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भीलवाड़ा: रबी फसल की सिंचाई, बांधों से नहर के जरिए छोड़ रहे पानी

जिले में बोई गई रबी की फसल की दूसरी बार पिलाई के लिए जिले के सभी प्रमुख बांधों से नहर से सिंचाई के लिए किसानों को पानी उपलब्ध कराया जा रहा है. सिंचाई विभाग जगह-जगह मॉनिटरिंग कर टेल तक पानी पहुंचाने की कोशिश कर रहा है.

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सिंचाई के लिए बांधों से छोड़ रहे पानी
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Published : Jan 1, 2020, 9:57 AM IST

Updated : Jan 1, 2020, 12:51 PM IST

भीलवाड़ा. भीलवाड़ा जिले में इस बार मानसून अच्छा रहने के साथ ही अच्छी बरसात होने से जिले के सभी बांधों में भरपूर मात्रा में पानी है. इस पानी से जिले में किसानों द्वारा बोई गई गेहूं, जौ, सरसों, जीरा और चने की फसल की पिलाई की जा रही है. किसान इस भीषण कड़ाके की ठंड में भी अपनी फसल की पिलाई करते दिख रहे हैं.

सिंचाई के लिए बांधों से छोड़ रहे पानी

यह भी पढ़ें : महिलाओं के नाम पर राजनीतिक रोटियां सेक रही मोदी सरकार : एनी राजा

भीलवाड़ा कृषि विभाग के मुताबिक जिले में 1,45000 हेक्टेयर भूमि में रबी की फसल की बुवाई की गई है, जिसमें सबसे ज्यादा गेहूं की फसल की बुवाई हुई है. इसके बाद चने और सरसों की फसल की बुआई हुई है. लगातार कोहरा और भीषण ठंड होने से फसलें भी अब खलियान में अच्छी दिखने लगी हैं. खरीफ की फसल में इस बार किसानों को न के बराबर उपज मिली थी, लेकिन अच्छी ठंड और पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध होने से रबी की फसल जैसे गेहूं, जौ, चना और सरसों की फसल में उपज ज्यादा मात्रा में होने की उम्मीद है.

भीलवाड़ा सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता सत्यपाल मीणा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा, कि जिले के प्रमुख मेजा बांध, नाहर सागर बांध, उमेद सागर बांध, आगूचा बांध, सरेरी बांध से किसानों को रबी की फसल की सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराया जा रहा है. पहले सभी जगह भरपूर मात्रा में फसल की बुवाई के समय ही सिंचाई हुई थी और अब दूसरी बार फसल की पिलाई के लिए यह पानी छोड़ा जा रहा है. ज्यादातर जगह नहरों के जरिए पानी छोड़ दिया गया है और कुछ जगह जल्द ही छोड़ दिया जाएगा, जिससे किसान अपनी फसल की आसानी से पिलाई कर सकते हैं.

मीणा ने अपने विभाग का दावा करते हुए कहा, कि हम जिले के सभी बांधों पर निरीक्षण करते हैं. हमारा लक्ष्य है, कि किसानों को अंतिम छोर तक पानी आसानी से उपलब्ध हो. सभी सहायक अभियंता और कनिष्ठ अभियंता को भी क्षेत्र में पेट्रोलिंग करने के निर्देश दिए गए हैं. किसानों को इस बार खरीफ की फसल में उपज नहीं मिली है. अब देखना होगा, कि किसानों को रबी की फसल में भरपूर मात्रा में उपज होती है या नहीं.

भीलवाड़ा. भीलवाड़ा जिले में इस बार मानसून अच्छा रहने के साथ ही अच्छी बरसात होने से जिले के सभी बांधों में भरपूर मात्रा में पानी है. इस पानी से जिले में किसानों द्वारा बोई गई गेहूं, जौ, सरसों, जीरा और चने की फसल की पिलाई की जा रही है. किसान इस भीषण कड़ाके की ठंड में भी अपनी फसल की पिलाई करते दिख रहे हैं.

सिंचाई के लिए बांधों से छोड़ रहे पानी

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भीलवाड़ा कृषि विभाग के मुताबिक जिले में 1,45000 हेक्टेयर भूमि में रबी की फसल की बुवाई की गई है, जिसमें सबसे ज्यादा गेहूं की फसल की बुवाई हुई है. इसके बाद चने और सरसों की फसल की बुआई हुई है. लगातार कोहरा और भीषण ठंड होने से फसलें भी अब खलियान में अच्छी दिखने लगी हैं. खरीफ की फसल में इस बार किसानों को न के बराबर उपज मिली थी, लेकिन अच्छी ठंड और पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध होने से रबी की फसल जैसे गेहूं, जौ, चना और सरसों की फसल में उपज ज्यादा मात्रा में होने की उम्मीद है.

भीलवाड़ा सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता सत्यपाल मीणा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा, कि जिले के प्रमुख मेजा बांध, नाहर सागर बांध, उमेद सागर बांध, आगूचा बांध, सरेरी बांध से किसानों को रबी की फसल की सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराया जा रहा है. पहले सभी जगह भरपूर मात्रा में फसल की बुवाई के समय ही सिंचाई हुई थी और अब दूसरी बार फसल की पिलाई के लिए यह पानी छोड़ा जा रहा है. ज्यादातर जगह नहरों के जरिए पानी छोड़ दिया गया है और कुछ जगह जल्द ही छोड़ दिया जाएगा, जिससे किसान अपनी फसल की आसानी से पिलाई कर सकते हैं.

मीणा ने अपने विभाग का दावा करते हुए कहा, कि हम जिले के सभी बांधों पर निरीक्षण करते हैं. हमारा लक्ष्य है, कि किसानों को अंतिम छोर तक पानी आसानी से उपलब्ध हो. सभी सहायक अभियंता और कनिष्ठ अभियंता को भी क्षेत्र में पेट्रोलिंग करने के निर्देश दिए गए हैं. किसानों को इस बार खरीफ की फसल में उपज नहीं मिली है. अब देखना होगा, कि किसानों को रबी की फसल में भरपूर मात्रा में उपज होती है या नहीं.

Intro:भीलवाड़ा - भीलवाड़ा जिले में बोई गई रबी की फसल की दूसरी बार पिलाई के लिए जिले के समस्त प्रमुख बांधों से नहर के जरिए सिंचाई के लिए किसानों को पानी उपलब्ध करवाया जा रहा है। जहां सिंचाई विभाग जगह-जगह मॉनिटरिंग करते हुए टेल तक पानी पहुंचाने की कोशिश कर रहा है।


Body:इस बार जिले में मानसून अच्छा रहने के साथ ही अच्छी बरसात होने से जिले के समस्त बांधों में भरपूर मात्रा में पानी आया। इस पानी से जिले में किसानों द्वारा बोई गई। रबी की फसल के रूप में गेहूं, जो, सरसों ,जीरा व चने की फसल की पिलाई की जा रही है। जहां किसान इस भीषण कड़ाके की ठंड में अपनी फसल की पिलाई करते दिख रहे हैं । भीलवाड़ा कृषि विभाग के अनुसार भीलवाड़ा जिले में 145000 हेक्टेयर भूमि में रबी की फसल की बुवाई की है । जहां सबसे ज्यादा गेहूं की फसल की बुवाई हुई है। उसके बाद चना और सरसों की फसल की बुआई हुई है । लगातार कोहरा व भीषण ठंड होने से फसलें भी अब खलियान में अच्छी दिखने लगी है। खरीफ की फसल में इस बार किसानों को न के बराबर उपज मिली थी । लेकिन अच्छी ठंड और पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध होने से रबी की फसल के रूप में गेहूं, जो, चना और सरसों की फसल में उपज अधिक मात्रा में होने की उम्मीद है।

भीलवाड़ा सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता सत्यपाल मीणा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि जिले के प्रमुख मेजा बांध ,नाहर सागर बांध ,उमेद सागर बांध ,आगूचा बांध ,सरेरी बांध से किसानों को रबी की फसल की सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध करवाया जा रहा है । पहली बार में सभी जगह भरपूर मात्रा में फसल की बुवाई के समय सिंचाई हुई थी। अब दूसरी बार फसल की पिलाई के लिए यह पानी छोड़ा जा रहा है । अधिकतर जगह नेहरो के जरिए पानी छोड़ दिया गया है। कुछ जगह जल्द ही छोड़ दिया जाएगा। जहां किसान अपनी फसल की आसानी से पिलाई कर सकते हैं। मीणा अपने विभाग का दावा करते हुए कहा कि हम जिले के समस्त बांधो पर निरीक्षण करते हैं और हमारा लक्ष्य है कि किसानों को अंतिम छोर तक पानी आसानी से उपलब्ध हो और मैंने समस्त सहायक अभियंता और कनिष्ठ अभियंता को भी क्षेत्र में पेट्रोलिंग करने के निर्देश दिए हैं।

अब देखना यह होगा कि किसानों को इस बार खरीफ की फसल में उपज नहीं मिली है वहां रबी की फसल में भरपूर मात्रा में उपज होती है या नहीं ।
सोमदत्त त्रिपाठी ईटीवी भारत भीलवाड़ा

बाइट- सत्यपाल मीणा अधीक्षण अभियंता सिंचाई विभाग भीलवाड़ा


Conclusion:
Last Updated : Jan 1, 2020, 12:51 PM IST
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