कामां (भरतपुर). घरवालों की पिटाई के डर से दो दिन पूर्व गायब हुआ 8 वर्षीय बालक (The boy went missing due to fear of beating) रविवार सुबह खेतों में लगे कड़वी के पूज (बंडल) के अंदर छिपा मिला. कड़वी को हिलता देख ग्रामीणों को जब किसी जानवर के होने की आशंका हुई तो वे लाठी-डंडों के साथ कड़वी को घेर कर खड़े हो गए. इसके बाद ग्रामीणों ने कड़वी को हटाया तो अंदर छिपा हुआ बालक मिला. बालक को देख ग्रामीणों ने परिजनों को सूचना दी. जिसके बाद मौके पर पहुंचे परिजनों ने बालक को लेकर धिलावटी पुलिस चौकी गए. वहीं बालक के मिलने पर पुलिस ने भी राहत की सांस ली है. पुलिस ने बालक की तलाश के लिए नाकाबंदी कर अभियान चलाया. पुलिस को खासी मशक्कत भी करनी पड़ी.
कामां थानाधिकारी रामकिशन यादव ने बताया कि शुक्रवार को नगला कुलवाना का 8 वर्षीय बालक घर से गायब हो गया था. बालक के गायब होने के बाद परिजनों ने आस-पड़ोस के साथ उसकी काफी तलाश की. लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला. इसके बाद परिजनों ने बालक के अपहरण की आशंका जताते हुए शनिवार को कामां थाने पर लिखित तहरीर देकर मामला दर्ज कराया.
मामला दर्ज होने के बाद धिलावटी चौकी प्रभारी सुखदेव सिंह को मामले की जांच सौंपी गई. चौकी प्रभारी सुखदेव सिंह ने बताया कि पूछताछ में बालक ने बताया कि वह बेर खाने के लिए घर में बिन बताए पहाड़ पर चला गया था. जिसके बाद उसे डर था कि कहीं घर में परिजन उसकी पिटाई न कर दें. इसलिए वह कड़बी के अंदर छुपा बैठा रहा. वहीं 8 वर्षीय बालक के मिलने के बाद परिजनों ने चौकी प्रभारी को विश्वास दिलाया कि वह बालक पर किसी प्रकार का डर नहीं रखेंगे. पुलिस बालक से पूछताछ के बाद मामले की जांच में जुटी हुई है.
कई बार घर से गायब होने का बालक कर चुका है प्रयासः जानकारी के अनुसार 8 वर्षीय बालक कई बार घर से गायब होने का प्रयास कर चुका है. लेकिन 2 दिन तक वह कभी गायब नहीं रहा. परिजनों ने बताया कि बालक की कोई जिद पूरी नहीं होती है तो वह पूर्व में भी नाराज होकर घर व आस पड़ोस में छिप चुका है. लेकिन पूर्व में हुई घटनाओं का जल्दी पता लग गया और दो-तीन घंटे बाद बालक मिल भी गया था. परिजनों ने बताया कि पहली बार ऐसा हुआ है कि बालक दो दिन तक नहीं मिला.
पहाड़ से तोड़कर लाए बेर से भरता रहा पेट, कड़वी से नहीं निकलाः दो दिन बाद मिले बालक ने बताया कि वह पहाड़ से बेर खाने के साथ ही काफी बेर वह थैली में भरकर अपने साथ ले आया था. कड़वी में छिपने के बाद दो दिन तक उसने बेर से ही पेट भरा और कड़वी के अंदर ही रहा और 2 दिन तक पानी भी नहीं पिया.