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यहां माता के घुटनों की होती है पूजा, नौकरी से लेकर संतान प्राप्ति के लिए भक्त मांगते हैं मन्नत - Navratri 2024

नवरात्रि के 5वें दिन दर्शन कीजिए जयपुर के जोबनेर में पहाड़ी पर स्थित ज्वाला माता का, जहां माता के घुटनों की पूजा होती है...

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 2 hours ago

Updated : 33 minutes ago

ज्वाला माता के दर्शन
ज्वाला माता के दर्शन (ETV Bharat Jaipur)
शारदीय नवरात्र का पांचवां दिन (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर : देशभर में नवरात्रि धूम-धाम से मनाई जा रही है. माता के मंदिरों में भक्त दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं. इसी क्रम में जयपुर के जोबनेर में पहाड़ी पर विराजमान ज्वाला माता के मंदिर में भी नवरात्र पर आस्था का सैलाब उमड़ रहा है. यहां हर वर्ष नवरात्र में देश के कोने-कोने से माता रानी के दर्शन करने लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं और माता के दर्शन कर भक्त उनसे अपनी मुरादें मांगते हैं.

ज्वाला माता मंदिर में घुटने की होती है पूजा : जोबनेर में पहाड़ी पर विराजमान मां ज्वाला के मंदिर में नवरात्रों में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा है. मंदिर के पुजारी मनीष पारीक बताते हैं कि राजा दक्ष ने यज्ञ किया और यज्ञ में भगवान शिव को नहीं बुलाया तो सती नाराज होकर यज्ञ में कूद गईं. भगवान शिव सती का जला हुआ शरीर लेकर क्रोधित होकर तांडव करने लए. ऐसे में उन्हें शांत करने के लिए विष्णु जी ने सुदर्शन चक्र से देवी सती के 51 टुकड़े कर दिए. इसमें पहाड़ी पर सती का घुटना गिर गया, इसलिए यहां सती के घुटने की पूजा की जाती है. ज्वाला माता पार्वती का ही स्वरूप है. माता रानी के दर्शन करने के लिए देशभर से श्रद्धालु आते हैं और माता रानी की पूजा अर्चना कर मन्नतें मांगते हैं.

दूर-दूर से आते हैं भक्त
दूर-दूर से आते हैं भक्त (ETV Bharat Jaipur)

पढे़ं. पुष्कर में यहां गिरी थी सती माता की कलाइयां, स्थानीय लोगों के लिए हैं चामुंडा माता, ये है पौराणिक कथा - SHARDIYA NAVRATRI 2024

श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं होती हैं पूर्ण : जोबनेर की पहाड़ी में बसे प्राचीन ज्वाला माता का मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है. लोग नौकरी लगने से लेकर संतान प्राप्ति सहित अनेक प्रकार की मुरादें लेकर मां ज्वाला के पास आते हैं. यहा हर साल माता के दर्शन करने के लिए लाखों श्रद्धालु दूर दराज से आते हैं. मनोकामना पूरी होने पर श्रद्धालु माता के दरबार में रात्रि जागरण व सवामणी भी करते हैं. मध्य प्रदेश से आए सतीश ने बताया कि ज्वाला माता उनकी कुलदेवी हैं. बच्चे के मुंडन के लिए भी आते हैं. माता रानी में उनके परिवार की बहुत श्रद्धा है. शादी होने पर भी आशीर्वाद लेने माता रानी के पास आते हैं.

जोबनेर में पहाड़ी पर स्थित ज्वाला माता मंदिर
जोबनेर में पहाड़ी पर स्थित ज्वाला माता मंदिर (ETV Bharat Jaipur)

नवरात्र में मंदिर समिति करती है व्यवस्था : नवरात्र में मंदिर समिति की ओर से हर साल मेले का आयोजन किया जाता है. साथ ही सामाजिक संगठनों की ओर से मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ठंडे पानी, छाछ, लस्सी आदि की व्यवस्था भी निःशुल्क की जाती है. अलवर निवासी रेखा सिंह की मान्यता है कि उन्होंने माता के मंदिर में जो भी मुरादे मांगी, वह पूरी हुईं हैं. लोग अपनी मन्नतें लेकर यहां आते हैं और माता रानी से आशीर्वाद लेते हैं. गुलशन कुमार बताते हैं कि माता रानी के दरबार में आते रहते हैं. माता रानी के दरबार में आने से उन्हें सुकून मिलता है.

शारदीय नवरात्र का पांचवां दिन (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर : देशभर में नवरात्रि धूम-धाम से मनाई जा रही है. माता के मंदिरों में भक्त दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं. इसी क्रम में जयपुर के जोबनेर में पहाड़ी पर विराजमान ज्वाला माता के मंदिर में भी नवरात्र पर आस्था का सैलाब उमड़ रहा है. यहां हर वर्ष नवरात्र में देश के कोने-कोने से माता रानी के दर्शन करने लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं और माता के दर्शन कर भक्त उनसे अपनी मुरादें मांगते हैं.

ज्वाला माता मंदिर में घुटने की होती है पूजा : जोबनेर में पहाड़ी पर विराजमान मां ज्वाला के मंदिर में नवरात्रों में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा है. मंदिर के पुजारी मनीष पारीक बताते हैं कि राजा दक्ष ने यज्ञ किया और यज्ञ में भगवान शिव को नहीं बुलाया तो सती नाराज होकर यज्ञ में कूद गईं. भगवान शिव सती का जला हुआ शरीर लेकर क्रोधित होकर तांडव करने लए. ऐसे में उन्हें शांत करने के लिए विष्णु जी ने सुदर्शन चक्र से देवी सती के 51 टुकड़े कर दिए. इसमें पहाड़ी पर सती का घुटना गिर गया, इसलिए यहां सती के घुटने की पूजा की जाती है. ज्वाला माता पार्वती का ही स्वरूप है. माता रानी के दर्शन करने के लिए देशभर से श्रद्धालु आते हैं और माता रानी की पूजा अर्चना कर मन्नतें मांगते हैं.

दूर-दूर से आते हैं भक्त
दूर-दूर से आते हैं भक्त (ETV Bharat Jaipur)

पढे़ं. पुष्कर में यहां गिरी थी सती माता की कलाइयां, स्थानीय लोगों के लिए हैं चामुंडा माता, ये है पौराणिक कथा - SHARDIYA NAVRATRI 2024

श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं होती हैं पूर्ण : जोबनेर की पहाड़ी में बसे प्राचीन ज्वाला माता का मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है. लोग नौकरी लगने से लेकर संतान प्राप्ति सहित अनेक प्रकार की मुरादें लेकर मां ज्वाला के पास आते हैं. यहा हर साल माता के दर्शन करने के लिए लाखों श्रद्धालु दूर दराज से आते हैं. मनोकामना पूरी होने पर श्रद्धालु माता के दरबार में रात्रि जागरण व सवामणी भी करते हैं. मध्य प्रदेश से आए सतीश ने बताया कि ज्वाला माता उनकी कुलदेवी हैं. बच्चे के मुंडन के लिए भी आते हैं. माता रानी में उनके परिवार की बहुत श्रद्धा है. शादी होने पर भी आशीर्वाद लेने माता रानी के पास आते हैं.

जोबनेर में पहाड़ी पर स्थित ज्वाला माता मंदिर
जोबनेर में पहाड़ी पर स्थित ज्वाला माता मंदिर (ETV Bharat Jaipur)

नवरात्र में मंदिर समिति करती है व्यवस्था : नवरात्र में मंदिर समिति की ओर से हर साल मेले का आयोजन किया जाता है. साथ ही सामाजिक संगठनों की ओर से मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ठंडे पानी, छाछ, लस्सी आदि की व्यवस्था भी निःशुल्क की जाती है. अलवर निवासी रेखा सिंह की मान्यता है कि उन्होंने माता के मंदिर में जो भी मुरादे मांगी, वह पूरी हुईं हैं. लोग अपनी मन्नतें लेकर यहां आते हैं और माता रानी से आशीर्वाद लेते हैं. गुलशन कुमार बताते हैं कि माता रानी के दरबार में आते रहते हैं. माता रानी के दरबार में आने से उन्हें सुकून मिलता है.

Last Updated : 33 minutes ago
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