कामां (भरतपुर). कामां कस्बे के मथुरा दरवाजा निवासी अधिवक्ता कैलाश गुप्ता ने बताया कि, उसके भाई की बेटी जिसकी शादी जुरहरा कस्बा इलाके में हुई थी. करीब 5 वर्ष पहले उसके पति की मौत हो गई थी. 10 वर्षीय पुत्र और 8 वर्षीय पुत्री है उसकी जिसे वह अपने रिश्तेदारों के पास छोड़कर जयपुर के महिला चिकित्सालय में करीब 4 वर्ष से स्टाफ नर्स के बतौर कार्य कर रही हैं.
कोरोना संक्रमण के चलते स्टाफ नर्स ममता गुप्ता की ड्यूटी कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्तियों के इलाज के लिए लगा दी थी. उसने कोरोना वॉरियर्स के रूप में पूरी ईमानदारी से कार्य किया. लेकिन 12 मई को ममता गुप्ता का सैंपल लिया गया और सैंपल वो पॉजिटिव पाया गया. जिसके बाद उसे कोरोनावायरस बार्ड में भर्ती कर दिया गया. लेकिन ममता ने हार नहीं मानी आखिरकार कोरोना की लड़ाई लड़ते हुए उसका दूसरा सैंपल 17 मई को नेगेटिव आया और फिर चिकित्सकों ने उन्हें घर जाने की इजाजद दे दी.
एंबुलेंस से कामां लौटने के बाद कस्बा के कोसी चौराहे पर लोगों ने पुष्प वर्षा कर स्टाफ नर्स ममता गुप्ता की हौसला अफजाई की. ममता गुप्ता ने बताया कि, वह अपनी पूर्ण निष्ठा के साथ जयपुर में कोरोना वायरस संक्रमण की लड़ाई में कार्य कर रही थी और जब उसका सैंपल पॉजिटिव आया तो थोड़ी मानसिक रूप से परेशान जरूर हुई लेकिन हार नहीं मानी. उन्होंने कहा कि, सैंपल नेगेटिव आ गया और लौटकर अपने घर वापसी आई इसके चलते क्षेत्र के लोगों से अपील की है कि वह सभी लोग सबसे ज्यादा बचाव की ओर ध्यान दें.
इस संक्रमण से बचाव ही सबसे बड़ा समाधान है. मास्क लगाकर घरों से बाहर निकले ज्यादातर साबुन से हाथ धोएं सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें. जो व्यक्ति कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्तियों का इलाज करते हुए संक्रमित हो रहे हैं उनका लोग स्वागत सत्कार कर उनकी हौसला अफजाई करें ना कि उनसे दूरी बनाते हुए नफरत करें.
उन्होंने कहा, कोरोना वॉरियर्स इस कोरोनावायरस की लड़ाई में अपने परिवार और बच्चों की परवाह न करते हुए इलाज कर रहे हैं. और वह संक्रमित हो रहे हैं जिसके बाद वह स्वस्थ होकर वापस आते हैं तो लोग उनसे नफरत करने की बजाय उनके हौसला अफजाई करें.