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मुझे भले ही पेंशन ना दो, लेकिन मृत तो घोषित मत करो...

भीलवाड़ा में सरकारी कर्मचारियों की लापरवाही का खामियाजा एक वृद्ध महिला को झेलना पड़ रहा है. महिला के जीवित होने के बावजूद उसे सरकारी कागजातों में मृत घोषित कर दिया गया है, जिससे 1 साल से महिला परेशान है.

भीलवाड़ा न्यूज, alive woman declared dead in Bhilwara
जिंदा महिला को मृत घोषित किया
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Published : Jul 15, 2020, 7:27 PM IST

भीलवाड़ा. जिले में सरकारी विभाग में स्थापित कर्मचारियों की बड़ी लापरवाही सामने आई है. जिसमें एक जिंदा महिला को सरकारी कागजों में मृत घोषित कर दिया गया. पीड़िता महिला बुधवार को जिला कलेक्टर के पास फरियाद लेकर पहुंची कि मुझे भले ही पेंशन मत दो, लेकिन मृतक मत बताओ.

जिंदा महिला को मृत घोषित किया

करजालिया गांव की देऊ नाम की महिला अपने परिवारजन के साथ जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंची. जिसमें महिला ने जिला कलेक्टर के सामने उपस्थित होकर कहा कि मैं जिंदा हूं, मुझे मृत कैसे घोषित कर दिया गया. पीड़िता ने बताया कि प्रतिवर्ष पेंशन का सत्यापन होता है, जिसमें मुझे जिंदा बताया गया लेकिन सरकारी कागजों में मुझे मृत बता दिया गया है. इस कारण वृद्धावस्था पेंशन भी नहीं मिल रही है.

यह भी पढ़ें. भीलवाड़ा : अवैध बजरी खनन के खिलाफ ग्रामीणों ने ज्ञापन सौंपकर लगाई न्याय की गुहार

वहीं पीड़िता के साथ आए रिश्तेदार ओम प्रकाश ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा हर महीने जून में पेंशन का सत्यापन होता है. उस सत्यापन महिला को जीवित बताया गया है जबकि नवंबर 2018 से अन्य सरकारी दस्तावेजों में मृतक बता रखा है. जिसके बाद बुधवार को जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया गया है. महिला का आरोप है कि वह 1 साल से चक्कर काट रही है, लेकिन अभी तक न्याय नहीं मिला है.

भीलवाड़ा. जिले में सरकारी विभाग में स्थापित कर्मचारियों की बड़ी लापरवाही सामने आई है. जिसमें एक जिंदा महिला को सरकारी कागजों में मृत घोषित कर दिया गया. पीड़िता महिला बुधवार को जिला कलेक्टर के पास फरियाद लेकर पहुंची कि मुझे भले ही पेंशन मत दो, लेकिन मृतक मत बताओ.

जिंदा महिला को मृत घोषित किया

करजालिया गांव की देऊ नाम की महिला अपने परिवारजन के साथ जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंची. जिसमें महिला ने जिला कलेक्टर के सामने उपस्थित होकर कहा कि मैं जिंदा हूं, मुझे मृत कैसे घोषित कर दिया गया. पीड़िता ने बताया कि प्रतिवर्ष पेंशन का सत्यापन होता है, जिसमें मुझे जिंदा बताया गया लेकिन सरकारी कागजों में मुझे मृत बता दिया गया है. इस कारण वृद्धावस्था पेंशन भी नहीं मिल रही है.

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वहीं पीड़िता के साथ आए रिश्तेदार ओम प्रकाश ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा हर महीने जून में पेंशन का सत्यापन होता है. उस सत्यापन महिला को जीवित बताया गया है जबकि नवंबर 2018 से अन्य सरकारी दस्तावेजों में मृतक बता रखा है. जिसके बाद बुधवार को जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया गया है. महिला का आरोप है कि वह 1 साल से चक्कर काट रही है, लेकिन अभी तक न्याय नहीं मिला है.

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