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बलूच मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने पाकिस्तान पर लगाए अपहरण करवाने के आरोप - BALOCH RIGHTS ACTIVISTS

पाकिस्तानी बलूच मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने पाकिस्तान सरकार पर अपहरण करवाने के बड़े आरोप लगाए हैं. साथ ही कहा कि उन्हें न्यूयॉर्क जाने से रोका गया.

Baloch Human Rights Activist
बलूच मानवाधिकार कार्यकर्ता महरंग बलूच (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 8, 2024, 7:46 AM IST

इस्लामाबाद: बलूच अधिकार कार्यकर्ता महरंग बलूच और सम्मी दीन बलूच ने पाकिस्तान सरकार पर बड़े आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि पाकिस्तान सरकार ने उन्हें न्यूयॉर्क जाने से रोक दिया. दोनों कार्यकर्ताओं को टाइम मैगजीन के समारोह में शामिल होना था. टाइम मैगजीन की ओर से सबसे प्रभावशाली उभरते नेताओं के रूप में नामित कर उन्हें अन्य नेताओं के साथ आमंत्रित किया गया था. इतना ही नहीं उनका आरोप है कि पाकिस्तानी पुलिस ने उनका अपहरण करने की कोशिश की. हालांकि, दोनों किसी तरह सुरक्षित घर पहुंची.

एक्स पर एक पोस्ट में महरंग बलूच ने आरोप लगाया कि उन्हें बिना किसी कानूनी औचित्य के हवाई अड्डे पर हिरासत में लिया गया और इसे आवागमन की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन बताया. उन्होंने बलूच की आवाजों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुनने से रोकने और बलूचिस्तान में दशकों से हो रहे मानवाधिकारों के हनन को छिपाने का प्रयास बताया.

महरंग बलूच ने एक्स पर कहा, 'आज, मुझे न्यूयॉर्क जाना था, टाइम मैगजीन के समारोह में भाग लेने के लिए. मैगजीन के समारोह में मुझे अन्य नेताओं के साथ आमंत्रित किया गया था. जिन्हें टाइम पत्रिका द्वारा वर्ष के सबसे प्रभावशाली उभरते नेताओं के रूप में नामित किया गया था. हालाँकि, मुझे बिना किसी कानूनी या वैध कारण के कराची अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर अन्यायपूर्ण तरीके से रोक दिया गया. यह आवागमन की स्वतंत्रता के मेरे मौलिक अधिकार का स्पष्ट उल्लंघन है.

यह कार्रवाई बलूच आवाजों के प्रति राज्य के बढ़ते डर और असुरक्षा को दर्शाती है. मेरी यात्रा को रोकने का कोई वैध उद्देश्य नहीं था, सिवाय इसके कि बलूच आवाजों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुनने से रोका जाए, बलूचिस्तान की स्थिति के बारे में सूचना के प्रवाह को नियंत्रित किया जाए और बलूचिस्तान में दशकों से हो रहे मानवाधिकारों के हनन को छुपाया जाए.

मुझे यात्रा करने के अधिकार से वंचित करके, पाकिस्तानी सरकार मुझे अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और आवागमन के अधिकारों का प्रयोग करने से रोकना चाहती है. यह मनमाना यात्रा प्रतिबंध बलूच मानवाधिकार रक्षकों और कार्यकर्ताओं पर बढ़ती कार्रवाई का हिस्सा है. मैं अपने आवागमन के अधिकारों पर इस अन्यायपूर्ण प्रतिबंध के खिलाफ लड़ूंगी.

आगे कहा, मुझे सिंध में न्यूयॉर्क जाने वाली फ्लाइट में चढ़ने से रोक दिया गया, जो भुट्टो जरदारी का गृह प्रांत है, जो खुद को लोकतंत्र और मानवाधिकारों के चैंपियन के रूप में पेश करते हैं. विडंबना यह है कि मेरे अधिकारों का यह उल्लंघन उनके ही निगरानी में हो रहा है. मुझे दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में से एक टाइम द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए जाना था.

मानवाधिकार कार्यकर्ता सम्मी दीन बलूच ने पाकिस्तानी पुलिस पर लगाए बड़े आरोप

मानवाधिकार कार्यकर्ता सम्मी दीन बलूच ने पाकिस्तान के पुलिस प्रशासन पर बड़े आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि लौटने के दौरान रास्ते में पुलिस द्वारा उन्हें परेशान किया गया. उन्होंने एक्स पर लिखा, 'हम सुरक्षित और स्वस्थ घर पहुंच गए हैं. डॉ. महरंग बलोच मेरे साथ हैं और वे सुरक्षित हैं. कराची एयरपोर्ट से निकलने के कुछ ही मिनटों बाद सादे कपड़ों में कुछ पुरुष पुलिस अधिकारियों ने हमें गायब करने के इरादे से हमारी कार को रोक दिया. हमारे बहुत प्रतिरोध के बाद वे हमें सुनसान अंधेरी सड़क पर छोड़कर चले गए.'

सम्मी दीन ने आगे कहा,' पुरुष पुलिस अधिकारियों और कुछ सिविल ड्रेस में कुछ लोगों ने हमारे कपड़े और दुपट्टे खींचे, हमारी तलाशी ली, अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया और हमारे सामान की जांच की. उन्होंने महरंग बलोच का मोबाइल फोन, पासपोर्ट और अन्य सामान जब्त कर लिया. उन्होंने हमारी कार की चाबियां छीन लीं, ड्राइवर को प्रताड़ित किया और हमें गालियां दी.

अज्ञात व्यक्तियों ने हमें परेशान करना करना जारी रखा. यह हमें परेशान करने, डराने और चुप कराने का एक जानबूझकर किया गया प्रयास था, लेकिन हम चुप रहने से इनकार करते हैं और इस बर्बरता से डरते नहीं हैं. हम सभी को इस पागलपन और अन्याय के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए. अगर आज हमारे साथ ऐसा हुआ है, तो कल आपके साथ भी ऐसा हो सकता है. आइये हम सब मिलकर हाथ मिलाएं और अपनी आवाज बुलंद करें.'

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में पाकिस्तान की निंदा

बता दें कि हाल ही में जेनेवा में हुए संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 57वें सत्र के दौरान बलूच नेशनल मूवमेंट (बीएनएम) का प्रतिनिधित्व करने वाली सम्मुल बलूच ने बलूचिस्तान में मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन के लिए पाकिस्तान की निंदा की. उनके भाषण में पाकिस्तानी दमन का विस्तार से वर्णन किया गया और स्थिति से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय ध्यान और तत्काल कार्रवाई का आह्वान किया गया.

सम्मुल बलूच ने बलपूर्वक गायब किये जाने के मुद्दे पर प्रकाश डाला. इसमें हजारों बलूच नागरिकों को पाकिस्तान के सुरक्षा बलों द्वारा अपहरण कर लिया गया है, तथा उनका ठिकाना अभी तक अज्ञात है. उन्होंने बलूच मानवाधिकार संगठन पांक के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि जनवरी 2024 से जून 2024 के बीच 269 लोगों (पुरुष, महिलाएं और बच्चे) का अपहरण किया गया. इसके अलावा, 25 लोगों की गैर-न्यायिक तरीके से हत्या कर दी गई और 160 लोगों को यातनाएं दी गई.

ये भी पढ़ें- बलूच विद्रोहियों के 'ऑपरेशन हेरोफ' ने मचा दी खलबली! टेंशन में आया पाकिस्तान

इस्लामाबाद: बलूच अधिकार कार्यकर्ता महरंग बलूच और सम्मी दीन बलूच ने पाकिस्तान सरकार पर बड़े आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि पाकिस्तान सरकार ने उन्हें न्यूयॉर्क जाने से रोक दिया. दोनों कार्यकर्ताओं को टाइम मैगजीन के समारोह में शामिल होना था. टाइम मैगजीन की ओर से सबसे प्रभावशाली उभरते नेताओं के रूप में नामित कर उन्हें अन्य नेताओं के साथ आमंत्रित किया गया था. इतना ही नहीं उनका आरोप है कि पाकिस्तानी पुलिस ने उनका अपहरण करने की कोशिश की. हालांकि, दोनों किसी तरह सुरक्षित घर पहुंची.

एक्स पर एक पोस्ट में महरंग बलूच ने आरोप लगाया कि उन्हें बिना किसी कानूनी औचित्य के हवाई अड्डे पर हिरासत में लिया गया और इसे आवागमन की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन बताया. उन्होंने बलूच की आवाजों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुनने से रोकने और बलूचिस्तान में दशकों से हो रहे मानवाधिकारों के हनन को छिपाने का प्रयास बताया.

महरंग बलूच ने एक्स पर कहा, 'आज, मुझे न्यूयॉर्क जाना था, टाइम मैगजीन के समारोह में भाग लेने के लिए. मैगजीन के समारोह में मुझे अन्य नेताओं के साथ आमंत्रित किया गया था. जिन्हें टाइम पत्रिका द्वारा वर्ष के सबसे प्रभावशाली उभरते नेताओं के रूप में नामित किया गया था. हालाँकि, मुझे बिना किसी कानूनी या वैध कारण के कराची अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर अन्यायपूर्ण तरीके से रोक दिया गया. यह आवागमन की स्वतंत्रता के मेरे मौलिक अधिकार का स्पष्ट उल्लंघन है.

यह कार्रवाई बलूच आवाजों के प्रति राज्य के बढ़ते डर और असुरक्षा को दर्शाती है. मेरी यात्रा को रोकने का कोई वैध उद्देश्य नहीं था, सिवाय इसके कि बलूच आवाजों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुनने से रोका जाए, बलूचिस्तान की स्थिति के बारे में सूचना के प्रवाह को नियंत्रित किया जाए और बलूचिस्तान में दशकों से हो रहे मानवाधिकारों के हनन को छुपाया जाए.

मुझे यात्रा करने के अधिकार से वंचित करके, पाकिस्तानी सरकार मुझे अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और आवागमन के अधिकारों का प्रयोग करने से रोकना चाहती है. यह मनमाना यात्रा प्रतिबंध बलूच मानवाधिकार रक्षकों और कार्यकर्ताओं पर बढ़ती कार्रवाई का हिस्सा है. मैं अपने आवागमन के अधिकारों पर इस अन्यायपूर्ण प्रतिबंध के खिलाफ लड़ूंगी.

आगे कहा, मुझे सिंध में न्यूयॉर्क जाने वाली फ्लाइट में चढ़ने से रोक दिया गया, जो भुट्टो जरदारी का गृह प्रांत है, जो खुद को लोकतंत्र और मानवाधिकारों के चैंपियन के रूप में पेश करते हैं. विडंबना यह है कि मेरे अधिकारों का यह उल्लंघन उनके ही निगरानी में हो रहा है. मुझे दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में से एक टाइम द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए जाना था.

मानवाधिकार कार्यकर्ता सम्मी दीन बलूच ने पाकिस्तानी पुलिस पर लगाए बड़े आरोप

मानवाधिकार कार्यकर्ता सम्मी दीन बलूच ने पाकिस्तान के पुलिस प्रशासन पर बड़े आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि लौटने के दौरान रास्ते में पुलिस द्वारा उन्हें परेशान किया गया. उन्होंने एक्स पर लिखा, 'हम सुरक्षित और स्वस्थ घर पहुंच गए हैं. डॉ. महरंग बलोच मेरे साथ हैं और वे सुरक्षित हैं. कराची एयरपोर्ट से निकलने के कुछ ही मिनटों बाद सादे कपड़ों में कुछ पुरुष पुलिस अधिकारियों ने हमें गायब करने के इरादे से हमारी कार को रोक दिया. हमारे बहुत प्रतिरोध के बाद वे हमें सुनसान अंधेरी सड़क पर छोड़कर चले गए.'

सम्मी दीन ने आगे कहा,' पुरुष पुलिस अधिकारियों और कुछ सिविल ड्रेस में कुछ लोगों ने हमारे कपड़े और दुपट्टे खींचे, हमारी तलाशी ली, अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया और हमारे सामान की जांच की. उन्होंने महरंग बलोच का मोबाइल फोन, पासपोर्ट और अन्य सामान जब्त कर लिया. उन्होंने हमारी कार की चाबियां छीन लीं, ड्राइवर को प्रताड़ित किया और हमें गालियां दी.

अज्ञात व्यक्तियों ने हमें परेशान करना करना जारी रखा. यह हमें परेशान करने, डराने और चुप कराने का एक जानबूझकर किया गया प्रयास था, लेकिन हम चुप रहने से इनकार करते हैं और इस बर्बरता से डरते नहीं हैं. हम सभी को इस पागलपन और अन्याय के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए. अगर आज हमारे साथ ऐसा हुआ है, तो कल आपके साथ भी ऐसा हो सकता है. आइये हम सब मिलकर हाथ मिलाएं और अपनी आवाज बुलंद करें.'

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में पाकिस्तान की निंदा

बता दें कि हाल ही में जेनेवा में हुए संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 57वें सत्र के दौरान बलूच नेशनल मूवमेंट (बीएनएम) का प्रतिनिधित्व करने वाली सम्मुल बलूच ने बलूचिस्तान में मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन के लिए पाकिस्तान की निंदा की. उनके भाषण में पाकिस्तानी दमन का विस्तार से वर्णन किया गया और स्थिति से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय ध्यान और तत्काल कार्रवाई का आह्वान किया गया.

सम्मुल बलूच ने बलपूर्वक गायब किये जाने के मुद्दे पर प्रकाश डाला. इसमें हजारों बलूच नागरिकों को पाकिस्तान के सुरक्षा बलों द्वारा अपहरण कर लिया गया है, तथा उनका ठिकाना अभी तक अज्ञात है. उन्होंने बलूच मानवाधिकार संगठन पांक के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि जनवरी 2024 से जून 2024 के बीच 269 लोगों (पुरुष, महिलाएं और बच्चे) का अपहरण किया गया. इसके अलावा, 25 लोगों की गैर-न्यायिक तरीके से हत्या कर दी गई और 160 लोगों को यातनाएं दी गई.

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