भरतपुर. ज्योतिषशास्त्र के अनुसार हर वर्ष सूर्य का धनु से मकर राशि में प्रवेश 20 मिनट की देरी से होता है और 72 साल में सूर्य की चाल एक दिन धीमी हो जाती है. इसलिए इस बार मकर संक्रांति का पर्व 14 के बजाय 15 जनवरी को मनाया जाएगा. यही वजह है कि स्नान और दान का शुभ दिन 15 जनवरी रविवार रहेगा.
पंडित मनु मुद्गल ने बताया कि इस बार मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जाएगी. हालांकि 14 जनवरी की रात 8.43 बजे सूर्य का धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश होगा. इसलिए सूर्योदय 15 जनवरी को मकर राशि में होगा और पुण्यकाल 15 जनवरी का ही रहेगा. ज्योतिषशास्त्र के अनुसार हर साल सूर्य की गति 20 मिनट धीमी हो जाती है. ऐसे में 72 साल में सूर्य की चाल एक दिन धीमी हो जाती है. इसलिए इस बार मकर संक्रांति 15 को मनाई जाएगी. माना जाता है कि करीब 1052 साल पहले 25 से 26 दिसंबर में मकर संक्रांति मनाई जाती थी.
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स्नान और दान का समय: पंडित मनु मुद्गल ने बताया कि मकर संक्रांति पर दान और स्नान का विशेष महत्व होता है. 15 जनवरी को सुबह 4 बजे स्नान पर्व शुरू हो जाएगा. साथ ही सुबह 7.25 बजे से दान पर्व शुरू हो जाएगा. लोग शाम 5.35 बजे तक गरीब, ब्राह्मण आदि को अपनी इच्छानुसार दान कर सकते हैं. पंडित मनु मुद्गल ने बताया कि सामान्य दिनों में सूर्य को सिर्फ जल से अर्घ्य दिया जाता है. लेकिन मकर संक्रांति के दिन सूर्य अपने पुत्र शनि के घर में प्रवेश करते हैं. इसलिए जल में तिल और रोली मिलाकर सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए. इससे सूर्य और शनि यानी पिता पुत्र प्रसन्न होते हैं और जातक पर दोनों की कृपा बनी रहती है.