भीलवाड़ा. भीलवाड़ा जिले में इस बार मानसून अच्छा रहने के साथ ही अच्छी बरसात होने से जिले के सभी बांधों में भरपूर मात्रा में पानी है. इस पानी से जिले में किसानों द्वारा बोई गई गेहूं, जौ, सरसों, जीरा और चने की फसल की पिलाई की जा रही है. किसान इस भीषण कड़ाके की ठंड में भी अपनी फसल की पिलाई करते दिख रहे हैं.
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भीलवाड़ा कृषि विभाग के मुताबिक जिले में 1,45000 हेक्टेयर भूमि में रबी की फसल की बुवाई की गई है, जिसमें सबसे ज्यादा गेहूं की फसल की बुवाई हुई है. इसके बाद चने और सरसों की फसल की बुआई हुई है. लगातार कोहरा और भीषण ठंड होने से फसलें भी अब खलियान में अच्छी दिखने लगी हैं. खरीफ की फसल में इस बार किसानों को न के बराबर उपज मिली थी, लेकिन अच्छी ठंड और पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध होने से रबी की फसल जैसे गेहूं, जौ, चना और सरसों की फसल में उपज ज्यादा मात्रा में होने की उम्मीद है.
भीलवाड़ा सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता सत्यपाल मीणा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा, कि जिले के प्रमुख मेजा बांध, नाहर सागर बांध, उमेद सागर बांध, आगूचा बांध, सरेरी बांध से किसानों को रबी की फसल की सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराया जा रहा है. पहले सभी जगह भरपूर मात्रा में फसल की बुवाई के समय ही सिंचाई हुई थी और अब दूसरी बार फसल की पिलाई के लिए यह पानी छोड़ा जा रहा है. ज्यादातर जगह नहरों के जरिए पानी छोड़ दिया गया है और कुछ जगह जल्द ही छोड़ दिया जाएगा, जिससे किसान अपनी फसल की आसानी से पिलाई कर सकते हैं.
मीणा ने अपने विभाग का दावा करते हुए कहा, कि हम जिले के सभी बांधों पर निरीक्षण करते हैं. हमारा लक्ष्य है, कि किसानों को अंतिम छोर तक पानी आसानी से उपलब्ध हो. सभी सहायक अभियंता और कनिष्ठ अभियंता को भी क्षेत्र में पेट्रोलिंग करने के निर्देश दिए गए हैं. किसानों को इस बार खरीफ की फसल में उपज नहीं मिली है. अब देखना होगा, कि किसानों को रबी की फसल में भरपूर मात्रा में उपज होती है या नहीं.