ETV Bharat / state

भीलवाड़ा में सद्भावना का संदेश, हिंदू-मुस्लिम परिवार मिलकर बनाते हैं रावण का पुतला - Bhilwara Dussehra news

भीलवाड़ा नगर परिषद की ओर से रावण दहन की पूरी तैयारियां कर ली गई है, लेकिन हम आपको बताने जा रहे हैं एक मुस्लिम परिवार के बारे में, जो पीढ़ियों से रावण का पुतला बनाने का कार्य करता है और साम्प्रदायिक सद्भावना का संदेश देता है.

भीलवाड़ा रावण दहन, Bhilwara news
author img

By

Published : Oct 8, 2019, 12:04 AM IST

भीलवाड़ा. नेकी पर चलने की सीख तो हर मजहब देता है मगर भीलवाड़ा में बनता है सद्भावना का रावण. नगर परिषद में सारे कारीगर जुटे हैं. दशहरे पर दहन किए जाने वाले रावण के निर्माण में. उदयपुर के रहने वाले यह मुस्लिम परिवार पीढ़ियों से भीलवाड़ा के घांचा परिवारों के साथ मिलकर महीने भर से दिन-रात साथ रहकर रावण का पुतला बनाते हैं.

रावण बनाने वाले कारीगर अब्दुल समद सोरगर कहते हैं हमारी पीढ़ियां बीत गईं. यह काम करते-करते मजहब कोई सा भी हो सभी नेक नीयत पर चलने की शिक्षा देते हैं और फिर दशहरे पर रावण दहन तो बुराई पर अच्छाई की जीत है. साथ ही कहा कि हमें साल भर इस त्योहार का बेसब्री से इंतजार रहता है.

हिंदू-मुस्लिम परिवार मिलकर बनाते हैं रावण का पुतला

पढ़ेंः किन्नर समाज की अनोखी पहल, 1100 कन्याओं का पूजन कर 'बेटी बचाओ' का दिलाया संकल्प

अब्दुल ने यह भी कहा कि 4 जगहों पर रावण दहन के आयोजन के लिए रावण तैयार कर रहे है. जिसमें तेजाजी चौक पर 15 फीट का रावण पुतला और 35-35 फीट के मेघनाथ और कुंभकरण बना रहे है. इसके साथ ही 35 फुट का एक पुतला शहर के लेबर कॉलोनी और 1-1 पुतला उपनगर सांगानेर में भेजे जाएंगे. इन पुतलों के करीब 2 लाख की लागत आई है.

साथ ही बताया कि हम 10 से 15 कारीगर उदयपुर से हर वर्ष आते है. हमने यह कार्य बचपन से ही शुरू कर दिया था, हमारे पिताजी भी यही कार्य करते थे और हम अपने बच्चों को भी यही कार्य सिखायंगे.

भीलवाड़ा. नेकी पर चलने की सीख तो हर मजहब देता है मगर भीलवाड़ा में बनता है सद्भावना का रावण. नगर परिषद में सारे कारीगर जुटे हैं. दशहरे पर दहन किए जाने वाले रावण के निर्माण में. उदयपुर के रहने वाले यह मुस्लिम परिवार पीढ़ियों से भीलवाड़ा के घांचा परिवारों के साथ मिलकर महीने भर से दिन-रात साथ रहकर रावण का पुतला बनाते हैं.

रावण बनाने वाले कारीगर अब्दुल समद सोरगर कहते हैं हमारी पीढ़ियां बीत गईं. यह काम करते-करते मजहब कोई सा भी हो सभी नेक नीयत पर चलने की शिक्षा देते हैं और फिर दशहरे पर रावण दहन तो बुराई पर अच्छाई की जीत है. साथ ही कहा कि हमें साल भर इस त्योहार का बेसब्री से इंतजार रहता है.

हिंदू-मुस्लिम परिवार मिलकर बनाते हैं रावण का पुतला

पढ़ेंः किन्नर समाज की अनोखी पहल, 1100 कन्याओं का पूजन कर 'बेटी बचाओ' का दिलाया संकल्प

अब्दुल ने यह भी कहा कि 4 जगहों पर रावण दहन के आयोजन के लिए रावण तैयार कर रहे है. जिसमें तेजाजी चौक पर 15 फीट का रावण पुतला और 35-35 फीट के मेघनाथ और कुंभकरण बना रहे है. इसके साथ ही 35 फुट का एक पुतला शहर के लेबर कॉलोनी और 1-1 पुतला उपनगर सांगानेर में भेजे जाएंगे. इन पुतलों के करीब 2 लाख की लागत आई है.

साथ ही बताया कि हम 10 से 15 कारीगर उदयपुर से हर वर्ष आते है. हमने यह कार्य बचपन से ही शुरू कर दिया था, हमारे पिताजी भी यही कार्य करते थे और हम अपने बच्चों को भी यही कार्य सिखायंगे.

Intro:

भीलवाड़ा - मजहब नहीं सिखाता आपसे में बैर करना यह चरितार्थ कर रहा है उदयपुर का मुस्लिम परिवार । यह परिवार कई पीढ़ियों से भीलवाड़ा में होने वाले रावण दहन के लिए पुतले तैयार कर रहा है । इन्हें साल भर इसका इंतजार भी रहता है नेकी पर चलने की सीख तो हर मजहब देता है मगर भीलवाड़ा में बनता है सद्भावना का रावण


Body:

भीलवाड़ा नगर परिषद में के सारे कारीगर जुटे है दशहरे पर दहन किए जाने वाले रावण के निर्माण में । उदयपुर के रहने वाले यह मुस्लिम परिवार पीढ़ियों से भीलवाड़ा के घांचा परिवारों के साथ मिल महीने भर से यही दिन - रात एक साथ रहकर रावण का पुतला बनाते हैं । रावण बनाने वाले कारीगर अब्दुल समद सोरगर कहते हैं हमारी पीढ़ियां बीत गई यह काम करते-करते मजहब कोई सा भी हो सभी नेक नीयत पर चलने की शिक्षा देते हैं और फिर दशहरे पर रावण दहन तो बुराई पर अच्छाई की जीत जो है हमें साल भर इस त्योहार का बेसब्री से इंतजार रहता है अहमद ने यह भी कहा कि 4 जगहों पर रावण दहन का आयोजन के लिए रावण तैयार कर रहे हैं । जिसमें तेजाजी चौक पर 15 फीट का रावण पुतला और 35 - 35 फुट के मेघनाथ और कुंभकरण बना रहे हैं। इसके साथ ही 35 फुट का एक पुतला शहर के लेबर कॉलोनी और 1 - 1 पुतला उपनगर सांगानेर व पूर् में भेजे जाएंगे। इन पुतलों के करीब 2 लाख की लागत आई है । हम 10 से 15 कारीगर उदयपुर से हर वर्ष आते हैं मेने कार्य बचपन से ही शुरू कर दिया था और हमारे पिताजी भी यही कार्य करते थे और हम अपने बच्चों को भी यही कार्य सिखायंगे । हम सालो पीढ़ियों से भीलवाड़ा के हिन्दू परिवार के साथ यह कार्य कर रहे है क्यों कि कला का कोई धर्म नही होता । और हम तो इस हिंदुस्तान में रहते है । सारे जहा से अच्छा हिंदुस्तान हमरा ।



Conclusion:




बाइट - अब्दुल समद सोरगर , रावण बनाने वाले कारीगर
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.