भीलवाड़ा. जिले के बनेड़ा कस्बे में शनिवार को मानवता को शर्मसार करती एक तस्वीर सामने आई, जब बीमार महिला को अस्पताल पहुंचाने के लिए बार-बार फोन करने के बावजूद एम्बुलेंस नहीं पहुंची. इसके बाद महिला के परिजन उसे हाथ ठेले पर लेकर अस्पताल पहुंचे. लेकिन समय पर उपचार नहीं मिल पाने से महिला की मौत हो गई. इसके बाद परिजन महिला के शव को उसी हाथ ठेले पर लेकर घर पहुंचे.
बनेड़ा कस्बे के हरीराम छीपा के पत्नी माया की तबीयत घर पर ज्यादा बिगड़ने पर परिजनों ने एम्बुलेंस के लिए 108 पर कई बार फोन किया, लेकिन एम्बुलेंस नहीं पहुंची. महिला के परिजनों का आरोप है कि बीमार महिला को हाथ ठेले पर चिकित्सालय ले जाने के बावजूद वहां मौजूद डॉक्टर मोबाइल फोन पर बात करने में व्यस्त रहे और महिला को उपचार नहीं मिलने से उसने दम तोड़ दिया.
परिजनों का आरोप, डॉक्टरों ने नहीं देखा
परिजन महिला को बचाने के लिए ठेले पर लेकर पहुंचे. परिजनों ने आरोप लगाया कि वहां पर डॉक्टरों ने उसे देखा तक नहीं. स्टाफ दूर-दूर घूमता रहा और डॉक्टर फोन पर बात करता रहा. अगर उस समय पर देख लेते तो शायद महिला की जान बच सकती थी. इसके बाद परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया. घटना की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और परिजनों से बातचीत कर मामला शांत करवाया.
ढाई घंटे तक एंबुलेंस मरीज को लेने नहीं गई...
बीमार महिला को ठेले में लेकर अस्पताल गए तब एंबुलेंस परिसर में ही खड़ी थी. यही नहीं परिजन अस्पताल से करीब 1 किलोमीटर दूर शव भी ठेले पर ही डालकर ले गए. परिसर में निजी वाहन थे लेकिन कोरोना के शक में कोई शव ले जाने को भी तैयार नहीं हुआ. यहां तक कि महिला की मौत होने के बाद भी महिला को एंबुलेंस नसीब नहीं हो पाई.