथरी के इलाज के लिए निजी अस्पताल में भर्ती होने के बाद युवक कोमा में चला गया था और वहीं से उसकी मौत हो गई.

बीकानेर. जिले के एक निजी अस्पताल में पथरी के इलाज के लिए भर्ती हुए एक युवक की अस्पताल में मौत हो गई थी. घटना के 35 दिन बीत जाने के बावजूद भी नामजद आरोपी चिकित्सकों की अभी तक गिरफ्तारी नहीं हो सकी है. ऐसे में मृतक के परिजनों और स्वर्णकार समाज के लोगों ने कलेक्ट्रेट पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है.

इस दौरान धरना पर बैठे लोगों ने बताया कि घटना के बाद हम लोगों ने शव लेने से इंकार कर दिया था, तब पुलिस प्रशासन ने समझाइश करते हुए मामला दर्ज कर जल्दी ही निष्पक्ष जांच करने और आरोपियों की गिरफ्तारी करने का भरोसा दिलाया था. लेकिन, अब घटना के 35 दिन बीत जाने के बाद भी डॉक्टरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिससे हम अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं.

लापरवाह डॉक्टरों के खिलाफ स्वर्ण समाज का प्रदर्शन

वहीं, परिजनों ने आरोप लगाया कि पूरे इलाज में निजी अस्पताल के चिकित्सकों की भारी लापरवाही रही और मरीज को ऑक्सीजन नहीं मिल पाई. परिजनों का कहना था कि अब जब तक आरोपी चिकित्सकों की गिरफ्तारी नहीं होती और हमें न्याय नहीं मिल जाता है, तब तक हमारा अनिश्चितकालीन धरना जारी रहेगा और जरूरत पड़ने पर पूरा समाज सड़कों पर उतरेगा.

बता दें, बीकानेर के एक निजी अस्पताल में बंगला नगर निवासी युवक नरेंद्र सोनी पथरी के इलाज के लिए भर्ती हुआ था. लेकिन, वहां उसकी तबीयत बिगड़ने पर उसे जयपुर रेफर कर दिया गया और जयपुर में 20 दिन इलाज के बाद उसे वहां से बीकानेर के पीबीएम अस्पताल में रेफर कर दिया गया, जहां उसकी मौत हो गई. परिजनों का आरोप है कि पथरी के इलाज के लिए निजी अस्पताल में भर्ती होने के बाद युवक कोमा में चला गया था और वहीं से उसकी मौत हो गई.

Intro:बीकानेर में एक निजी अस्पताल में एक युवक की पथरी के इलाज के दौरान मौत होने के मामले में स्वर्णकार समाज विरोध में उतर गया है और लापरवाह चिकित्सकों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है।


Body:बीकानेर। एक निजी अस्पताल में पथरी के इलाज के लिए भर्ती हुए एक युवक की अस्पताल में मौत के मामले में घटना के 35 दिन बीतने के बावजूद भी नामजद आरोपी चिकित्सकों की गिरफ्तारी नहीं होने के विरोध में मृतक के परिजनों और स्वर्णकार समाज के लोगों ने कलेक्ट्रेट पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है। लोगों ने आरोप लगाया कि घटना के बाद एकबारगी हमने शव लेने से इंकार कर दिया तब पुलिस प्रशासन ने समझाइश करते हुए मामला दर्ज कर जल्दी ही निष्पक्ष जांच करने और आरोपियों की गिरफ्तारी करने का भरोसा दिलाया था लेकिन अब घटना के 35 दिन बीतने के बावजूद भी डॉक्टरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होने और गिरफ्तारी नहीं होने से हम अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं।


Conclusion:परिजनों ने आरोप लगाया कि पूरे इलाज में निजी अस्पताल के चिकित्सकों की भारी लापरवाही रही और मरीज को ऑक्सीजन नहीं मिल पाई। परिजनों का कहना था कि अब जब तक आरोपी चिकित्सकों की गिरफ्तारी नहीं होती और हमें न्याय मिल नहीं मिलता तब तक हमारा अनिश्चितकालीन धरना जारी रहेगा और जरूरत पड़ने पर पूरा समाज सड़कों पर उतर जाएगा। गौरतलब है कि बीकानेर के एक निजी अस्पताल में बंगला नगर निवासी युवक नरेंद्र सोनी पथरी के इलाज के लिए भर्ती हुआ था लेकिन वहां उसकी तबीयत बिगड़ने पर उसे जयपुर रैफर कर दिया गया और जयपुर में 20 दिन इलाज के बाद उसे वहां से बीकानेर के पीबीएम अस्पताल में रेफर कर दिया गया जहां उसकी मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि पथरी के इलाज के लिए निजी अस्पताल में भर्ती होने के बाद युवक कोमा में चला गया था और वहीं से उसकी मौत हो गई।

बाइट हुकमचन्द कांटा, मृतक के परिजन
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