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Special: कारोई के ज्योतिष आखिर क्यों मानते हैं कि भृगु संहिता है एक विज्ञान! - Karoi Village

ज्योतिष (Astrology) एक विज्ञान (Science) है ऐसा भविष्यवक्ता मानते हैं. भीलवाड़ा का कारोई जो ज्योतिष नगरी के नाम से हिट है वहां के ज्योतिष भी इस पर विश्वास रखते हैं.मानते हैं कि हजारों वर्ष पुराने ग्रंथ में जो कुछ भी सम्माहित है वो तर्क के आधार पर गढ़ा गया है.

astrology city, Karoi village of Bhilwara
Special: कारोई के ज्योतिष मानते हैं कि भृगु संहिता है विज्ञान, गणना को बताया आधार
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Published : Oct 21, 2021, 8:18 AM IST

Updated : Oct 21, 2021, 11:15 AM IST

भीलवाड़ा: पांच हजार साल पुराना ग्रंथ है भृगु संहिता (Bhrigu Samhita). कहा जाता है इसमें हरेक इंसान के भूत, वर्तमान और भविष्य अंकित है. किसी भी इंसान का नाम देखकर उसका भविष्य बताया जा सकता है. जो इसे बांचते हैं, परखते हैं उन ज्योतिषों का तर्क है कि ये एक विज्ञान है जिसकी गणित के आधार पर सटीक गणना की जाती है. मानते हैं कि दैवीय शक्ति और गणना के गठजोड़ से निखरता है ये शास्त्र.

'भृगु संहिता विज्ञान है'

जो आस्थावान हैं वो इस ग्रंथ पर विश्वास कर जिज्ञासावश यहां पहुंचते हैं. अंधविश्वास नहीं बल्कि आस्था के साथ भृगु मुनि की रचना में लिखा जानने की इच्छा से आते हैं. कारोई के प्रख्यात पंडित ओमप्रकाश बताते हैं कि ये शास्त्र विज्ञान है. कहते हैं ज्योतिष और खगोल शास्त्र एक ही हैं. उदाहरण के जरिए अपनी बात प्रूव करते हैं. कहते हैं- जैसे एक पंचांग 100 वर्ष पूर्व लिख देता है कि उस दिन सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण होगा तो उसी दिन होता है. विज्ञान से ज्योतिष नहीं बना है ज्योतिष से विज्ञान बना है.

कारोई के ज्योतिष मानते हैं कि भृगु संहिता है विज्ञान, गणना को बताया आधार

ये भी पढ़ें-जानिए, कहां है ज्योतिष नगरी, जिसे भृगु संहिता ने दिलाई खास पहचान

विश्वास और अंधविश्वास के बीच अंतर

ज्योतिषी विश्वास और अंधविश्वास के बीच के अंतर पर भी प्रकाश डालते हैं. सही गणना और महज दिखावे की गणना का भेद भी बताते हैं. गणना के महत्व को समझाते हैं. ज्योतिष शास्त्र की महिमा का बखान करते हैं. बताते हैं कि सही गणना करने वाले किस तरह भविष्य की होनी और अनहोनी को बयान कर देते हैं. बताते हैं कि महामारी, बाढ़, आपदा व प्राकृतिक त्रासदी सबकी जानकारी गणना से संभव हो जाती है.

साथ ही ताकीद भी करते हैं. कहते हैं आमजन को ज्योतिष पर विश्वास करना चाहिए अंधविश्वास पर नहीं. हम यहां भृगु संहिता से लोगों का भविष्य देखते हैं यहां आए लोगों का भविष्य देखने के दौरान हम गणित के आधार पर गणना करते हैं.

बहस को तैयार कारोई के ज्योतिषाचार्य

कारोई के पंडित डॉ गोपाल उपाध्याय ने कहा कि में 101 प्रतिशत दावा करता हूं कि ज्योतिष एक साइंस थी, साइंस है और साइंस रहेगी. चैलेंज देते हैं कि बहस करनी है तो मैं हर प्लेटफार्म पर तैयार हूं. यह विज्ञान है.

भरोसे और विश्वास के साथ कहते हैं कि ज्योतिष की गणना गणित के आधार पर की जाती है. ज्योतिष की गणना के दौरान अगर ज्योतिषी की गणित अच्छी है तो वह सही भविष्य बता पाते हैं. ज्योतिष की गणना मेडिटेशन पर भी आधारित है जहां विज्ञान से परे जाया जाता है सुक्ष्म से सुक्ष्म बिन्दु को चेक किया जाता है.

Pineal Guild और ज्योतिष

रोमांच की यात्रा भी कराता है ज्योतिषशास्त्र. कई बार सवाल उठता है कि आखिर कोई ज्योतिष सटीक भविष्यवाणी कैसे करता है और कोई कैसे चूक जाता है. तो इसका जवाब भी पंडित गोपाल देते हैं. हमें विज्ञान, अध्यात्म और ज्योतिष की रोमांचकारी दुनिया की सैर कराते हैं. बताते हैं- जहां विज्ञान एंड कर देती है वहां ज्योतिषी आंखें बंद कर ध्यान मुद्रा में जाकर पीनियल Guild (Pineal Gland) को एक्टिवेशन करके डेल्टा गामा को एक पॉइंट पर लेकर अध्यात्म की यात्रा की जाती है. उसके बाद ज्योतिषी ध्यान केंद्र एक बिंदु पर कर लेता है और ऐसे समय में ज्योतिषी के पास बैठा हुआ आगंतुक जो भी प्रश्न करता है उसको सुनकर जो उत्तर देता है वो सौ फीसदी सटीक होता है.

भीलवाड़ा: पांच हजार साल पुराना ग्रंथ है भृगु संहिता (Bhrigu Samhita). कहा जाता है इसमें हरेक इंसान के भूत, वर्तमान और भविष्य अंकित है. किसी भी इंसान का नाम देखकर उसका भविष्य बताया जा सकता है. जो इसे बांचते हैं, परखते हैं उन ज्योतिषों का तर्क है कि ये एक विज्ञान है जिसकी गणित के आधार पर सटीक गणना की जाती है. मानते हैं कि दैवीय शक्ति और गणना के गठजोड़ से निखरता है ये शास्त्र.

'भृगु संहिता विज्ञान है'

जो आस्थावान हैं वो इस ग्रंथ पर विश्वास कर जिज्ञासावश यहां पहुंचते हैं. अंधविश्वास नहीं बल्कि आस्था के साथ भृगु मुनि की रचना में लिखा जानने की इच्छा से आते हैं. कारोई के प्रख्यात पंडित ओमप्रकाश बताते हैं कि ये शास्त्र विज्ञान है. कहते हैं ज्योतिष और खगोल शास्त्र एक ही हैं. उदाहरण के जरिए अपनी बात प्रूव करते हैं. कहते हैं- जैसे एक पंचांग 100 वर्ष पूर्व लिख देता है कि उस दिन सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण होगा तो उसी दिन होता है. विज्ञान से ज्योतिष नहीं बना है ज्योतिष से विज्ञान बना है.

कारोई के ज्योतिष मानते हैं कि भृगु संहिता है विज्ञान, गणना को बताया आधार

ये भी पढ़ें-जानिए, कहां है ज्योतिष नगरी, जिसे भृगु संहिता ने दिलाई खास पहचान

विश्वास और अंधविश्वास के बीच अंतर

ज्योतिषी विश्वास और अंधविश्वास के बीच के अंतर पर भी प्रकाश डालते हैं. सही गणना और महज दिखावे की गणना का भेद भी बताते हैं. गणना के महत्व को समझाते हैं. ज्योतिष शास्त्र की महिमा का बखान करते हैं. बताते हैं कि सही गणना करने वाले किस तरह भविष्य की होनी और अनहोनी को बयान कर देते हैं. बताते हैं कि महामारी, बाढ़, आपदा व प्राकृतिक त्रासदी सबकी जानकारी गणना से संभव हो जाती है.

साथ ही ताकीद भी करते हैं. कहते हैं आमजन को ज्योतिष पर विश्वास करना चाहिए अंधविश्वास पर नहीं. हम यहां भृगु संहिता से लोगों का भविष्य देखते हैं यहां आए लोगों का भविष्य देखने के दौरान हम गणित के आधार पर गणना करते हैं.

बहस को तैयार कारोई के ज्योतिषाचार्य

कारोई के पंडित डॉ गोपाल उपाध्याय ने कहा कि में 101 प्रतिशत दावा करता हूं कि ज्योतिष एक साइंस थी, साइंस है और साइंस रहेगी. चैलेंज देते हैं कि बहस करनी है तो मैं हर प्लेटफार्म पर तैयार हूं. यह विज्ञान है.

भरोसे और विश्वास के साथ कहते हैं कि ज्योतिष की गणना गणित के आधार पर की जाती है. ज्योतिष की गणना के दौरान अगर ज्योतिषी की गणित अच्छी है तो वह सही भविष्य बता पाते हैं. ज्योतिष की गणना मेडिटेशन पर भी आधारित है जहां विज्ञान से परे जाया जाता है सुक्ष्म से सुक्ष्म बिन्दु को चेक किया जाता है.

Pineal Guild और ज्योतिष

रोमांच की यात्रा भी कराता है ज्योतिषशास्त्र. कई बार सवाल उठता है कि आखिर कोई ज्योतिष सटीक भविष्यवाणी कैसे करता है और कोई कैसे चूक जाता है. तो इसका जवाब भी पंडित गोपाल देते हैं. हमें विज्ञान, अध्यात्म और ज्योतिष की रोमांचकारी दुनिया की सैर कराते हैं. बताते हैं- जहां विज्ञान एंड कर देती है वहां ज्योतिषी आंखें बंद कर ध्यान मुद्रा में जाकर पीनियल Guild (Pineal Gland) को एक्टिवेशन करके डेल्टा गामा को एक पॉइंट पर लेकर अध्यात्म की यात्रा की जाती है. उसके बाद ज्योतिषी ध्यान केंद्र एक बिंदु पर कर लेता है और ऐसे समय में ज्योतिषी के पास बैठा हुआ आगंतुक जो भी प्रश्न करता है उसको सुनकर जो उत्तर देता है वो सौ फीसदी सटीक होता है.

Last Updated : Oct 21, 2021, 11:15 AM IST
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