भीलवाड़ा. शहर की लाइफ लाइन कही जाने वाली कोठारी नदी नगर परिषद और यूआईटी के लगातार लापरवाही के चलते हो दूषित रही है. वहीं भीलवाड़ा शहर की कोठारी नदी की यह हालत देखते हुए शहर के युवा ने इस नदी की साफ सफाई करने का बेड़ा उठाया है. वहीं इससे पूर्व नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की ओर से नगर परिषद पर 63 लाख 80 हजार का जुर्माना लगाने के बाद भी नगर परिषद की नींद अब तक नहीं खुली है.
विगत कई सालों से इस कोठारी नदी का हाल बुरा हो रहा है सूत्रों से पता चला है कि इस कोठारी नदी का यह हाल सन 1970 के बाद से ही खराब होना शुरू हुआ था परंतु इतने साल होने के बाद भी नगर परिषद और यूआईटी ने इस पर कोई भी सख्त कदम नहीं उठाया.
यहां तक कि इन जागरूक युवाओं के यह कदम उठाने के बाद भी नगर परिषद यूआईटी की नींद नहीं खुल रही है. शहर की युवा छात्रा सीमा जांगिड़ ने कहा कि यह कोठारी नदी भीलवाड़ा की जीवनदायिनी है परंतु नगर परिषद और यूआईटी कि लगातार अनदेखी के चलते इस नदी में हर कोई कूड़ा कचरा चला जाता है. यहां तक कि पास में ही मौजूद अस्पताल भी अपना बायो वेस्ट इस नदी में डाल देता है नगर परिषद इनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं करता है जब हम यहां से गुजरते हैं तो इस नदी के सड़ान के कारण हमें अपना मुंह बांधकर निकलना पड़ता है इसलिए हम युवाओं ने तय किया कि नगर परिषद तो इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है परंतु हम युवा है हमें हमारी मान सम्मान कोठारी नदी का सुंदरीकरण में कोई कदम उठाना ही होगा.
इसलिए हम युवा सब मिलकर इस कोठारी नदी का साफ सफाई का बेड़ा उठा कर इस नदी की सफाई कर रहे हैं. नगर परिषद और यूआईटी अब तक हमें ना तो कोई संसाधन उपलब्ध कराए ना ही हमारे सहयोग देने के लिए नगर परिषद और यूआईटी का कोई कर्मचारी यहां तक आया. हम अपने ही हस्त निर्मित जुगाड़ से इस नदी से कचरा कूड़ा निकाल रहे हैं और जब तक इस नदी को साफ नहीं कर देते हम चुप नहीं बैठेंगे.