ETV Bharat / state

मौत पर सियासत: BJP के पूर्व मंत्री ने अफसरों पर लगाया मिलीभगत का आरोप, ACB जांच की डिमांड - कालूलाल गुर्जर

मजदूरों की मौत पर सियासत शुरू हो गई है. भीलवाड़ा में खदान ढहने से मारे जाने वाले 7 मजदूरों को लेकर राज्य प्रशासन ही नहीं जागा है बल्कि विपक्षी पार्टियों ने भी आवाज बुलंद करनी शुरू कर दी है. मुख्य विपक्षी पार्टी ने इसकी ACB जांच कराने की मांग की है. वहीं पूर्व मंत्री ने प्रशासनिक अधिकारियों के सस्पेंशन की बात उठाई है.

Maut per siyasat
भीलवाड़ा हादसा: मौत पर सियासत
author img

By

Published : Aug 12, 2021, 1:54 PM IST

Updated : Aug 12, 2021, 3:21 PM IST

भीलवाड़ा: भीलवाड़ा जिले के आसींद पंचायत समिति क्षेत्र में कल अवैध खनन के दौरान खान हादसा हुआ उसको लेकर सियासत शुरू हो गई है. जहां सभी मृतकों के विधानसभा क्षेत्र से प्रतिनिधित्व करने वाले भाजपा के पूर्व मंत्री कालूलाल गुर्जर ने क्षेत्र के प्रशासनिक अधिकारियों को कटघरे में खड़ा कर दिया है. उन्होंने स्पष्ट कहा है कि बिना अधिकारियों के मिलीभगत के ये मुमकिन ही नहीं था.

अधिकारियों को सीधे तौर पर जिम्मेदार मानते हुए उन्होंने पटवारी, तहसीलदार और एसडीएम को तुरंत सस्पेंड करने की मांग की है. अपील की है कि इस पूरे मामले की जांच एसीबी से कराई जाए. गुर्जर ने कहा है कि अगर ये जांच नहीं करवाई गई तो वो मुख्यमंत्री को खत भी लिखकर इसकी मांग करेंगे.

मौत पर सियासत


नागौर: कमरे की छत पर रखी थी पानी से भरी टंकी, पटि्टयां टूटकर गिरी...एक की मौत


फेल हो गई सरकार : गुर्जर ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए इस पूरी घटना पर अफसोस जताया. गुर्जर ने कहा- जैसे ही मुझे पता चला मैं मौके पर पहुंचा और सारी स्थिति देखी तो मुझे आश्चर्य हुआ कि अवैध खनन कई वर्षों से हो रहा है. मुझे कलेक्टर ने बताया कि 3 माह पहले शिकायत मिलते ही इस पर जुर्माना लगाया गया था. कठोर कार्रवाई की गई लेकिन 15 दिन पहले ही जेल से छूटने के बाद वापस अवैध खनन शुरू कर दिया गया. मैं यह जानना चाहता हूं कि वापस अवैध खनन शुरू करने पर क्या प्रशासनिक अधिकारियों को इनकी जानकारी नहीं थी? अगर जानकारी थी नहीं थी तो सरकार व प्रशासन का बड़ा Failure है यह अयोग्यता का परिणाम है.

गुर्जर ने आगे कहा इस मामले में सबसे पहले क्षेत्र के पटवारी (Patwari) , तहसीलदार (Tehasildar) और एसडीएम (SDM) पर कार्रवाई होनी चाहिए. जहा गुर्जर ने क्षेत्र के अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि इनकी बिना मिलीभगत अवैध खनन नहीं हो सकता है. ऐसे में इन अधिकारियों को सस्पेंड करते हुए इनकी एसीबी से जांच होनी चाहिए.

सस्पेंड नहीं किया तो जांच होगी प्रभावित: गुर्जर ने अंदेशा जताया कि अगर आरोपी अफसरों को सस्पेंड नहीं किया गया तो वो एसीबी जांच को प्रभावित कर सकते हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि इस मामले की जांच ACB से करवाने के लिए वो प्रदेश के मुख्यमंत्री को खत लिखेंगे और उनसे फोन पर बात भी करेंगे.

और सहायता राशि की मांग: पूर्व मंत्री ने पीड़ित परिवार के लिए और ज्यादा सहायता राशि की मांग की है. उन्होंने कहा कि वो मृतक गरीब तबके के मजदूर थे. सो इनको मुख्यमंत्री सहायता कोष से अधिक से अधिक सहायता राशि उपलब्ध करवाई जानी चाहिए.

रामलाल शर्मा बोले अधिकारियों के खिलाफ हो मुकदमा दर्ज: भाजपा विधायक और प्रवक्ता रामलाल शर्मा ने एक बयान जारी कर उन अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की है जिनकी देखरेख में ही अवैध रूप से खनन का कार्य फिर से शुरू हुआ. शर्मा ने कहा जब तक ऐसे अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं होगी राजस्थान में अवैध खनन का सिलसिला यूं ही चलता रहेगा. शर्मा ने कहा कि भीलवाड़ा से आसींद में हुआ यह घटनाक्रम ताजा उदाहरण है अधिकारी जिस खनन को अवैध मानते हुए बंद करवाते हैं वही कुछ दिनों बाद खनन माफिया फिर से खनन शुरू कर देते हैं.

यह है मामला

भीलवाड़ा जिले के आसींद पंचायत समिति इलाके के लाछुड़ा ग्राम पंचायत मुख्यालय पर मजदूर एक खदान में काम कर रहे थे. खदान का ऊपरी हिस्सा ढह जाने से 7 मजदूर मिट्टी तले दब गए. हादसे के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया लेकिन किसी मजदूर को बचाया नहीं जा सका. इन 7 मजदूरों में से 3 महिलाएं भी थीं. बताया जा रहा है कि यहां अवैध तरीके से फेल्सपार की माइनिंग की जाती है. हादसे के बाद मौके पर पहुंचे पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में करीब 7 से 8 घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया. खदान से सभी सातों मजदूरों के शव रात तक निकाल लिए गए. सभी शवों को भीलवाड़ा मुख्यालय भेजा गया.

भीलवाड़ा: भीलवाड़ा जिले के आसींद पंचायत समिति क्षेत्र में कल अवैध खनन के दौरान खान हादसा हुआ उसको लेकर सियासत शुरू हो गई है. जहां सभी मृतकों के विधानसभा क्षेत्र से प्रतिनिधित्व करने वाले भाजपा के पूर्व मंत्री कालूलाल गुर्जर ने क्षेत्र के प्रशासनिक अधिकारियों को कटघरे में खड़ा कर दिया है. उन्होंने स्पष्ट कहा है कि बिना अधिकारियों के मिलीभगत के ये मुमकिन ही नहीं था.

अधिकारियों को सीधे तौर पर जिम्मेदार मानते हुए उन्होंने पटवारी, तहसीलदार और एसडीएम को तुरंत सस्पेंड करने की मांग की है. अपील की है कि इस पूरे मामले की जांच एसीबी से कराई जाए. गुर्जर ने कहा है कि अगर ये जांच नहीं करवाई गई तो वो मुख्यमंत्री को खत भी लिखकर इसकी मांग करेंगे.

मौत पर सियासत


नागौर: कमरे की छत पर रखी थी पानी से भरी टंकी, पटि्टयां टूटकर गिरी...एक की मौत


फेल हो गई सरकार : गुर्जर ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए इस पूरी घटना पर अफसोस जताया. गुर्जर ने कहा- जैसे ही मुझे पता चला मैं मौके पर पहुंचा और सारी स्थिति देखी तो मुझे आश्चर्य हुआ कि अवैध खनन कई वर्षों से हो रहा है. मुझे कलेक्टर ने बताया कि 3 माह पहले शिकायत मिलते ही इस पर जुर्माना लगाया गया था. कठोर कार्रवाई की गई लेकिन 15 दिन पहले ही जेल से छूटने के बाद वापस अवैध खनन शुरू कर दिया गया. मैं यह जानना चाहता हूं कि वापस अवैध खनन शुरू करने पर क्या प्रशासनिक अधिकारियों को इनकी जानकारी नहीं थी? अगर जानकारी थी नहीं थी तो सरकार व प्रशासन का बड़ा Failure है यह अयोग्यता का परिणाम है.

गुर्जर ने आगे कहा इस मामले में सबसे पहले क्षेत्र के पटवारी (Patwari) , तहसीलदार (Tehasildar) और एसडीएम (SDM) पर कार्रवाई होनी चाहिए. जहा गुर्जर ने क्षेत्र के अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि इनकी बिना मिलीभगत अवैध खनन नहीं हो सकता है. ऐसे में इन अधिकारियों को सस्पेंड करते हुए इनकी एसीबी से जांच होनी चाहिए.

सस्पेंड नहीं किया तो जांच होगी प्रभावित: गुर्जर ने अंदेशा जताया कि अगर आरोपी अफसरों को सस्पेंड नहीं किया गया तो वो एसीबी जांच को प्रभावित कर सकते हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि इस मामले की जांच ACB से करवाने के लिए वो प्रदेश के मुख्यमंत्री को खत लिखेंगे और उनसे फोन पर बात भी करेंगे.

और सहायता राशि की मांग: पूर्व मंत्री ने पीड़ित परिवार के लिए और ज्यादा सहायता राशि की मांग की है. उन्होंने कहा कि वो मृतक गरीब तबके के मजदूर थे. सो इनको मुख्यमंत्री सहायता कोष से अधिक से अधिक सहायता राशि उपलब्ध करवाई जानी चाहिए.

रामलाल शर्मा बोले अधिकारियों के खिलाफ हो मुकदमा दर्ज: भाजपा विधायक और प्रवक्ता रामलाल शर्मा ने एक बयान जारी कर उन अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की है जिनकी देखरेख में ही अवैध रूप से खनन का कार्य फिर से शुरू हुआ. शर्मा ने कहा जब तक ऐसे अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं होगी राजस्थान में अवैध खनन का सिलसिला यूं ही चलता रहेगा. शर्मा ने कहा कि भीलवाड़ा से आसींद में हुआ यह घटनाक्रम ताजा उदाहरण है अधिकारी जिस खनन को अवैध मानते हुए बंद करवाते हैं वही कुछ दिनों बाद खनन माफिया फिर से खनन शुरू कर देते हैं.

यह है मामला

भीलवाड़ा जिले के आसींद पंचायत समिति इलाके के लाछुड़ा ग्राम पंचायत मुख्यालय पर मजदूर एक खदान में काम कर रहे थे. खदान का ऊपरी हिस्सा ढह जाने से 7 मजदूर मिट्टी तले दब गए. हादसे के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया लेकिन किसी मजदूर को बचाया नहीं जा सका. इन 7 मजदूरों में से 3 महिलाएं भी थीं. बताया जा रहा है कि यहां अवैध तरीके से फेल्सपार की माइनिंग की जाती है. हादसे के बाद मौके पर पहुंचे पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में करीब 7 से 8 घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया. खदान से सभी सातों मजदूरों के शव रात तक निकाल लिए गए. सभी शवों को भीलवाड़ा मुख्यालय भेजा गया.

Last Updated : Aug 12, 2021, 3:21 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.