भीलवाड़ा. जिले के जहाजपुर क्षेत्र में रविवार रात एक बजरी से भरे डंपर ने एक कार को टक्कर मार दी. इस हादसे में तीन युवकों की मौत हो गई. लेकिन अब इस घटना पर सियासी पारा एकदम से चढ़ गया है, क्योंकि सामुदायिक अस्पताल के बाहर विभिन्न मांगों को लेकर क्षेत्रीय विधायक धरने पर बैठ गए हैं. विधायक ने इस हादसे के लिए स्थानीय प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है. साथ ही एसडीएम, तहसीलदार और थाना अधिकारी के खिलाफ अविलंब मुकदमा दर्ज कर मृतकों के परिजनों को आर्थिक सहायता देने की मांग की है. वहीं, विधायक धरना प्रदर्शन के कारण फिलहाल तक तीनों मृतकों का पोस्टमार्टम भी नहीं हो सका है.
दरअसल, जिले के जहाजपुर क्षेत्र से गुजरने वाले नेशनल हाईवे 148 डी धौड़ नाथूण गांव के पास रविवार रात एक बजरी से भरे डंपर ने कार को टक्कर मार दी. इस हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई. जबकि हादसे में जख्मी दो अन्य को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. बताया गया कि एक का भीलवाड़ा में इलाज चल रहा है तो दूसरे की स्थिति गंभीर होने पर उसे इलाज के लिए उदयपुर रेफर कर दिया गया. घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने चार वाहनों को आग के हवाले कर दिया तो पथराव में पुलिस का वाहन क्षतिग्रस्त हो गया.
इसे भी पढ़ें - भीलवाड़ा में डंपर ने कार को मारी टक्कर, तीन की मौत, गुस्साए ग्रामीणों ने किया पथराव, वाहनों में लगाई आग
इधर, घटना के समय क्षेत्रीय विधायक गोपीचंद मीणा किसी सामाजिक कार्यक्रम में शिरकत कर वापस लौट रहे थे. उन्होंने हादसे के बाद तुरंत मृतकों और घायलों को जहाजपुर सामुदायिक अस्पताल पहुंचाया. जहां कुछ समय बाद विधायक गोपीचंद मीणा अस्पताल के बाहर धरने पर बैठ गए. इस दौरान विधायक ने प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि सड़क हादसे में तीन लोगों की दर्दनाक मौत हो गई. ऐसे में वो राज्य की गहलोत सरकार से लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग के साथ ही मृतकों के परिनजों को आर्थिक सहायता देने की मांग कर रहे हैं.
विधायक ने कहा कि अवैध बजरी खनन को लेकर पूर्व में भी उन्होंने सड़क से सदन तक मामला उठाया है. विधायक ने जहाजपुर विधानसभा क्षेत्र के एसडीएम, माइनिंग अधिकारी, तहसीलदार और थानाधिकारी पर बजरी माफियाओं से मिलीभगत के आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि इनकी मिलीभगत से ही बजरी का अवैध खनन जारी है. ऐसे में हमारी मांग है कि जो मृतक परिवार है उनको आर्थिक सहायता मिले और जिम्मेदार अधिकारियों को अविलंब हटाया जाए.
बता दें कि इस हादसे में रमेश पिता भूरालाल सरसिया, लेखराज पिता शांति लाल मीणा नाथूण, धीरज पप्पू सुवालका निवासी सरसिया की मौत हो गई थी. वहीं, दो लोग गंभीर रूप से जख्मी हैं, जिनकी शिनाख्त अशोक राजू मीणा निवासी नाथूण, नरेंद्र पिता प्रेमचंद मीणा सरसिया के रूप में हुई है. जिनका फिलहाल इलाज चल रहा है.