भीलवाड़ा. कोरोना की वजह से दुसरी जगह रोजगार नहीं मिल रहा है. वहीं मनरेगा रोजगार की बड़ी आस बनकर उभरा है. देश में कोरोना जैसी महामारी की रोकथाम के लिए लॉकडाउन लगा हुआ है. जहां काफी संख्या में प्रवासी मजदूर को होम क्वॉरेंटाइन का पीरियड पूरा करने के बाद मनरेगा में रोजगार मिल रहा है.
प्रदेश में सर्वाधिक श्रमिक मनरेगा में भीलवाड़ा जिले में काम कर रहे हैं, जहां यह आंकड़ा 2 लाख 91 हजार पर पहुंच चुका है. भीलवाड़ा से काफी संख्या में मजदूर रोजगार के लिए मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक और दिल्ली जैसे राज्य में काम करते हैं. जहां कोरोना संक्रमण की वजह से वहां रोजगार नहीं मिलने से वापस अपने जन्म स्थान पर पहुंच गए हैं. जहां 14 दिन होम क्वॉरेंटाइन में बिताने के बाद उनको मनरेगा में रोजगार दिया जा रहा है.
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ईटीवी भारत की टीम भीलवाड़ा जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के पास पहुंची. जहां मुख्य कार्यकारी अधिकारी गोपाल राम बिरडा ने कहा कि जिले में आज के दिन 2 लाख 91 हजार लोगों को मनरेगा में रोजगार मिल रहा है. जिले की 12 पंचायत समितियों कि 384 ग्राम पंचायत मुख्यालय पर मनरेगा का काम चल रहा है. साथ ही जो प्रवासी मजदूर आ रहे हैं, वो रोजाना जॉब कार्ड के लिए आवेदन कर रहे हैं. उनको भी रोजगार दिया जा रहा है. हमें उम्मीद है कि इस माह के अंत तक हम तीन लाख का आंकड़ा पार कर लेंगे. वहीं राजस्थान में सबसे ज्यादा मनरेगा में रोजगार देने वाला भीलवाड़ा जिला है.