भीलवाड़ा. राजस्थान में उपचुनाव का बिगुल बज चुका है और चुनाव आयोग ने तीन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की तारीखों का एलान कर दिया है. ऐसे में प्रदेश के दोनों प्रमुख दल भाजपा और कांग्रेस ने जमीनी धरातल पर तैयारियां शुरू कर दी है. जहां दोनों प्रमुख दल के आला राजनेताओं ने क्षेत्र में पहुंच कर कार्यकर्ताओं से रायशुमारी की है. इस दौरान भाजपा और कांग्रेस से कई लोगों ने दावेदारी पेश की है. वहीं, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी की ओर से भी इस बार सहाड़ा विधानसभा चुनाव मैदान में प्रत्याशी उतारा जाएगा.
सहाड़ा विधानसभा उपचुनाव की बात करें तो इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा जाट और उसके बाद ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या है. इसलिए अब तक हुए अधिकतर विधानसभा चुनाव में भाजपा जाट उम्मीदवार पर दाव लगाती आई है तो वहीं कांग्रेस पार्टी ज्यादातर ब्राह्मण पर दाव लगाती आई है. जबकि इस बार उपचुनाव में आला राजनेताओं के सामने चुनाव मैदान में सभी राजनेता अपना भाग्य आजमाने के लिए दावेदारी पेश कर रहे हैं. कांग्रेस विधायक कैलाश त्रिवेदी की कोरोना से निधन के बाद वहां उपचुनाव होने वाले हैं. वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा की ओर से जाट उम्मीदवार रूपलाल जाट मैदान में थे तो वहीं कांग्रेस की ओर से ब्राह्मण उम्मीदवार कैलाश त्रिवेदी मैदान में थे. जहां कांग्रेस के कैलाश त्रिवेदी विजयी हुए थे.
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सहाड़ा विधानसभा उपचुनाव में जातिगत आंकड़े को लेकर ईटीवी भारत की टीम भाजपा जिला कार्यालय पहुंची. जहां भाजपा जिलाध्यक्ष लादू लाल तेली ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि सहाड़ा विधानसभा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी ने जमीनी धरातल पर तैयारी शुरू कर दी है. सहाड़ा विधानसभा में जातिगत समीकरण की बात करते हैं तो यहां जाट समाज का बाहुल्य है. उसके मुकाबले में ब्राह्मण समाज भी बहुतायत है. वहीं, अन्य जातियों के रूप में गाडरी, कुमावत के साथ ही अनुसूचित जाति व जनजाति के लोग की संख्या भी अच्छी-खासी है.
लादू ला आगे बताते हैं कि क्षेत्र में 40 हजार जाट, 40 हजार ब्राह्मण, 20 हजार भील और अन्य अनुसूचित जाति के 35 हजार के साथ ही ओबीसी वर्ग के गुर्जर, कुमावत व गाडरी समाज को वोटरों की संख्या अच्छी है. वैसे तो अब तक के विधानसभा चुनाव में ज्यादातर भाजपा ने जाट समाज के प्रतिनिधियों को मैदान में उतारा है तो वहीं कांग्रेस ने ब्राह्मण समाज को प्रतिनिधित्व दिया है, लेकिन अब होने वाले विधानसभा उपचुनाव में भाजपा का प्रदेश नेतृत्व तय करेगा, उसी के अनुसार निर्णय किया जाएगा. वर्तमान में वहां भाजपा से विधानसभा के उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और प्रदेश महामंत्री मदन दिलावर के सामने कई लोगों ने दावेदारी पेश की है, लेकिन प्रदेश नेतृत्व ही तय करेगा कि किसे प्रत्याशी बनाया जाय.