भीलवाड़ा. जिले में माण्डलगढ़ विधानसभा क्षेत्र की 13 ग्राम पंचायतों को नव सृजित शाहपुरा जिले में शामिल करने के विरोध में बुधवार को माण्डलगढ़ विधानसभा क्षेत्र के बाजार बन्द हैं. वहीं इस मामले को लेकर 16 ग्राम पंचायत क्षेत्र के ग्रामीणों का अनिश्चितकालीन धरना छठे दिन भी जारी है. माण्डलगढ़ विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत सरपंच संघ के आव्हान पर आज सम्पूर्ण विधानसभा क्षेत्र बंद रखा गया. हाल ही में भीलवाड़ा जिले के शाहपुरा को नवसृजित जिला बनाया था. जहां नवसर्जित जिले में मांडलगढ़ विधानसभा क्षेत्र की 13 ग्राम पंचायत को परिसीमन में सम्मिलित कर लिया था.
इन ग्राम पंचायत क्षेत्र वासियों का कहना है कि हमारा जिला मुख्यालय भीलवाड़ा ही रहना चाहिए. इसको लेकर लगातार धरना प्रदर्शन और आंदोलन कर रहे हैं. जबकि हमें शाहपुरा जिले में शामिल कर दिया गया है, जो गलत है. वहीं ग्रामीणों ने भीलवाड़ा जिले में ही रहने की मांग को लेकर पिछले सप्ताह प्रदेश की राजस्व मंत्री रामलाल जाट को भी भीलवाड़ा सर्किट हाउस में ज्ञापन सौंपा था.
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राजस्व मंत्री ने भी ग्रामीणों को आश्वासन देते हुए कहा कि आपकी मांग के लिए राज्य सरकार जरूर कदम उठाएगी. इसके लिए ग्राम सभा में प्रस्ताव पास कर रामलुभाया कमेटी के पास रिपोर्ट भेजनी होगी. उसके बाद सरकार वापस फैसला ले सकती है. वही मांडलगढ़ विधानसभा क्षेत्र के बंद के आह्वान के चलते आज विधानसभा क्षेत्र के बड़े कस्बों व उपखंड मुख्यालय पर पुलिस का जाब्ता तैनात किया गया है. संघर्ष समिति के बैनर तले आज दोपहर बाद ज्ञापन भी सौंपा जाएगा.
साथ ही पिछले 6 दिन से आधा दर्जन ग्राम पंचायत क्षेत्र के गांव के बाजार बंद हैं. आंदोलन की अगुवाई कर रहे ग्रामीणों ने कहा कि मांडलगढ़ विधानसभा क्षेत्र की 13 पंचायतों को शाहपुरा जिले में जोड़ा गया है. इसके विरोध में मांडलगढ़ विधानसभा क्षेत्र की सभी पंचायतें बंद रखी हैं. हम सरकार को संदेश दे रहे हैं कि हमारी पंचायतों को शाहपुरा जिले से हटा कर भीलवाड़ा जिले में जोड़ा जाए. अगर सरकार हमारी मांग नहीं मानती है, तो बहुत बड़ा आंदोलन किया जाएगा.