भरतपुर. कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान केवलादेव राष्ट्रीय पक्षी उद्यान में वन्यजीव और पक्षियों का शिकार करने का प्रयास करने वाले दो शिकारियों को घना प्रशासन ने गिरफ्तार किया है. इससे पहले घना प्रशासन अप्रैल में भी दो और शिकारियों को गिरफ्तार कर चुका है.
जिसके बाद अब प्रशासन ने 7 जुलाई को पुलिस की मदद से इन शिकारियों को गिरफ्तार किया है. ये शिकारी केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान की दीवार फांद कर रात के अंधेरे में शिकार करने आए थे, लेकिन उद्यान के ट्रैप कैमरों में ये नजर आए. जिसके बाद यह कार्रवाई की गई है.
वहीं, सहायक वन संरक्षक अभिषेक शर्मा ने बताया कि 12 अप्रैल की रात को उद्यान के ट्रैक कैमरों में हथियार के साथ चार शिकारियों की हलचल कैद हुई. वहीं, 15 अप्रैल को जब फुटेज देखा गया तो चारों शिकारियों का चेहरा भी उसमें नजर आया. इन्होंने घना में शिकार के लिए फंदा भी लगाया, लेकिन शिकार करने में सफल नहीं हो पाए. बाद में पुलिस की मदद से इन शिकारियों की तलाश की गई.
जिसके बाद चिकसाना थाना क्षेत्र के गांव आजादनगर में इनकी पहचान की गई. बता दें कि पुलिस की मदद से 20 अप्रैल को दो शिकारी राजू और सुगन को गिरफ्तार कर लिया गया था. वहीं, पूछताछ और निशानदेही के आधार पर दो अन्य शिकारियों की पहचान भी कर ली गई. जिसके बाद मंगलवार को इन दोनों के भरतपुर न्यायालय परिसर में होने की सूचना मिली.
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घना प्रशासन ने मौके पर पहुंच कर आजादनगर निवासी मुकेश और भैरा उर्फ कालीचरण को गिरफ्तार कर लिया. साथ ही इनकी निशानदेही पर शिकार के काम में ली जाने वाली टोपीदार बंदूक भी जब्त की गई है. इन शिकारियों में से मुकेश नामक शिकारी पहले भी घने में शिकार करने के प्रयास में गिरफ्तार किया गया था, जो कि जमानत पर बाहर आया था.
ऐसे पकड़ में आए शिकारी...
रेंजर महेश शर्मा ने बताया कि ट्रैप कैमरों के फुटेज में शिकारी का चेहरा दिखने के बाद इनके आजादनगर निवासी होने का शक हुआ. उसके बाद आजादनगर गांव की वोटरलिस्ट खंगाली गई, जिसमें शिकारी की पहचान हुई. बाद में पुलिस की मदद से इनको गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने बताया कि ये लोग घना में मोर, खरगोश और जंगली सुअर का शिकार करने की फिराक में आते हैं.