भीलवाड़ा. नेकी पर चलने की सीख तो हर मजहब देता है मगर भीलवाड़ा में बनता है सद्भावना का रावण. नगर परिषद में सारे कारीगर जुटे हैं. दशहरे पर दहन किए जाने वाले रावण के निर्माण में. उदयपुर के रहने वाले यह मुस्लिम परिवार पीढ़ियों से भीलवाड़ा के घांचा परिवारों के साथ मिलकर महीने भर से दिन-रात साथ रहकर रावण का पुतला बनाते हैं.
रावण बनाने वाले कारीगर अब्दुल समद सोरगर कहते हैं हमारी पीढ़ियां बीत गईं. यह काम करते-करते मजहब कोई सा भी हो सभी नेक नीयत पर चलने की शिक्षा देते हैं और फिर दशहरे पर रावण दहन तो बुराई पर अच्छाई की जीत है. साथ ही कहा कि हमें साल भर इस त्योहार का बेसब्री से इंतजार रहता है.
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अब्दुल ने यह भी कहा कि 4 जगहों पर रावण दहन के आयोजन के लिए रावण तैयार कर रहे है. जिसमें तेजाजी चौक पर 15 फीट का रावण पुतला और 35-35 फीट के मेघनाथ और कुंभकरण बना रहे है. इसके साथ ही 35 फुट का एक पुतला शहर के लेबर कॉलोनी और 1-1 पुतला उपनगर सांगानेर में भेजे जाएंगे. इन पुतलों के करीब 2 लाख की लागत आई है.
साथ ही बताया कि हम 10 से 15 कारीगर उदयपुर से हर वर्ष आते है. हमने यह कार्य बचपन से ही शुरू कर दिया था, हमारे पिताजी भी यही कार्य करते थे और हम अपने बच्चों को भी यही कार्य सिखायंगे.