भरतपुर. सैनी समाज आरक्षण संघर्ष समिति के नेतृत्व में गुरुवार को सातवें दिन भी आंदोलन जारी है. आंदोलनकारी जयपुर-आगरा हाईवे पर अरोदा के पास बैठे हुए हैं. वह मांगें पूरी होने पर ही मृतक मोहन सैनी का अंतिम संस्कार करने की बात पर अड़े हुए हैं. बुधवार को संघर्ष समिति और प्रशासन के बीच दो दौर की वार्ता भी सफल नहीं हो पाई. ऐसे में संभागीय आयुक्त सांवरमल वर्मा ने क्षेत्र में इंटरनेट बंद की अवधि भी 27 अप्रैल रात 12 बजे तक के लिए बढ़ा दी है.
48 घंटे से मोर्चरी में शव : संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी डीके कुशवाहा ने बताया कि समाज की 12 प्रतिशत आरक्षण के साथ ही मृतक मोहन सैनी को शहीद का दर्जा, परिजनों को एक करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता और एक परिजन को सरकारी नौकरी देने की मांग है. जब तक समाज की ये मांग पूरी नहीं होगी, तब तक न तो आंदोलन समाप्त होगा और न ही मृतक का अंतिम संस्कार किया जाएगा. इसके चलते ही अभी तक मृतक का पोस्टमार्टम नहीं हो पाया है. मृतक का शव करीब 48 घंटे से आरबीएम जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखा हुआ है.
देखें आंदोलन का एक सप्ताह पूरा:
1. सैनी समाज आरक्षण संघर्ष समिति की ओर से 21 अप्रैल को अरोदा में हाईवे पर चक्का जाम कर आंदोलन की शुरुआत की थी.
2. आंदोलनकारियों की मांग पर 24 अप्रैल को संयोजक मुरारी लाल सैनी समेत 16 लोगों को जेल से रिहा किया गया. 24 अप्रैल की रात को ही समाज का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से वार्ता करने के लिए जयपुर रवाना हो गया.
3. आंदोलन स्थल पर 25 अप्रैल को आंदोलनकारी मोहन सैनी ने आत्महत्या कर ली. इसी दिन जयपुर में प्रतिनिधिमंडल की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से वार्ता भी हो गई. उन्होंने ओबीसी आयोग को चिट्ठी लिखने का आश्वासन भरा एक पत्र प्रतिनिधिमंडल को भी सौंपा.
4. इसी दिन प्रतिनिधिमंडल ने आंदोलन स्थल पर आकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से दिए गए पत्र को सभी आंदोलनकारियों को पढ़कर सुनाया, लेकिन आंदोलनकारी 12% आरक्षण समेत मृतक मोहन सैनी को शहीद का दर्जा, परिजनों को एक करोड़ की आर्थिक सहायता और एक परिजन को सरकारी नौकरी की मांग पर अड़ गए और आंदोलन जारी रहा.
5. समाज के प्रतिनिधिमंडल और प्रशासन के बीच 26 अप्रैल को दो दौर की वार्ता चली, जिसमें मृतक मोहन सैनी के परिजन भी शामिल थे, लेकिन दोनों वार्ता असफल रही.
6. सैनी समाज अपनी चारों मांगों पर अड़ा हुआ है और 27 अप्रैल को भी आंदोलन जारी है.