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World Bicycle Day 2023: साइकिल ने संवारी जिंदगी, व्यवसाई लोकेश अग्रवाल ने बताया कैसे हुए स्वस्थ

विश्व साइकिल दिवस (World Bicycle Day) परिवहन के साधन के रूप में साइकिल के महत्व को बढ़ावा देने, स्थिरता, स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है.

World Bicycle Day 2023
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Published : Jun 3, 2023, 9:48 AM IST

साइकिल ने संवारी जिंदगी

भरतपुर. अधिकतर समय व्यवसाय में गुजरता. हर किसी की तरह ये भी आधुनिकता की दौड़ के शिकार थे. नतीजन बहुत कम उम्र में पैसा तो अच्छा खासा कमा लिया, लेकिन स्वास्थ्य गंवा दिया. शहर के जाने-माने व्यवसाई लोकेश अग्रवाल आज से 5 साल पहले मोटापे, बीपी, शुगर, थायरॉयड और कोलेस्ट्रॉल जैसी बीमारी की चपेट में आ गए. हर दिन कई कई दवाई लेनी पड़ती. चिकित्सकों ने भी चेतावनी दे दी. आखिर में व्यवसाई लोकेश अग्रवाल ने साइकिल को अपनाया और महज एक साल के अंदर ही साइकिल ने जिंदगी बदल दी. पेश है विश्व साइकिल दिवस पर साइकिल और स्वास्थ्य की अनूठी कहानी.

शहर के 51 वर्षीय व्यवसाई लोकेश अग्रवाल ने बताया कि कई साल पहले अनियमित दिनचर्या और किसी तरह की कोई एक्सरसाइज नहीं करने की वजह से स्वास्थ्य खराब होने लग गया था. धीरे धीरे बीपी, शुगर, थायरॉयड, कोलेस्ट्रॉल की चपेट में आता गया. हर दिन कई कई दवाई लेनी पड़ती थी. चिकित्सकों ने भी स्वास्थ्य को लेकर चेतावनी दे दी थी. अब स्वास्थ्य की चिंता भी होने लगी थी.

बीमारियों से मिली निजात : व्यवसाई अग्रवाल ने बताया कि वर्ष 2018 में साइकिल को अपनाया. एक दिनचर्या बनाई. सुबह जल्दी जागकर अकेले साइकिल लेकर निकल जाता. कई कई किलोमीटर साइकिल दौड़ने लगी. धीरे-धीरे साइकिल चलाने की दूरी बढ़ाई. किसी दिन 50 किमी, तो किसी दिन 100 किमी. नियमित साइकिल चलाने के सकारात्मक परिणाम नजर आने लगे. नियमित जांच भी कराता रहता. आखिर में एक साल बाद ही वर्ष 2019 में व्यवसाई लोकेश अग्रवाल पूरी तरह से बीपी, शुगर, कोलेस्ट्रॉल लेवल सही हो गया. सभी बीमारियों की दवाई बंद हो गईं. जबकि बीपी की 15 साल से दवाई ले रहे थे. अग्रवाल ने बताया कि अभी बस थायरॉयड की दवाई ले रहे हैं वो भी बहुत ही कम मात्रा में.

पढ़ें : दिव्यांग गोविंद के लिए साइकिलिंग बना जुनून, तय कर चुके हैं हजारों किलोमीटर का सफर

वजन घटाया : लोकेश अग्रवाल ने बताया कि वर्ष 2018 तक वजन भी बढ़कर 92 किलो हो गया था. ज्यादा वजन की वजह से दैनिक जीवन प्रभावित हो रहा था. अब लगातार 5 साल से साइकिल चला रहा हूं और वजन घटकर 70 किलोग्राम हो गया है. अब शरीर पूरी तरह से स्वस्थ है.

World Bicycle Day
साइकिल ने संवारी जिंदगी

पढ़ें : World Bicycle Day 2023: जन्म से एक हाथ नहीं, दूसरे हाथ में हैं सिर्फ दो उंगलियां, फिर भी गोविंद के लिए साइकिल बना जुनून

क्लब में 65 लोग : लोकेश अग्रवाल ने बताया कि नियमित साइकिल चलाने से स्वास्थ्य में चमत्कारिक बदलाव देखने को मिले. जान पहचान वाले लोग भी यह सब देख रहे थे. ऐसे में धीरे धीरे और लोग भी साथ जुड़ते गए. साइकिल चलाने वालों की संख्या बढ़ती गई. लोगों की अधिक संख्या को देखते हुए भरतपुर साइकिल क्लब का गठन किया गया और आज क्लब में नवीन पराशर, अनूप मंगल, रेनू सिंह, जीवन जैन समेत कुल 65 लोग जुड़े हुए हैं.

व्यवसाई लोकेश अग्रवाल ने बताया कि बीते 5 साल में वह करीब 75 हजार किलोमीटर साइकिल चला चुके हैं. क्लब के और भी कई सदस्य हैं जो कई कई हजार किलोमीटर साइकिल चला चुके हैं. हमारा प्रयास रहता है कि ज्यादा से ज्यादा लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर जागरूक हो और 24 घंटे में से करीब 1 घंटे अपने स्वास्थ्य के लिए और साइकिल के लिए निकालें. शरीर स्वस्थ रहेगा तभी जीवन खुशहाल बनेगा.

साइकिल ने संवारी जिंदगी

भरतपुर. अधिकतर समय व्यवसाय में गुजरता. हर किसी की तरह ये भी आधुनिकता की दौड़ के शिकार थे. नतीजन बहुत कम उम्र में पैसा तो अच्छा खासा कमा लिया, लेकिन स्वास्थ्य गंवा दिया. शहर के जाने-माने व्यवसाई लोकेश अग्रवाल आज से 5 साल पहले मोटापे, बीपी, शुगर, थायरॉयड और कोलेस्ट्रॉल जैसी बीमारी की चपेट में आ गए. हर दिन कई कई दवाई लेनी पड़ती. चिकित्सकों ने भी चेतावनी दे दी. आखिर में व्यवसाई लोकेश अग्रवाल ने साइकिल को अपनाया और महज एक साल के अंदर ही साइकिल ने जिंदगी बदल दी. पेश है विश्व साइकिल दिवस पर साइकिल और स्वास्थ्य की अनूठी कहानी.

शहर के 51 वर्षीय व्यवसाई लोकेश अग्रवाल ने बताया कि कई साल पहले अनियमित दिनचर्या और किसी तरह की कोई एक्सरसाइज नहीं करने की वजह से स्वास्थ्य खराब होने लग गया था. धीरे धीरे बीपी, शुगर, थायरॉयड, कोलेस्ट्रॉल की चपेट में आता गया. हर दिन कई कई दवाई लेनी पड़ती थी. चिकित्सकों ने भी स्वास्थ्य को लेकर चेतावनी दे दी थी. अब स्वास्थ्य की चिंता भी होने लगी थी.

बीमारियों से मिली निजात : व्यवसाई अग्रवाल ने बताया कि वर्ष 2018 में साइकिल को अपनाया. एक दिनचर्या बनाई. सुबह जल्दी जागकर अकेले साइकिल लेकर निकल जाता. कई कई किलोमीटर साइकिल दौड़ने लगी. धीरे-धीरे साइकिल चलाने की दूरी बढ़ाई. किसी दिन 50 किमी, तो किसी दिन 100 किमी. नियमित साइकिल चलाने के सकारात्मक परिणाम नजर आने लगे. नियमित जांच भी कराता रहता. आखिर में एक साल बाद ही वर्ष 2019 में व्यवसाई लोकेश अग्रवाल पूरी तरह से बीपी, शुगर, कोलेस्ट्रॉल लेवल सही हो गया. सभी बीमारियों की दवाई बंद हो गईं. जबकि बीपी की 15 साल से दवाई ले रहे थे. अग्रवाल ने बताया कि अभी बस थायरॉयड की दवाई ले रहे हैं वो भी बहुत ही कम मात्रा में.

पढ़ें : दिव्यांग गोविंद के लिए साइकिलिंग बना जुनून, तय कर चुके हैं हजारों किलोमीटर का सफर

वजन घटाया : लोकेश अग्रवाल ने बताया कि वर्ष 2018 तक वजन भी बढ़कर 92 किलो हो गया था. ज्यादा वजन की वजह से दैनिक जीवन प्रभावित हो रहा था. अब लगातार 5 साल से साइकिल चला रहा हूं और वजन घटकर 70 किलोग्राम हो गया है. अब शरीर पूरी तरह से स्वस्थ है.

World Bicycle Day
साइकिल ने संवारी जिंदगी

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क्लब में 65 लोग : लोकेश अग्रवाल ने बताया कि नियमित साइकिल चलाने से स्वास्थ्य में चमत्कारिक बदलाव देखने को मिले. जान पहचान वाले लोग भी यह सब देख रहे थे. ऐसे में धीरे धीरे और लोग भी साथ जुड़ते गए. साइकिल चलाने वालों की संख्या बढ़ती गई. लोगों की अधिक संख्या को देखते हुए भरतपुर साइकिल क्लब का गठन किया गया और आज क्लब में नवीन पराशर, अनूप मंगल, रेनू सिंह, जीवन जैन समेत कुल 65 लोग जुड़े हुए हैं.

व्यवसाई लोकेश अग्रवाल ने बताया कि बीते 5 साल में वह करीब 75 हजार किलोमीटर साइकिल चला चुके हैं. क्लब के और भी कई सदस्य हैं जो कई कई हजार किलोमीटर साइकिल चला चुके हैं. हमारा प्रयास रहता है कि ज्यादा से ज्यादा लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर जागरूक हो और 24 घंटे में से करीब 1 घंटे अपने स्वास्थ्य के लिए और साइकिल के लिए निकालें. शरीर स्वस्थ रहेगा तभी जीवन खुशहाल बनेगा.

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