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खरीफ की बुवाई के लिए कृषि विभाग ने पूरी की तैयारियां, खाद-बीज की उपलब्धता पर्याप्त

मानसून की दस्तक के पहले ही भीलवाड़ा जिले में खरीफ की फसल के लिए कृषि विभाग ने तमाम तैयारियां पूरी कर ली हैं. भीलवाड़ा कृषि उपनिदेशक ने का कहना है कि जिले में पर्याप्त मात्रा में खाद बीज की उपलब्धता है. उन्होंने किसानों को सलाह दी है कि खेत की जुताई कर तैयार रहें और बाजार में खाद व बीज खरीदने पर बिल अवश्य लें, जिससे गुणवत्तापूर्ण खाद बीज उपलब्ध हो सके.

Kharif crop in Bhilwara, Kharif crop sowing
खरीफ की बुवाई के लिए कृषि विभाग ने पूरी की तैयारियां
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Published : Jun 16, 2021, 2:24 PM IST

भीलवाड़ा. वस्त्रनगरी के नाम से विख्यात भीलवाड़ा जिले में मानसून की दस्तक से पहले ही खरीफ की बुवाई के लिए कृषि विभाग ने तमाम तैयारियां पूरी कर ली हैं, जहां इस बार खाद की कमी नहीं हो, इसके लिए पर्याप्त मात्रा में खाद बीज उपलब्ध है. खाद बीज में कालाबाजारी रोकने के लिए विशेष टीमों का गठन किया गया है, जो छापामार कार्रवाई कर रही हैं.

खरीफ की बुवाई के लिए कृषि विभाग ने पूरी की तैयारियां

भीलवाड़ा कृषि उपनिदेशक रामपाल खटीक ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि इस वर्ष कृषि विभाग द्वारा 4 लाख 2 हजार हेक्टेयर भूमि में खरीफ की फसल की बुवाई का लक्ष्य रखा है और पर्याप्त मात्रा में कृषि आदानो की उपलब्धता है. डीएपी 4600 मीट्रिक टन हमारे पास उपलब्ध है और जल्द ही रेलवे की एक और रैक पहुंचने वाली है. वहीं एनपीके खाद 12 हजार मीट्रिक टन हमारे पास उपलब्ध है. सभी तरह के बीज ज्वार, बाजरा, मक्का, उड़द, तिल, मूंग, कपास व सोयाबीन के बीज भरपूर मात्रा में उपलब्ध हैं.

पढ़ें- Rajasthan Weather Today : प्री मानसून सक्रिय होने से बदला मौसम का मिजाज, जोधपुर सहित कई जिलों में बारिश

उन्होंने भीलवाड़ा जिले के किसानों से अपील की है कि किसी भी सरकारी या निजी संस्थान से बीज व खाद खरीदते समय बिल अवश्य लें, जिससे कालाबाजारी नहीं हो सके. साथ ही कालाबाजारी की रोकथाम के लिए हमने 14 तारीख से विशेष अभियान चला रखा है. जहां फील्ड में मौजूद इंस्पेक्टर ने अब तक 21 सैंपल बीज के व 35 सैंपल खाद के लिए हैं.

साथ ही बताया कि भीलवाड़ा जिले में गर्मी की ऋतु में एक बार हुई बरसात व भूमिगत जल से 12 हजार हेक्टेयर भूमि में कपास की बुआई हो चुकी है. प्रतिवर्ष 40 हजार हेक्टेयर भूमि में बुआई होती है, लेकिन पानी की कमी के कारण इस बार कम बुआई हुई है. सबसे ज्यादा जिले में मक्का की फसल की बुवाई होती है. किसान भाई मानसून की दस्तक से पहले अपने खलियानों की जुताई करके तैयार रहें. जिससे बरसात होते ही खरीफ की फसल की बुवाई हो सके. किसान जो भी फसल की बुवाई करता है, उसके बीज को ट्राइकोडर्मा से जरूर उपचारित करें, जिससे फफूंदी नहीं लगेगी.

भीलवाड़ा. वस्त्रनगरी के नाम से विख्यात भीलवाड़ा जिले में मानसून की दस्तक से पहले ही खरीफ की बुवाई के लिए कृषि विभाग ने तमाम तैयारियां पूरी कर ली हैं, जहां इस बार खाद की कमी नहीं हो, इसके लिए पर्याप्त मात्रा में खाद बीज उपलब्ध है. खाद बीज में कालाबाजारी रोकने के लिए विशेष टीमों का गठन किया गया है, जो छापामार कार्रवाई कर रही हैं.

खरीफ की बुवाई के लिए कृषि विभाग ने पूरी की तैयारियां

भीलवाड़ा कृषि उपनिदेशक रामपाल खटीक ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि इस वर्ष कृषि विभाग द्वारा 4 लाख 2 हजार हेक्टेयर भूमि में खरीफ की फसल की बुवाई का लक्ष्य रखा है और पर्याप्त मात्रा में कृषि आदानो की उपलब्धता है. डीएपी 4600 मीट्रिक टन हमारे पास उपलब्ध है और जल्द ही रेलवे की एक और रैक पहुंचने वाली है. वहीं एनपीके खाद 12 हजार मीट्रिक टन हमारे पास उपलब्ध है. सभी तरह के बीज ज्वार, बाजरा, मक्का, उड़द, तिल, मूंग, कपास व सोयाबीन के बीज भरपूर मात्रा में उपलब्ध हैं.

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उन्होंने भीलवाड़ा जिले के किसानों से अपील की है कि किसी भी सरकारी या निजी संस्थान से बीज व खाद खरीदते समय बिल अवश्य लें, जिससे कालाबाजारी नहीं हो सके. साथ ही कालाबाजारी की रोकथाम के लिए हमने 14 तारीख से विशेष अभियान चला रखा है. जहां फील्ड में मौजूद इंस्पेक्टर ने अब तक 21 सैंपल बीज के व 35 सैंपल खाद के लिए हैं.

साथ ही बताया कि भीलवाड़ा जिले में गर्मी की ऋतु में एक बार हुई बरसात व भूमिगत जल से 12 हजार हेक्टेयर भूमि में कपास की बुआई हो चुकी है. प्रतिवर्ष 40 हजार हेक्टेयर भूमि में बुआई होती है, लेकिन पानी की कमी के कारण इस बार कम बुआई हुई है. सबसे ज्यादा जिले में मक्का की फसल की बुवाई होती है. किसान भाई मानसून की दस्तक से पहले अपने खलियानों की जुताई करके तैयार रहें. जिससे बरसात होते ही खरीफ की फसल की बुवाई हो सके. किसान जो भी फसल की बुवाई करता है, उसके बीज को ट्राइकोडर्मा से जरूर उपचारित करें, जिससे फफूंदी नहीं लगेगी.

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