भीलवाड़ा. राजस्थान की चिलचिलाती गर्मी के बीच साइकिल से फूड डिलीवरी का काम करने वाले दुर्गा लाल मीणा कल तक पहचान के मोहताज थे, लेकिन आज उनकी कहानी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है. 42 डिग्री के तापमान में साइकिल से फूड डिलीवर करने के लिए जाने वाले दुर्गा लाल की दास्तां को ट्वीटर यूजर आदित्य शर्मा ने दुनिया को बताया. आदित्य ने समस्या को सोशल मीडिया पर साझा करते हुए महज तीन घंटे में 1.50 लाख रुपये का फंड जुटा लिया. इस रुपये से आदित्य ने मंगलवार को नई बाइक दुर्गा लाल को दिलाई है. सोशल मीडिया पर वायरल हो रही इस कहानी को जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम दुर्गा लाल और आदित्य के पास पहुंची. दोनों ने अपने अनुभव साझा किए.
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए दुर्गालाल ने बताया कि वह पहले अध्यापक थे. कोरोना संक्रमण के दौर में उनकी नौकरी चली गई थी. आर्थिक रूप से तंगी के चलते उन्होंने जोमैटो का काम शुरू किया. लेकिन समस्या यह थी कि उनके पास मोटरसाइकिल खरीदने तक के पैसे नहीं थे. इस पर उन्होंने साइकिल से ही काम (Story of Aditya Sharma and Durga Lal Meena) करना शुरू कर दिया. 42 से 45 डिग्री सेल्सियस के तापमान में फूड डिलीवर करने वाले दुर्गा लाल की स्थिति को देखते हुए ट्वीटर यूजर आदित्य शर्मा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट की.
यह लिखा पोस्ट मेंः डिलीवरी बॉय और पेशे से टीचर दुर्गा लाल मीणा के बारे में ट्वीट किया. उस पोस्ट में आदित्य ने लिखा कि (Twitter User Generosity in Rajasthan) जोमैटो का एजेंट समय पर डिलीवरी के लिए राजस्थान की भीषण गर्मी में साइकिल चला रहा है. आदित्य ने लिखा 'आज मुझे समय पर मेरा ऑर्डर मिला, आश्चर्य की बात है कि इस बार डिलीवरी बॉय साइकिल पर था. आदित्य ने लिखा कि उनके शहर का तापमान 42 डिग्री सेल्सियस है.
मैने इनकी आवाज सोशल मीडिया तक पहुंचाईः आदित्य ने बातचीत में बताया कि कल जब मैने डिलीवरी करते हुए एक साइकिल सवार व्यक्ति को देखा तब मेरे दिल में ख्याल आया कि 42 डिग्री सेल्सियस के तापमान में एकदम सही समय पर ऑर्डर पूरा कर रहे हैं. इनसे बातचीत की तब लगा कि इनकी आर्थिक स्थिति वास्तव में खराब है और उन्हें जरूरत है मदद की. इस पर आदित्य ने सोशल मीडिया के माध्यम से इनकी आवाज को लोगों तक पहुंचाया. जिसके बाद दुर्गा लाल मीणा का हौसला और मजबूरी देखकर लोगों ने मदद करना शुरू कर दिया.
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लक्ष्य 75 हजार था, मिला 1.50 लाख रुपये: आदित्य ने बताया कि उन्होंने लक्ष्य तो सिर्फ 75 हजार रुपये का रखा था. लेकिन लोगों ने दुर्गा की दिल खोलकर मदद की. इसके कारण महज तीन घंटे में करीब डेढ़ लाख रुपये से अधिक एकत्रित हो गए. आदित्य ने बताया कि उन्हें विदेश से भी मदद देने के लिए लोगों ने कहा, लेकिन इसके लिए संसाधन नहीं थे. एकत्रित रुपये से आदित्य ने मंगलवार को दुर्गा को उनकी पसंद की बाइक दिलाई. वहीं, दुर्गा ने आदित्य से कहा है कि वे लोगों से कहें कि उन्हें यूजर्स पैसे न भेजें, उनकी जरूरत पूरी हो चुकी है.
फिर शिक्षा की ओर बढ़ेंगेः दुर्गा लाल मीणा ने कहा कि आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होने के बाद वह एक बार फिर शिक्षा की ओर आगे बढ़ेंगे. आने वाले भविष्य में बच्चों को शिक्षा देंगे. उन्होंने कहा कि उनका सपना यही है कि एक कोचिंग खोलकर बच्चों को शिक्षा दें.