भरतपुर. शहर में मंगलवार को ग्रामीणों ने शहर में कचरे से पैदा होने वाली गंदगी और मक्खियों से परेशान होकर विरोध प्रदर्शन किया. ग्रामीणों ने उस समय विरोध प्रदर्शन करना शुरु किया, जिस समय नगर निगम की गाड़ियां गांव के पास कचरा यार्ड में कचरा डालने के लिए पहुंची थी. वहीं उन्होंने कचरा डालने के लिए पहुंची नगर निगम के वाहनों को भी रोक दिया.
बता दे कि नगर निगम नौह गांव के पास कचरा डालता है. वहीं इस गंदे कचरे से मक्खियों और गंदगी उतपन्न होती है. जिससे लोगों का जीना मुश्किल हो गया है. ऐसे में ग्रामीणों ने इसके लिए कई बार नगर निगम प्रशासन से गुहार भी लगाई है. लेकिन प्रशासन ने एक ना सूनी. इसी से मजबूर होकर ग्रामीणों ने कचरे के वाहनों को कचरा डालने से रोक दिया. सूचना का पता चलते ही अधिकारी समझाइश करने के लिए मौके पर पहुंचे लेकिन ग्रामीण कचरे के निस्तारण की मांग पर अड़े हुए है.
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शहर का कचरा इस गांव में ट्रेक्टर-ट्रॉलियों के जरिए रोजाना डाला जाता है. जहां शहर से रोजाना करीब कचरे से पैदा होने वाली गंदगी और बदबू से परेशान ग्रामीणों ने मंगलवार नगर निगम की कचरे से भरी ट्रेक्टर-ट्रॉलियों को कचरा डालने से रोक दिया और विरोध किया. साथ ही ग्रामीणों का कहना है कि उनके गांव के पास नगर निगम द्वारा कचरा डाला जाता है, जो ग्रामीणों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है.
भारी मात्रा में रोजाना डाला जाने वाले कचरे से प्लास्टिक की थैलियां और गंदगी उनके खेतों में हवा के साथ उड़कर चली जाती है. जिससे अपने खाने के लिए पैदा होने वाली खेतों की फसल भी नष्ट हो जाती है और उनकी कृषि भूमि भी बंजर होती जा रही है. जिससे आगामी समय में फसल पैदा होना भी असंभव प्रतीत हो रहा है.
नगर निगम की माने तो शहर से रोजाना करीब सैकड़ों ट्रेक्टर-ट्रॉलियां नौह स्थित कचरा घर में डाली जाती है. साथ ही वहां कचरा खुले में ही सड़क किनारे डाला जाता है.जिससे कचरे के निस्तारण के लिए किसी भी प्रकार का प्लांट नहीं है और ना ही कचरे को इकठ्ठा करने के लिए बाउंडरी वॉल बनाई गई है, जिससे कचरा उड़कर खेतों में नहीं जाए.
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उधर नगर निगम की आयुक्त नीलिमा तक्षक ने बताया की मक्खियों और मच्छरों की रोकथाम के लिए फोगिंग की जाती है और वहां कचरा निस्तारण प्लांट के लिए अनुमति लेने के प्रयास किए जा रहे है. हालांकि अभी तक इसके निर्माण के लिए अनुमति नहीं मिल पाई है.