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youths protested in Bharatpur: पीलूपुरा में धरने पर एमबीसी समाज के रीट अभ्यर्थी, विजय बैंसला बोले- नियुक्ति दें अशोक चांदना या इनकार करें

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Published : May 21, 2022, 11:12 PM IST

Updated : May 22, 2022, 12:28 AM IST

गुर्जर आंदोलन के डेढ़ साल बाद भी राज्य सरकार ने एमबीसी समाज के 372 रीट अभ्यर्थियों को नियुक्ति (youths protested in Bharatpur) नहीं दी. इसके विरोध में एमबीसी समाज के युवा पीलूपुरा शहीद स्थल पर धरने पर बैठ गए. वहीं गुर्जर नेता विजय बैंसला ने इस मामले पर मंत्री अशोक चांदना सहित दूसरे खेमों पर जमकर निशाना साधा.

youths protested in Bharatpur
पीलूपुरा में धरने पर बैठे एमबीसी समाज के रीट अभ्यर्थी

भरतपुर. गुर्जर आंदोलन के डेढ़ साल बाद भी जब राज्य सरकार ने एमबीसी समाज के 372 रीट अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं दी, इस पर शनिवार को एमबीसी समाज के युवा बयाना क्षेत्र के पीलूपुरा शहीद स्थल पर धरने पर बैठ गए. अभ्यर्थियों का कहना है कि जब तक उनको नियुक्ति नहीं दी जाएगी तब तक उनका धरना (youths protested in Bharatpur) जारी रहेगा.

विजय बैंसला ने मंत्री अशोक चांदना पर साधा निशाना: इस पूरे मामले में गुर्जर नेता विजय बैंसला ने मंत्री अशोक चांदना पर निशाना साधते हुए कहा है कि अशोक चंदाना ने जो गुर्जर समाज के दूसरे गुटों के साथ वादा किया था उसे वह पूरा करें, या फिर युवाओं से साफ इनकार कर दें कि वो नियुक्ति नहीं दे सकते. हालांकि विजय बैंसला युवाओं के इस धरने से दूरी बनाए हुए हैं. युवाओं का कहना है कि अक्टूबर 2020 में गुर्जर आंदोलन के समय राज्य सरकार के मंत्री अशोक चांदना ने लिखित में वादा एक किया था. उन्होंने लिखित में आश्वासन दिया था कि रीट 2018 में एमबीसी समाज के शेष 372 पदों को लेकर 7 दिन में समुचित विधिक निर्णय लिया जाएगा. लेकिन डेढ़ साल का वक्त गुजरने के बावजूद अभी तक इसको लेकर सरकार ने अपनी मंशा स्पष्ट नहीं की है. गुर्जर आंदोलन के वक्त गुर्जर समाज के दूसरे गुट के हिम्मत सिंह पालड़ी, दीवान सिंह शेरगढ़ समेत 40 लोगों ने उस सहमति पत्र पर मंत्री अशोक चांदना के साथ हस्ताक्षर किए थे. धरना स्थल पर बैठे युवाओं का कहना है कि जब तक राज्य सरकार समाज के 372 अभ्यर्थियों की नियुक्ति संबंधी मांग को पूरा नहीं करेगी तब तक उनका धरना जारी रहेगा.

पढ़ें. गुर्जरों को आरक्षण का श्रेय कर्नल बैंसला को जाता है, जो समाज के लिए किया उसे भुलाया नहीं जा सकता : CM गहलोत

वादा पूरा करें मंत्री चांदना: इस पूरे मामले को लेकर जब गुर्जर नेता विजय बैंसला से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मंत्री अशोक चांदना ने एमबीसी समाज के 372 युवाओं से रीट में नियुक्ति देने का वादा किया था. एसे में वह या तो नियुक्ति दें या फिर युवाओं को स्पष्ट मना कर दें कि वो नियुक्ति नहीं दे सकते. विजय बैंसला ने समाज के दूसरे खेमे पर भी निशाना साधते हुए कहा कि इस पूरे मुद्दे (protest for not appointing MBC youths in REET) को लेकर समाज के दूसरे खेमे के लोगों ने भी राज्य सरकार के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए थे. अब उस खेमे को इन युवाओं के पास पहुंचकर उनकी मांग पूरी करानी चाहिए.

ये था मामला: अक्टूबर 2020 में पीलूपुरा में गुर्जर आंदोलन के समय गुर्जर समाज दो खेमों में बट गया था. हिम्मत सिंह पालड़ी और दीवान सिंह शेरगढ़ सहित गुट के 40 लोग आंदोलन से अलग-अलग रहे थे. इस गुट ने राज्य सरकार के मंत्री अशोक चांदना और डॉ रघु शर्मा के साथ 14 बिंदुओं के सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए थे. सहमति पत्र के 14 वे बिंदु में लिखा था कि रीट 2018 के संबंध में एमबीसी के लिए 940 पद 5% के आधार पर बनते थे. जिनमें से 568 पर नियुक्ति दी जा चुकी है. शेष 372 के बारे में अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त, प्रमुख शासन सचिव शिक्षा, प्रमुख शासन सचिव विधि और प्रमुख शासन सचिव कार्मिक विभाग की समिति बनाकर 7 दिवस में समुचित विधिक निर्णय लिया जाएगा.

भरतपुर. गुर्जर आंदोलन के डेढ़ साल बाद भी जब राज्य सरकार ने एमबीसी समाज के 372 रीट अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं दी, इस पर शनिवार को एमबीसी समाज के युवा बयाना क्षेत्र के पीलूपुरा शहीद स्थल पर धरने पर बैठ गए. अभ्यर्थियों का कहना है कि जब तक उनको नियुक्ति नहीं दी जाएगी तब तक उनका धरना (youths protested in Bharatpur) जारी रहेगा.

विजय बैंसला ने मंत्री अशोक चांदना पर साधा निशाना: इस पूरे मामले में गुर्जर नेता विजय बैंसला ने मंत्री अशोक चांदना पर निशाना साधते हुए कहा है कि अशोक चंदाना ने जो गुर्जर समाज के दूसरे गुटों के साथ वादा किया था उसे वह पूरा करें, या फिर युवाओं से साफ इनकार कर दें कि वो नियुक्ति नहीं दे सकते. हालांकि विजय बैंसला युवाओं के इस धरने से दूरी बनाए हुए हैं. युवाओं का कहना है कि अक्टूबर 2020 में गुर्जर आंदोलन के समय राज्य सरकार के मंत्री अशोक चांदना ने लिखित में वादा एक किया था. उन्होंने लिखित में आश्वासन दिया था कि रीट 2018 में एमबीसी समाज के शेष 372 पदों को लेकर 7 दिन में समुचित विधिक निर्णय लिया जाएगा. लेकिन डेढ़ साल का वक्त गुजरने के बावजूद अभी तक इसको लेकर सरकार ने अपनी मंशा स्पष्ट नहीं की है. गुर्जर आंदोलन के वक्त गुर्जर समाज के दूसरे गुट के हिम्मत सिंह पालड़ी, दीवान सिंह शेरगढ़ समेत 40 लोगों ने उस सहमति पत्र पर मंत्री अशोक चांदना के साथ हस्ताक्षर किए थे. धरना स्थल पर बैठे युवाओं का कहना है कि जब तक राज्य सरकार समाज के 372 अभ्यर्थियों की नियुक्ति संबंधी मांग को पूरा नहीं करेगी तब तक उनका धरना जारी रहेगा.

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वादा पूरा करें मंत्री चांदना: इस पूरे मामले को लेकर जब गुर्जर नेता विजय बैंसला से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मंत्री अशोक चांदना ने एमबीसी समाज के 372 युवाओं से रीट में नियुक्ति देने का वादा किया था. एसे में वह या तो नियुक्ति दें या फिर युवाओं को स्पष्ट मना कर दें कि वो नियुक्ति नहीं दे सकते. विजय बैंसला ने समाज के दूसरे खेमे पर भी निशाना साधते हुए कहा कि इस पूरे मुद्दे (protest for not appointing MBC youths in REET) को लेकर समाज के दूसरे खेमे के लोगों ने भी राज्य सरकार के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए थे. अब उस खेमे को इन युवाओं के पास पहुंचकर उनकी मांग पूरी करानी चाहिए.

ये था मामला: अक्टूबर 2020 में पीलूपुरा में गुर्जर आंदोलन के समय गुर्जर समाज दो खेमों में बट गया था. हिम्मत सिंह पालड़ी और दीवान सिंह शेरगढ़ सहित गुट के 40 लोग आंदोलन से अलग-अलग रहे थे. इस गुट ने राज्य सरकार के मंत्री अशोक चांदना और डॉ रघु शर्मा के साथ 14 बिंदुओं के सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए थे. सहमति पत्र के 14 वे बिंदु में लिखा था कि रीट 2018 के संबंध में एमबीसी के लिए 940 पद 5% के आधार पर बनते थे. जिनमें से 568 पर नियुक्ति दी जा चुकी है. शेष 372 के बारे में अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त, प्रमुख शासन सचिव शिक्षा, प्रमुख शासन सचिव विधि और प्रमुख शासन सचिव कार्मिक विभाग की समिति बनाकर 7 दिवस में समुचित विधिक निर्णय लिया जाएगा.

Last Updated : May 22, 2022, 12:28 AM IST
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