बीकानेर. जीवन में सुख-शांति संपन्नता और वैभव की प्राप्ति के लिए शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने का विधान है. माता लक्ष्मी की कृपा से व्यक्ति का जीवन समृद्धिशाली और वैभवशाली बनता है. हिंदू धर्म शास्त्रों में जन्मकुंडली का भी महत्व है (Maa laxmi worship on Shukrawar). जन्म कुंडली में शुक्र ग्रह का उच्च स्थान पर होना शुभ फलदायक माना जाता है. शुक्रवार के दिन धन प्राप्ति के लिए पूजा विधि भी विशेष होती है.
विधान से करें पूजा- शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी को लाल बिंदी, चुनरी, चूड़ियां सहित अन्य सोलह श्रृंगार अर्पित करना चाहिए. इससे सौभाग्य की वृद्धि होती है, साथ ही पति की उम्र लंबी होती है.शुक्रवार के दिन लक्ष्मी स्त्रोत, कनकधारा स्तोत्र या श्रीसूक्त का पाठ करना चाहिए. इससे धन का अभाव खत्म होता है और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद हमेशा बना रहता है. इस दिन माता लक्ष्मी को कमल या गुलाब का फूल अर्पित करें. मां को यह फूल अति प्रिय है. यह फूल अर्पित करने से तरक्की, सुख-समृद्धि के योग बनते हैं. मां लक्ष्मी की पूजा करने के बाद प्लेट में चार कपूर के टुकड़े में 2 लौंग रखकर आरती करना चाहिए. इससे मां जल्द प्रसन्न होती हैं.
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दाम्पत्य जीवन रहता सुखी- कहते हैं अगर शुक्र मजबूत हो तो सांसारिक सुखों में कोई कमी नहीं रहती, जातक का दाम्पत्य जीवन उत्तम और कष्ट से कोसों दूर रहता है. ज्योतिष मतानुसार नवग्रहों में शुक्र सबसे चमकीला ग्रह है. रात में चंद्रमा के अलावा चमकने वाला एकमात्र ग्रह यही है. इसी दिन मां लक्ष्मी की भी आराधना होती है. मां जो सुख, वैभव और सम्पन्नता प्रदान करती हैं.
इन मंत्रों का करें जाप- शुक्रवार के दिन कमलगट्टे की माला से मां लक्ष्मी का मंत्र 'ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मी नमः:' का जाप करें. मां लक्ष्मी के नाम का दीपक जलाते समय रूई के बदले कलावा की बत्ती बनाकर जलाएं. इससे मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है.