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Wildlife Census 2022: केवलादेव घना और बंध बारैठा में वन्यजीव की गणना शुरू, संख्या में इजाफे की उम्मीद

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Published : May 16, 2022, 4:53 PM IST

भरतपुर में कोरोना संक्रमण के कारण दो साल के बाद सोमवार को केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान, (Wildlife Census begins in Bharatpur) बंध बारैठा और वन क्षेत्र में वन्यजीवों की गणना शुरू हो गई. केवलादेव घना में 23 और बंध बारैठा क्षेत्र में 6 प्वाइंट बनाए गए हैं, जहां करीब 58 वनकर्मी वाटरहोल पद्धति से वन्यजीव की गणना कर रहे हैं.

Wildlife Census begins in Bharatpur
केवलादेव घना और बंध बारैठा में वन्यजीव की गणना शुरू

भरतपुर. कोरोना संक्रमण के कारण दो साल बाद सोमवार को केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान, बंध बारैठा और वन क्षेत्र में वन्यजीवों की गणना (Wildlife Census begins in Bharatpur) शुरू हो गई. कुल 29 प्वाइंट पर 58 से अधिक वनकर्मी वन्यजीवों की गणना कर रहे हैं. 24 घंटे बाद पता चलेगा की केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान बंद बारैठा और अन्य वन क्षेत्रों में कौन-कौन से और कितने वन्य जीव मौजूद हैं. सोमवार सुबह 8 बजे वनकर्मियों की टीमों को वाटर प्वाइंट के लिए रवाना किया गया.

एसीएफ नरूका ने बताया कि वन्यजीव गणना के लिए केवलादेव घना में 23 और बंध बारैठा क्षेत्र में 6 प्वाइंट बनाए गए हैं. इन वाटर प्वाइंट पर (Wildlife Census through Water hole method) करीब 58 वनकर्मी वाटरहोल पद्धति से वन्यजीव गणना की जा रही है. वनकर्मी सोमवार सुबह 8 बजे से मंगलवार सुबह 8 बजे तक वन्यजीवों की गणना करेंगे. ऐसे में वनकर्मियों के खाने की व्यवस्था भी वाटर प्वाइंट पर की गई है.

केवलादेव घना और बंध बारैठा में वन्यजीव की गणना शुरू

पढ़े. वन्यजीव गणना 2022: वाटर होल पद्धति पर 16 मई से शुरू होगी गणना, 24 घंटे लगातार चलेगी

इसलिए चुनते हैं बुद्ध पूर्णिमा की रात
हर वर्ष वन क्षेत्रों में बुद्ध पूर्णिमा की रात को ही वन्यजीव गणना के लिए चुना जाता है. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के एसीएफ नारायण सिंह नरूका ने बताया बुद्ध पूर्णिमा की रात को चंद्रमा की पूरी रोशनी रहती है. इस समय पेड़ों के पत्ते गिरना भी बंद हो जाते हैं. इसलिए रात के वक्त वाटर प्वाइंट पर पानी पीने आने वाले वन्यजीव आसानी से नजर आ जाते हैं. साथ ही गर्मी के मौसम में वाटर प्वाइंट सीमित हो जाते हैं, जिसकी वजह से वाटर प्वाइंट पर अधिकतर वन्यजीव पानी पीने पहुंच जाते हैं. जिनकी गणना आसान होती है.

दो साल बढ़ सकता है वन्यजीव कुनबा
घना और वन क्षेत्र में कोरोना काल से पहले वर्ष 2020 में वन्यजीव गणना की गई थी. उस दौरान घना में सियार 251, जरख 14, जंगली बिल्ली 4, बिज्जु 7, चीतल 2079, सांभर 20, रोजड़ा 280, जंगली सूअर 96, सेही 15, हाेग डीयर 3 मिले. साथ ही बंध बारैठा अभ्यारण्य में सियार 145, जरख 19, जंगली बिल्ली 16, लोमड़ी 12, भेडिय़ा 6, बिज्जु 8, चीतल 3, रोजडा 143, सेही 29, लंगूर 15 दर्ज किए गए. इस बार की गणना में वन्यजीव का कुनबा बढ़ने की संभावना है, जिसकी जानकारी मंगलवार को वन्यजीव गणना पूरी होने पर पता चलेगी.

भरतपुर. कोरोना संक्रमण के कारण दो साल बाद सोमवार को केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान, बंध बारैठा और वन क्षेत्र में वन्यजीवों की गणना (Wildlife Census begins in Bharatpur) शुरू हो गई. कुल 29 प्वाइंट पर 58 से अधिक वनकर्मी वन्यजीवों की गणना कर रहे हैं. 24 घंटे बाद पता चलेगा की केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान बंद बारैठा और अन्य वन क्षेत्रों में कौन-कौन से और कितने वन्य जीव मौजूद हैं. सोमवार सुबह 8 बजे वनकर्मियों की टीमों को वाटर प्वाइंट के लिए रवाना किया गया.

एसीएफ नरूका ने बताया कि वन्यजीव गणना के लिए केवलादेव घना में 23 और बंध बारैठा क्षेत्र में 6 प्वाइंट बनाए गए हैं. इन वाटर प्वाइंट पर (Wildlife Census through Water hole method) करीब 58 वनकर्मी वाटरहोल पद्धति से वन्यजीव गणना की जा रही है. वनकर्मी सोमवार सुबह 8 बजे से मंगलवार सुबह 8 बजे तक वन्यजीवों की गणना करेंगे. ऐसे में वनकर्मियों के खाने की व्यवस्था भी वाटर प्वाइंट पर की गई है.

केवलादेव घना और बंध बारैठा में वन्यजीव की गणना शुरू

पढ़े. वन्यजीव गणना 2022: वाटर होल पद्धति पर 16 मई से शुरू होगी गणना, 24 घंटे लगातार चलेगी

इसलिए चुनते हैं बुद्ध पूर्णिमा की रात
हर वर्ष वन क्षेत्रों में बुद्ध पूर्णिमा की रात को ही वन्यजीव गणना के लिए चुना जाता है. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के एसीएफ नारायण सिंह नरूका ने बताया बुद्ध पूर्णिमा की रात को चंद्रमा की पूरी रोशनी रहती है. इस समय पेड़ों के पत्ते गिरना भी बंद हो जाते हैं. इसलिए रात के वक्त वाटर प्वाइंट पर पानी पीने आने वाले वन्यजीव आसानी से नजर आ जाते हैं. साथ ही गर्मी के मौसम में वाटर प्वाइंट सीमित हो जाते हैं, जिसकी वजह से वाटर प्वाइंट पर अधिकतर वन्यजीव पानी पीने पहुंच जाते हैं. जिनकी गणना आसान होती है.

दो साल बढ़ सकता है वन्यजीव कुनबा
घना और वन क्षेत्र में कोरोना काल से पहले वर्ष 2020 में वन्यजीव गणना की गई थी. उस दौरान घना में सियार 251, जरख 14, जंगली बिल्ली 4, बिज्जु 7, चीतल 2079, सांभर 20, रोजड़ा 280, जंगली सूअर 96, सेही 15, हाेग डीयर 3 मिले. साथ ही बंध बारैठा अभ्यारण्य में सियार 145, जरख 19, जंगली बिल्ली 16, लोमड़ी 12, भेडिय़ा 6, बिज्जु 8, चीतल 3, रोजडा 143, सेही 29, लंगूर 15 दर्ज किए गए. इस बार की गणना में वन्यजीव का कुनबा बढ़ने की संभावना है, जिसकी जानकारी मंगलवार को वन्यजीव गणना पूरी होने पर पता चलेगी.

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