भरतपुर. केवलादेव राष्ट्रीय पक्षी उद्यान दुनिया भर में पक्षियों के स्वर्ग के रूप में पहचाना जाता है लेकिन वर्षों पहले यह स्थान पक्षियों की एक शिकारगाह था. जहां रियासतकाल में राजा-महाराजा और अंग्रेज हर दिन हजारों बत्तखों का शिकार करते थे. धीरे धीरे समय गुजरता गया और यह शिकारगाह पक्षियों के लिए सबसे सुरक्षित स्थान बन गया. अब हर वर्ष यहां दुनियाभर से करीब 400 प्रजाति के हजारों पक्षी प्रवास पर आते हैं. इन पक्षियों की अठखेलियां देखने के लिए भी विश्वभर से लाखों पर्यटक यहां पहुंचते हैं.
वन्यजीव विशेषज्ञ भोलू अबरार कहते हैं कि यहां वर्षों पहले घना में नदियों का भरपूर पानी आता था साथ ही उसमें मछलियां और पक्षियों का भोजन भी प्रचुर मात्रा में आता था इससे यहां बड़ी संख्या में देशी विदेशी पक्षी आते थे. विशेषज्ञ भोलू अबरार ने यादें ताजा करते हुए कहते हैं कि घना में इतने पक्षी आते थे कि उनकी उड़ान से पूरा आसमान काला हो जाता था. आसमान नजर ही नहीं आता था. लेकिन बीते वर्षों में घना को पानी की कमी का सामना करना पड़ा है. हालांकि इस बार प्रशासन की मदद से घना को अच्छी मात्रा में पानी मिल रहा है.
केवलादेव राष्ट्रीय पक्षी उद्यान में पिछले पांच सालों में कब कहां से कितने पर्यटक पहुंचे- |
वर्ष- | विदेशी- | देशी- | कुल- |
2015-16 | 1,22,720 | 21,409 | 1,44,129 |
2016-17 | 1,21,833 | 25,417 | 1,47,250 |
2017-18 | 1,14,631 | 23,345 | 1,37,976 |
2018-19 | 1,32,184 | 26,231 | 1,58,415 |
2019-20 | 1,08,204 | 20,773 | 1,28,917 |
इस तरह मिली दुनिया में पहचान-
केवलादेव राष्ट्रीय पक्षी उद्यान के निदेशक मोहित गुप्ता कहते हैं कि घना में डॉ. सलीम अली ने पक्षियों पर काफी समय तक शोध किया. अन्य कई संस्थाओं ने भी पक्षियों की प्रजातियों पर शोध कार्य किये जिससे घना की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनी. उसके बाद देश के अलग अलग हिस्सों से और दुनियाभर से पर्यटक यहां पहुंचने लगे.
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कोरोना ने तोड़ दी कमर-
निदेशक मोहित गुप्ता ने बताया कि हर वर्ष घना में देशी विदेशी करीब सवा लाख से डेढ़ लाख तक पर्यटक आते हैं लेकिन इस बार कोरोना के चलते घना करीब तीन माह तक बंद रहा. इससे पर्यटकों की संख्या बीते वर्ष की तुलना में काफी कम रही. आने वाले पर्यटन सीजन में भी विदेशी पर्यटकों के पहुंचने की उम्मीद कम है लेकिन देशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए घना प्रशासन और पर्यटन विभाग की ओर से प्रचार प्रसार के माध्यम से प्रयास किया जा रहा है.
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कोरोना संक्रमण से बचाव के इंतजाम-
मोहित गुप्ता कहते है कि यहां पर आने वाले पर्यटकों को संक्रमण से बचाव के लिए सभी जरूरी इंतजाम किए हुए हैं. यहां प्रवेश द्वार पर ही फुल बॉडी सैनिटाइजेशन चैंबर लगाया गया है साथ ही टिकट खिड़की के सामने भी सोशल डिस्टेंसिंग की पालना कराने के लिए घेरे बनाए गए हैं. सभी स्टाफ को मास्क का इस्तेमाल अनिवार्य किया गया है साथ ही यहां आने वाले पर्यटकों से भी मास्क लगाने की अपील की जाती है.