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हनुमान जन्मोत्सव आज, पूजा करने से मिलेगा यह फल, महालक्ष्मी योग का संयोग - हनुमानजी की पूजा का महत्व

चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को भगवान राम के भक्त महाबली हनुमान जी का जन्म हुआ. इस बार आज यानी गुरूवार 6 अप्रैल को भगवान हनुमान जी का जन्म उत्सव मनाया जा रहा है. हनुमान जी को संकटमोचन भी कहा जाता है. बाधाओं और कष्टों से मुक्ति दिलाने वाले हनुमान जी की आज विशेष पूजा अर्चना करनी चाहिए. इससे सुफल और सुयश प्राप्त होता है.

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Published : Apr 6, 2023, 6:31 AM IST

बीकानेर. हिंदू धर्म शास्त्रों में हर दिन तिथि दिवस का अपना एक विशेष महत्व है. चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को हनुमान जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है. इस दिन हनुमान जी की विशेष पूजा आराधना करनी चाहिए. ऐसा करने से भक्त के जीवन की सारी बाधाएं स्वत: ही समाप्त हो जाती है.

ऐसे करें विशेष पूजा
आज के दिन हनुमान जी की विशेष पूजा अर्चना व श्रृंगार और भोग अर्पण करना चाहिए. इस दिन हनुमान जी की प्रतिमा पर विशेष श्रृंगार के साथ ही लाल पोशाक करनी चाहिए और भगवान को चूरमा गुड़ चना का भोग लगाना चाहिए. इसके अलावे हनुमान जी को मोदक भी काफी पसंद है. कहते हैं हनुमान जी को सिंदूर काफी पसंद है इसलिए उनके सिर पर लाल सिंदूर का लेप लगाएं. साथ ही लाल पोशाक पहनाएं.

रामनाम का जाप
हनुमान जी राम नाम के जाप से सबसे ज्यादा प्रसन्न होते हैं और राम नाम का जाप करने वालों पर उनकी विशेष कृपा होती है. इस दिन राम कथा करनी चाहिए और सुंदरकांड के पाठ और हनुमान चालीसा के पाठ भी करनी चाहिए. शत्रुओं पर अपने पराक्रम को बढ़ाने के लिए बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए लेकिन महिलाओं को यह पाठ नहीं करना चाहिए. ॐ हनुमंते नमः की माला फेरने से भी लाभ होता है.

पढ़ें Hanuman Janmotsav 2023 : यहां स्वयंभू हुए प्रकट हुए थे बालाजी, 300 वर्ष पुराना मंदिर है जन आस्था का केंद्र

एक श्लोकी रामायण का पाठ
इन रामायण पाठ करने का भी फल मिलता है लेकिन समय नहीं हो तो एक श्लोकी रामायण का पाठ करने का भी उतना ही पुण्य है.

महालक्ष्मी योग का संयोग
हनुमान जन्मोत्सव के दिन इस बार महालक्ष्मी योग का विशेष संयोग बन रहा है. गौर है कि गुरु और शुक्र की युति के चलते बन रहे महालक्ष्मी योग से आर्थिक सम्पन्नता प्राप्त होती है. इस दिन गुरुवार होने से श्रीहरि विष्णु और माता महालक्ष्मी की पूजा आराधना करने का भी दोगुना फल मिलता है.

बीकानेर. हिंदू धर्म शास्त्रों में हर दिन तिथि दिवस का अपना एक विशेष महत्व है. चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को हनुमान जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है. इस दिन हनुमान जी की विशेष पूजा आराधना करनी चाहिए. ऐसा करने से भक्त के जीवन की सारी बाधाएं स्वत: ही समाप्त हो जाती है.

ऐसे करें विशेष पूजा
आज के दिन हनुमान जी की विशेष पूजा अर्चना व श्रृंगार और भोग अर्पण करना चाहिए. इस दिन हनुमान जी की प्रतिमा पर विशेष श्रृंगार के साथ ही लाल पोशाक करनी चाहिए और भगवान को चूरमा गुड़ चना का भोग लगाना चाहिए. इसके अलावे हनुमान जी को मोदक भी काफी पसंद है. कहते हैं हनुमान जी को सिंदूर काफी पसंद है इसलिए उनके सिर पर लाल सिंदूर का लेप लगाएं. साथ ही लाल पोशाक पहनाएं.

रामनाम का जाप
हनुमान जी राम नाम के जाप से सबसे ज्यादा प्रसन्न होते हैं और राम नाम का जाप करने वालों पर उनकी विशेष कृपा होती है. इस दिन राम कथा करनी चाहिए और सुंदरकांड के पाठ और हनुमान चालीसा के पाठ भी करनी चाहिए. शत्रुओं पर अपने पराक्रम को बढ़ाने के लिए बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए लेकिन महिलाओं को यह पाठ नहीं करना चाहिए. ॐ हनुमंते नमः की माला फेरने से भी लाभ होता है.

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एक श्लोकी रामायण का पाठ
इन रामायण पाठ करने का भी फल मिलता है लेकिन समय नहीं हो तो एक श्लोकी रामायण का पाठ करने का भी उतना ही पुण्य है.

महालक्ष्मी योग का संयोग
हनुमान जन्मोत्सव के दिन इस बार महालक्ष्मी योग का विशेष संयोग बन रहा है. गौर है कि गुरु और शुक्र की युति के चलते बन रहे महालक्ष्मी योग से आर्थिक सम्पन्नता प्राप्त होती है. इस दिन गुरुवार होने से श्रीहरि विष्णु और माता महालक्ष्मी की पूजा आराधना करने का भी दोगुना फल मिलता है.

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