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कामां में त्रिकोणीय मुकाबला, भाजपा-कांग्रेस के साथ निर्दलीय प्रत्याशी भी भर रहे दम - ETV Bharat Rajasthan News

Rajasthan Election 2023, राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर अलग-अलग स्थितियां नजर आ रही हैं. बात कामां की करें तो यहां त्रिकोणीय मुकाबला बोता नजर आ रहा है. भाजपा और कांग्रेस के साथ निर्दलीय प्रत्याशी भी दम भर रहे हैं. देखिए ये रिपोर्ट...

triangular contest in kaman
कामां में त्रिकोणीय संघर्ष
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 12, 2023, 7:41 AM IST

भरतपुर. मेवात की कामां सीट भरतपुर की (वर्तमान में डीग जिले में) सबसे हॉट सीट में से एक है. यहां 26 प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया, जिनमें से 12 प्रत्याशी मैदान में हैं. कामां से दो बार की विधायक जाहिदा खान, भाजपा का नया और चर्चित चेहरा नौक्षम चौधरी के अलावा निर्दलीय मुख्तयार के नाम की चर्चा जोरों पर है. सिटिंग एमएलए से नाराजगी के कई वीडियो वायरल होने के बाद अब लोगों को मनाने का प्रयास किया जा रहा है. वहीं, भाजपा प्रत्याशी के विवादित बयान और हरियाणा निवासी मानते हुए लोगों का नजरिया बदल रहा है. क्षेत्र के कुल मतदाताओं में से करीब 56% मतदाता मेव समुदाय से हैं. ऐसे में कामां के कौन से प्रत्याशी के सिर ताज सजेगा, इसका पूरा दारोमदार मेव मतदाताओं पर है.

नाराजगी दूर करने का प्रयास : कामां में दो बार की विधायक व कांग्रेस प्रत्याशी जाहिदा, भाजपा से नौक्षम और निर्दलीय मुख्तयार के बीच त्रिकोणीय मुकाबले के हालात हैं. क्षेत्र के बड़ी संख्या में मेव समुदाय के लोगों में जाहिदा को लेकर नाराजगी थी, लेकिन काफी विरोध के बाद भी जाहिदा को टिकट मिलने से हवा बदल रही है. वहीं, जाहिदा की ओर से खुले मंच से समाज से गलती की माफी मांगने के बाद अब नाराजगी दूर होने लगी है. ऐसे में अब माहौल बदलने लगा है.

पढ़ें : वायरल वीडियो पर बोलीं कामां से बीजेपी प्रत्याशी नौक्षम चौधरी, 'डरने की जरूरत नहीं है, मेवात की बेटी हूं'

बाहरी कैंडिडेट का ठप्पा : भाजपा ने हरियाणा के नूंह की नौक्षम चौधरी पर विश्वास जताया है. नौक्षम को टिकट देने से जहां कार्यकर्ताओं में ही नाराजगी नजर आ रही है. वहीं, विवादित बयान की वजह से लोगों में भी नाराजगी दिख रही है. नौक्षम चौधरी पर बाहरी होने का ठप्पा भी लगा हुआ है, लेकिन नौक्षम खुद को मेवात की बेटी बताकर जनता के बीच जा रही हैं. अब देखना ये है कि मेवात की जनता नौक्षम को कितना स्वीकारती है.

कुशासन से नाराजगी और निर्दलीय : कामां में कांग्रेस राज के हालातों से जनता में खासी नाराजगी है. नाराज लोगों का झुकाव निर्दलीय प्रत्याशी मुख्तयार की तरफ भी नजर आ रहा है. निर्दलीय मुख्तयार की सभाओं में लोगों की अच्छी भीड़ देखने को मिल रही है. क्षेत्र में भाजपा के प्रचार प्रसार के लिए हरियाणा के लोगों का जमावड़ा बना हुआ है, जो कांग्रेस के कुशासन-भ्रष्टाचार की बात कहकर अपने रिश्तेदार-मिलने वालों से भाजपा के पक्ष में मतदान करने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं, लेकिन कुछ मतदाता शांत दिखाई दे रहे हैं. मतदाताओं के बीच मनपंसद प्रत्याशी नहीं होने के कारण नोटा की चर्चा भी जोरों पर है.

Kaman Political Condition
कामां में त्रिकोणीय संघर्ष

कामां के प्रमुख मुद्दे : कामां विधान सभा का मेवात क्षेत्र साइबर फ्रॉड, गौतस्करी, हथियार तस्करी, अवैध खनन समेत तमाम अपराध के लिए देशभर में चर्चित है. यहां आए दिन अन्य राज्यों की पुलिस अपराधियों की तलाश मेंं डेरा डाले रहती है. वाहनों की चोरी के लिए भी मेवात बदनाम है. दाग ये भी है कि अपराधियों को नेताओं का संरक्षण मिलता है. यही वजह है कि यहां अपराध पर पुलिस प्रशासन अंकुश लगाने में नाकाम साबित होती है.

मुस्लिम और हिंदू मतदाता : चुनाव का स्पष्ट रुख दीपावली के बाद देखने को मिल सकता है. पूर्व के चुनाव हिन्दू-मुसलमान के नाम पर लड़े जाते रहे हैं, लेकिन इस बार 36 विरादरी के लोगों में कुछ अलग माहौल नजर आ रहा है. क्षेत्र में कुल 2 लाख 64,757 मतदाता हैं, जिनमें से करीब 1 लाख 49 हजार यानी 56% मुस्लिम मतदाता हैं. जबकि 1 लाख 15 हजार हिंदू मतदाता हैं, लेकिन इस बार कई मुस्लिम प्रत्याशी मेैदान में हैं. वहीं, भाजपा में गुटबाजी के साथ कार्यकर्ताओं में नीरसता दिखाई दे रही है, जिसका लाभ कांग्रेस और निर्दलीय प्रत्याशी को मिल सकता है.

भरतपुर. मेवात की कामां सीट भरतपुर की (वर्तमान में डीग जिले में) सबसे हॉट सीट में से एक है. यहां 26 प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया, जिनमें से 12 प्रत्याशी मैदान में हैं. कामां से दो बार की विधायक जाहिदा खान, भाजपा का नया और चर्चित चेहरा नौक्षम चौधरी के अलावा निर्दलीय मुख्तयार के नाम की चर्चा जोरों पर है. सिटिंग एमएलए से नाराजगी के कई वीडियो वायरल होने के बाद अब लोगों को मनाने का प्रयास किया जा रहा है. वहीं, भाजपा प्रत्याशी के विवादित बयान और हरियाणा निवासी मानते हुए लोगों का नजरिया बदल रहा है. क्षेत्र के कुल मतदाताओं में से करीब 56% मतदाता मेव समुदाय से हैं. ऐसे में कामां के कौन से प्रत्याशी के सिर ताज सजेगा, इसका पूरा दारोमदार मेव मतदाताओं पर है.

नाराजगी दूर करने का प्रयास : कामां में दो बार की विधायक व कांग्रेस प्रत्याशी जाहिदा, भाजपा से नौक्षम और निर्दलीय मुख्तयार के बीच त्रिकोणीय मुकाबले के हालात हैं. क्षेत्र के बड़ी संख्या में मेव समुदाय के लोगों में जाहिदा को लेकर नाराजगी थी, लेकिन काफी विरोध के बाद भी जाहिदा को टिकट मिलने से हवा बदल रही है. वहीं, जाहिदा की ओर से खुले मंच से समाज से गलती की माफी मांगने के बाद अब नाराजगी दूर होने लगी है. ऐसे में अब माहौल बदलने लगा है.

पढ़ें : वायरल वीडियो पर बोलीं कामां से बीजेपी प्रत्याशी नौक्षम चौधरी, 'डरने की जरूरत नहीं है, मेवात की बेटी हूं'

बाहरी कैंडिडेट का ठप्पा : भाजपा ने हरियाणा के नूंह की नौक्षम चौधरी पर विश्वास जताया है. नौक्षम को टिकट देने से जहां कार्यकर्ताओं में ही नाराजगी नजर आ रही है. वहीं, विवादित बयान की वजह से लोगों में भी नाराजगी दिख रही है. नौक्षम चौधरी पर बाहरी होने का ठप्पा भी लगा हुआ है, लेकिन नौक्षम खुद को मेवात की बेटी बताकर जनता के बीच जा रही हैं. अब देखना ये है कि मेवात की जनता नौक्षम को कितना स्वीकारती है.

कुशासन से नाराजगी और निर्दलीय : कामां में कांग्रेस राज के हालातों से जनता में खासी नाराजगी है. नाराज लोगों का झुकाव निर्दलीय प्रत्याशी मुख्तयार की तरफ भी नजर आ रहा है. निर्दलीय मुख्तयार की सभाओं में लोगों की अच्छी भीड़ देखने को मिल रही है. क्षेत्र में भाजपा के प्रचार प्रसार के लिए हरियाणा के लोगों का जमावड़ा बना हुआ है, जो कांग्रेस के कुशासन-भ्रष्टाचार की बात कहकर अपने रिश्तेदार-मिलने वालों से भाजपा के पक्ष में मतदान करने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं, लेकिन कुछ मतदाता शांत दिखाई दे रहे हैं. मतदाताओं के बीच मनपंसद प्रत्याशी नहीं होने के कारण नोटा की चर्चा भी जोरों पर है.

Kaman Political Condition
कामां में त्रिकोणीय संघर्ष

कामां के प्रमुख मुद्दे : कामां विधान सभा का मेवात क्षेत्र साइबर फ्रॉड, गौतस्करी, हथियार तस्करी, अवैध खनन समेत तमाम अपराध के लिए देशभर में चर्चित है. यहां आए दिन अन्य राज्यों की पुलिस अपराधियों की तलाश मेंं डेरा डाले रहती है. वाहनों की चोरी के लिए भी मेवात बदनाम है. दाग ये भी है कि अपराधियों को नेताओं का संरक्षण मिलता है. यही वजह है कि यहां अपराध पर पुलिस प्रशासन अंकुश लगाने में नाकाम साबित होती है.

मुस्लिम और हिंदू मतदाता : चुनाव का स्पष्ट रुख दीपावली के बाद देखने को मिल सकता है. पूर्व के चुनाव हिन्दू-मुसलमान के नाम पर लड़े जाते रहे हैं, लेकिन इस बार 36 विरादरी के लोगों में कुछ अलग माहौल नजर आ रहा है. क्षेत्र में कुल 2 लाख 64,757 मतदाता हैं, जिनमें से करीब 1 लाख 49 हजार यानी 56% मुस्लिम मतदाता हैं. जबकि 1 लाख 15 हजार हिंदू मतदाता हैं, लेकिन इस बार कई मुस्लिम प्रत्याशी मेैदान में हैं. वहीं, भाजपा में गुटबाजी के साथ कार्यकर्ताओं में नीरसता दिखाई दे रही है, जिसका लाभ कांग्रेस और निर्दलीय प्रत्याशी को मिल सकता है.

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