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मजदूरों की राजनीतिक चेतना छीनने के लिए केंद्र ला रहा 12 घंटे ड्यूटी का कानून:श्रीमाली

राजस्थान श्रम सलाहकार मंडल के उपाध्यक्ष जगदीश राज श्रीमाली गुरुवार को भीलवाड़ा पहुंचे और श्रम विभाग के अधिकारियों संग बैठक की. इसके बाद मीडिया से बातचीत मेंं उन्होंने मजदूर नीतियों पर केंद्र सरकार को आड़े हाथों (Jagdish Raj Shrimali targets Center on labour laws) लिया. उन्होंने कहा कि सरकार 12 घंटे मजदूरी का कानून ला रही है. इसके पीछे सरकार का उद्देश्य मजदूरों को मशीन जैसा बनाकर उनकी राजनीतिक चेतना छीनना है.

Jagdish Raj Shrimali targets Center on labour laws, says Center wants labours to become machine
मजदूरों की राजनीतिक चेतना छीनने के लिए केंद्र ला रहा 12 घंटे ड्यूटी का कानून:श्रीमाली
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Published : Dec 15, 2022, 8:30 PM IST

Updated : Dec 15, 2022, 11:41 PM IST

मजदूरों की राजनीतिक चेतना छीनने के लिए केंद्र ला रहा 12 घंटे ड्यूटी का कानून

भीलवाड़ा. राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त राजस्थान श्रम सलाहकार मंडल के उपाध्यक्ष जगदीश राज श्रीमाली ने सर्किट हाउस में श्रम विभाग के अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली. बैठक के दौरान उन्होंने मजदूरों को सरकार की योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा लाभ दिलवाने के लिए श्रम विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए. बैठक के बाद श्रीमाली ने मजदूरों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार मजदूरों की हितैषी है. जबकि केंद्र सरकार काम के घंटे 12 करने का कानून लाकर मजदूरों की राजनीतिक चेतना छीनना चाहती (Jagdish Raj Shrimali on new labour laws) है.

भीलवाड़ा के टैक्सटाइल उद्योग में मजदूरों के 12 घंटे काम करने के सवाल पर श्रीमाली ने कहा कि केंद्र सरकार नई लेबर कोर्ट लेकर आ रही है. उसके तहत ही मजदूर 12 घंटे इंडस्ट्री में काम करने को मजबूर हैं. इसको लेकर हम 7 साल से सड़कों पर लडाई लड़ रहे हैं. भारत जोड़ो यात्रा के तहत राहुल गांधी के सामने भी मजदूरों के 12 घंटे काम करने का मुद्दा रखा. नए लेबर नियम से सरकार का उद्देश्य है कि लेबर 12 घंटे मजदूरी करें और आने-जाने में समय लगे तो मजदूर मानव से मशीन बन जाएगा. सरकार मजदूर की राजनीतिक चेतना छीन कर एक दलीय व्यवस्था की स्थापना करना चाहती है.

पढ़ें: Bharat Jodo Yatra : मोदी सरकार युवाओं को बेरोजगार और मजदूर बनाने पर उतारू- राहुल गांधी

उन्होंने कहा कि बीजेपी की पूंजी परस्त नीतियों से यह कानून लाया जा रहा है. नियम के तहत मजदूर हड़ताल पर जाएगा, तो एक वर्ष की सजा में 3 वर्ष का जुर्माना होगा. इस कानून को लेकर हमने 5 बार राष्ट्रीय स्तर पर हड़ताल की है. संजीव रेड्डी की अगुवाई में हमने अब तक धरने, प्रदर्शन किए. किसान व मजदूरों की लड़ाई राहुल गांधी लड़ रहे हैं. ऐसे में मजदूरों को भी राजनीति में प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए. मुझे विश्वास है कि मुझ जैसे मजदूर को भी आज राज्यमंत्री का दर्जा दिया है. आने वाले समय में मजदूर निश्चित रूप से आगे बढ़ेंगे.

पढ़ें: सीमेंट कंपनियों में निर्धारित मजदूरी नहीं मिलने को लेकर याचिका, कोर्ट ने किया तलब

श्रीमाली ने बाल श्रम के सवाल पर क​हा कि मैं भी नंगे पांव बाल श्रमिक के रूप में उदयपुर गया था. वहां होटल पर कप-प्लेट धोई थी. लेकिन इस बाल श्रम के खिलाफ राजस्थान सरकार अच्छे कदम उठाकर काम कर रही है. इसमें अवेयरनेस के लिए जिला स्तरीय टीमें भी बनाई हुई हैं. उनका पुनर्वास कर पढ़ने के लिए भेजा रहा है. कार्यक्रम में मजदूर संगठन से जुड़े पदाधिकारियों के साथ ही भीलवाड़ा जिला इंटक के जिला अध्यक्ष दीपक व्यास, पूर्व नगर विकास न्यास के अध्यक्ष कैलाश व्यास मौजूद रहे.

मजदूरों की राजनीतिक चेतना छीनने के लिए केंद्र ला रहा 12 घंटे ड्यूटी का कानून

भीलवाड़ा. राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त राजस्थान श्रम सलाहकार मंडल के उपाध्यक्ष जगदीश राज श्रीमाली ने सर्किट हाउस में श्रम विभाग के अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली. बैठक के दौरान उन्होंने मजदूरों को सरकार की योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा लाभ दिलवाने के लिए श्रम विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए. बैठक के बाद श्रीमाली ने मजदूरों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार मजदूरों की हितैषी है. जबकि केंद्र सरकार काम के घंटे 12 करने का कानून लाकर मजदूरों की राजनीतिक चेतना छीनना चाहती (Jagdish Raj Shrimali on new labour laws) है.

भीलवाड़ा के टैक्सटाइल उद्योग में मजदूरों के 12 घंटे काम करने के सवाल पर श्रीमाली ने कहा कि केंद्र सरकार नई लेबर कोर्ट लेकर आ रही है. उसके तहत ही मजदूर 12 घंटे इंडस्ट्री में काम करने को मजबूर हैं. इसको लेकर हम 7 साल से सड़कों पर लडाई लड़ रहे हैं. भारत जोड़ो यात्रा के तहत राहुल गांधी के सामने भी मजदूरों के 12 घंटे काम करने का मुद्दा रखा. नए लेबर नियम से सरकार का उद्देश्य है कि लेबर 12 घंटे मजदूरी करें और आने-जाने में समय लगे तो मजदूर मानव से मशीन बन जाएगा. सरकार मजदूर की राजनीतिक चेतना छीन कर एक दलीय व्यवस्था की स्थापना करना चाहती है.

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उन्होंने कहा कि बीजेपी की पूंजी परस्त नीतियों से यह कानून लाया जा रहा है. नियम के तहत मजदूर हड़ताल पर जाएगा, तो एक वर्ष की सजा में 3 वर्ष का जुर्माना होगा. इस कानून को लेकर हमने 5 बार राष्ट्रीय स्तर पर हड़ताल की है. संजीव रेड्डी की अगुवाई में हमने अब तक धरने, प्रदर्शन किए. किसान व मजदूरों की लड़ाई राहुल गांधी लड़ रहे हैं. ऐसे में मजदूरों को भी राजनीति में प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए. मुझे विश्वास है कि मुझ जैसे मजदूर को भी आज राज्यमंत्री का दर्जा दिया है. आने वाले समय में मजदूर निश्चित रूप से आगे बढ़ेंगे.

पढ़ें: सीमेंट कंपनियों में निर्धारित मजदूरी नहीं मिलने को लेकर याचिका, कोर्ट ने किया तलब

श्रीमाली ने बाल श्रम के सवाल पर क​हा कि मैं भी नंगे पांव बाल श्रमिक के रूप में उदयपुर गया था. वहां होटल पर कप-प्लेट धोई थी. लेकिन इस बाल श्रम के खिलाफ राजस्थान सरकार अच्छे कदम उठाकर काम कर रही है. इसमें अवेयरनेस के लिए जिला स्तरीय टीमें भी बनाई हुई हैं. उनका पुनर्वास कर पढ़ने के लिए भेजा रहा है. कार्यक्रम में मजदूर संगठन से जुड़े पदाधिकारियों के साथ ही भीलवाड़ा जिला इंटक के जिला अध्यक्ष दीपक व्यास, पूर्व नगर विकास न्यास के अध्यक्ष कैलाश व्यास मौजूद रहे.

Last Updated : Dec 15, 2022, 11:41 PM IST
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