जोधपुर: भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने जोधपुर शहर में बड़ी कार्रवाई करते हुए झंवर थाना अधिकारी को 50000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है. एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक चक्रवर्ती सिंह राठौड़ की अगुवाई में यह कार्रवाई जोधपुर के पाल रोड स्थित पासपोर्ट कार्यालय के पास बुधवार शाम को की गई.
राठौड़ ने बताया कि थाना अधिकारी मूलाराम चौधरी ने झंवर परिवादी के खिलाफ थाने में दर्ज एक मामले को रफा-दफा करने के लिए 50 हजार की रिश्वत की मांगने का आरोप लगाया. 17 दिसंबर को सत्यापन के बाद कई दिनों से पीछा किया जा रहा है. मंगलवार को दूसरी बार परिवादी को थाने भेजकर सत्यापन करवाया गया. इस दौरान थानाअधिकारी ने 4000 रुपए भी लिए.
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बुधवार को थानाधिकारी ने परिवादी से संपर्क किया. उसके पाल रोड स्थित कार्यालय पहुंचा. परिवारी से मिलने के बाद उसे कहा कि रुपए थाने की गाड़ी में लाकर दो. परिवादी अपने ऑफिस से निकलकर 50000 रुपए का बंडल लेकर थाने की जीप में बैठे मूलाराम चौधरी के पास गया और नोट थमा दिए. इसके तुरंत बाद एसीबी की टीम ने थाना अधिकारी को दबोच लिया और परिवादी के कार्यालय में ही कार्रवाई शुरू की.
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कांस्टेबल को भेजा रिश्वत लेने: थानाधिकारी ने परिवादी से रिश्वत लेने के लिए कई बार कांस्टेबल को भेजा, लेकिन परिवादी ने देने से इनकार कर दिया. बुधवार को भी कांस्टेबल आया, लेकिन परिवादी ने फिर उसे रवाना कर दिया. जिसके बाद मूलाराम खुद परिवादी के ऑफिस पहुंचा. जैसे ही उसने रिश्वत की राशि ली, आसपास मौजूद एसीबी के जवानों ने उसे दबोच लिया.
आज तक नहीं पकड़े गए दो कांस्टेबल: झंवर पुलिस थाने में दर्ज एक मारपीट के मामले में रिश्वत मांगने पर गत अक्टूबर में परिवादी ने एसीबी में शिकायत दर्ज करवाई थी. थाने के दो कांस्टेबल श्याम विश्नोई व रामचंद्र ने कार्रवाई नहीं करने के एवज में 30 हजार रुपए मांगे. सत्यापन के बाद एसीबी ने ट्रैप की रणनीति बनाई. रिश्वत का लेन-देन झंवर थाने के सामने चाय की थड़ी पर हुआ था. परिवादी ने कांस्टेबल को रुपए तो दे दिए, लेकिन घबराने के कारण एसीबी को इशारा नहीं किया. फिर कांस्टेबल भी घूस के रुपए लेकर भाग गया. एसीबी ने पीछा किया, मगर वह हाथ नहीं आया. वहीं दूसरा कांस्टेबल भी भनक लगते ही थाने से गायब हो गया. लेकिन मूलाराम ने आज तक आरोपियों को नहीं पकड़ा.