बीकानेर. राजस्थान में रीट पेपर लीक मामले में राज्य सरकार की ओर से कड़ी कार्यवाही देखने को मिल रही है. सोमवार सुबह जहां राज्य सरकार ने शिक्षा निदेशक गौरव अग्रवाल को इस मामले में एपीओ कर दिया तो वहीं देर शाम शिक्षा विभाग के तीन अधिकारियों पर भी गाज गिर गई. प्रमुख शासन सचिव नवीन जैन ने सीनियर टीचर भर्ती पेपर लीक के मास्टरमाइंड अनिल उर्फ शेर सिंह मीणा की पदोन्नति के मामले में दो प्रधानाचार्य प्रीति जालोपिया और संदीप जैन जो कि वर्तमान में निदेशालय में सहायक निदेशक कार्यरत हैं निलंबित किया. जालोपिया विभागीय जांच अनुभाग अधिकारी के रूप में कार्यरत है. वहीं संदीप जैन अनुभाग एबी सेक्शन के अनुभाग अधिकारी हैं. सिरोही के उस स्कूल के कार्यवाहक प्रधानाचार्य हरीश परमार को भी निलंबित किया गया है. अनिल उर्फ शेर सिंह इसी स्कूल में कार्यरत था.
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लापरवाही बनी निलंबन का कारणः इन तीनों अधिकारियों को निलंबित करने का कारण इनकी लापरवाही बनी. जिनमें सबसे पहले हरीश को निलंबित करने की वजह है अनिल उर्फ शेर सिंह मीणा के निलंबन और बर्खास्त के बाद शाला दर्पण से उसकी जानकारी को नहीं हटाना रहा. इसी के चलते आगे से आगे गफलत हुई. डीपीसी में अनिल मीणा का नाम शामिल हो गया. वहीं विभागीय जांच अनुभाग में अनुभाग अधिकारी प्रीति जालोपिया के अनुभाग की ओर से डीपीसी में शामिल किसी भी पदोन्नत होने वाले प्रधानाचार्य के खिलाफ विभागीय जांच नहीं होने की रिपोर्ट दी गई. वहीं अनुभाग अधिकारी संदीप जैन के निलंबन का कारण भी संस्थापन विभाग में दस्तावेजों को सही ढंग से चेक नहीं करने की लापरवाही रहा. इन तीनों स्तरों पर ही यह चीज पकड़ में आ जाती तो पदोन्नति सूची में अनिल मीणा और शेर सिंह मीणा का नाम नहीं आता. इसलिए इन तीनों अधिकारियों को निलंबित किया गया है. तीनों निलंबित अधिकारियों का मुख्यालय जयपुर स्कूल शिक्षा के संयुक्त निदेशक कार्यालय में किया गया है.
राज्य सरकार की हुई किरकरीः पहले से ही विपक्ष रीट पेपर लीक मामले में सरकार के खिलाफ लगातार माहौल बना रहा है. इस मामले में सरकार ने हालांकि अपने आप को बचाने का प्रयास करते हुए संलिप्त शिक्षा विभागीय शिक्षकों को पहले ही बर्खास्त किया था. उनमें से एक अनिल मीणा और शेर सिंह जो कि प्राचार्य के पद पर कार्यरत था और इसका नाम सामने आने के बाद सरकार ने उसको बर्खास्त कर दिया. बावजूद इसके विभागीय पदोन्नति प्रक्रिया के तहत मीणा को शिक्षा विभाग ने पदोन्नत करते हुए प्रिंसिपल के पद पर बाड़मेर पदस्थापित कर दिया. इन आदेशों के सामने आने के बाद सरकार की भी किरकिरी हुई. ऐसे में सरकार ने सोमवार को कड़ा कदम उठाते हुए शिक्षा विभाग के निदेशक आईएएस गौरव अग्रवाल को एपीओ करने के आदेश कर दिए हैं.