भरतपुर. राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से शनिवार को आयोजित (Bharatpur police arrested dummy examinee)जीके की परीक्षा निरस्त कर दी गई. लेकिन एक परीक्षा केंद्र से एक डमी व अन्य परीक्षार्थी को गिरफ्तार कर लिया गया. ये दोनों एक ही रोल नंबर पर परीक्षा देने पहुंचे थे. जिससे डमी कैंडिडेट का भेद खुल गया और दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया. अभ्यर्थी और डमी कैंडिडेट के बीच परीक्षा देने के लिए 3 लाख रुपए में सौदा हुआ था.
मथुरा गेट थाना प्रभारी रामनाथ सिंह ने बताया कि मास्टर आदित्येंद्र सीनियर सेकेंडरी स्कूल से शनिवार सुबह करीब 9 बजे कॉल आया कि वहां किसी फर्जी अभ्यर्थी को पकड़ा (appeared for exam on same roll number) गया है. इसके बाद परीक्षा केंद्र पर जाकर देखा तो जालौर जिले के सांचौर निवासी प्रकाश नाम के एक शख्स को पकड़ गया था. साथ में करौली निवासी अभ्यर्थी योगेश कुमार भी मौके पर मौजूद था.
थाना प्रभारी ने बताया कि जालौर निवासी प्रकाश डमी कैंडिडेट के रूप में योगेश कुमार के स्थान पर परीक्षा देने आया था. लेकिन उससे पहले ही योगेश कुमार परीक्षा केंद्र पर पहुंच गया. वहीं, 5 मिनट बाद जब प्रकाश वहां पहुंचा तो वीक्षक चौंक गया. एक ही रोल नंबर पर दो अभ्यर्थियों को देखकर तुरंत केंद्र पर मौजूद पुलिसकर्मियों को इसकी सूचना दी गई. जिसके बाद पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया.
एसएचओ ने बताया कि अभी दोनों आरोपियों से पूछताछ की जा रही है. प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया है कि दोनों आरोपी जयपुर में एक साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे थे. वहीं इनका संपर्क हुआ था. इसी दौरान प्रकाश तीन लाख रुपए में डमी कैंडिडेट के रूप में परीक्षा देने को तैयार हुआ था.