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Rajasthan Assembly election 2023: आजादी के बाद से चुनावों में पूर्व भरतपुर राजपरिवार का दबदबा, राजा मान सिंह ने जीते सबसे ज्यादा विधानसभा चुनाव

विधानसभा हो या लोकसभा चुनाव, भरतपुर में पूर्व राजपरिवार के सदस्यों का दबदबा रहा है. यहां पूर्व राजपरिवार के सदस्य हों या उनके समर्थित प्रत्याशी, चुनावों में उनका जीत मिली. भरतपुर में सबसे ज्यादा 7 बार राजा मान सिंह ने विधानसभा चुनाव जीता.

Former royal family in elections
चुनावों में पूर्व भरतपुर राजपरिवार का दबदबा
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 21, 2023, 11:06 PM IST

जानिए पूर्व भरतपुर राजपरिवार का चुनावी इतिहास और मौजूदा असर

भरतपुर. देश आजाद होने के बाद से ही भरतपुर की राजनीति में यहां के पूर्व राजघराने का जबरदस्त दबदबा रहा है. जब से चुनाव प्रक्रिया शुरू हुई है, तभी से लोकसभा और विधानसभा चुनाव में यहां के पूर्व राजा-महाराजा और उनके वंशज चुनाव जीतते आए हैं. यहां तक कि राजपरिवार ने जिस किसी प्रत्याशी को समर्थन दिया, उसे भी अच्छे मतों से जीत मिली. हालांकि अब राजनीतिक हालात बदलने लगे हैं और कई बार ऐसा भी हुआ कि पूर्व राजपरिवार के वंशजों को हार का सामना करना पड़ा. लेकिन फिर भी इनका दबदबा कायम है.

Ex royals in LS election
विधानसभा चुनाव में पूर्व राजपरिवार

सर्वाधिक 7 बार विधायक रहे राजा मान सिंह: वरिष्ठ पत्रकार राकेश वशिष्ठ ने बताया कि भरतपुर जिले में विधायक के रूप में सबसे लंबा कार्यकाल राजा मानसिंह का रहा. राजा मानसिंह जब से चुनाव प्रक्रिया शुरू हुई, तभी से राजनीति में उतर गए. वर्ष 1952 से 1980 तक लगातार सात बार विधायक रहे. ये डीग, कुम्हेर और वैर विधानसभा से चुनाव लड़े और हर बार जीते. वर्ष 1985 के विधानसभा चुनाव में इनकी हत्या कर दी गई थी.

Ex royals in LS election
लोकसभा चुनाव में पूर्व राजपरिवार

पढ़ें: Rajasthan Assembly Election 2023: कमल के साथ खड़े राजस्थान के रॉयल्स, भगवा खेमे में दो राजपरिवारों की चर्चा

आज भी दबदबा: वशिष्ठ ने बताया कि पूर्व राजपरिवार का आज भी भरतपुर जिले में राजनीतिक दबदबा कायम है. वर्तमान के कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह का प्रभाव आज भी भरतपुर जिले की सभी विधानसभा सीटों पर देखा जा सकता है. यही वजह है वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में भरतपुर जिले की किसी भी सीट पर भाजपा का कोई प्रत्याशी नहीं जीत पाया था. 7 में से 4 सीटों पर कांग्रेस, एक सीट पर कांग्रेस समर्थित रालोद प्रत्याशी और दो सीटों पर बसपा प्रत्याशी जीते, जिन्होंने बाद में कांग्रेस ज्वाइन कर ली.

जानिए पूर्व भरतपुर राजपरिवार का चुनावी इतिहास और मौजूदा असर

भरतपुर. देश आजाद होने के बाद से ही भरतपुर की राजनीति में यहां के पूर्व राजघराने का जबरदस्त दबदबा रहा है. जब से चुनाव प्रक्रिया शुरू हुई है, तभी से लोकसभा और विधानसभा चुनाव में यहां के पूर्व राजा-महाराजा और उनके वंशज चुनाव जीतते आए हैं. यहां तक कि राजपरिवार ने जिस किसी प्रत्याशी को समर्थन दिया, उसे भी अच्छे मतों से जीत मिली. हालांकि अब राजनीतिक हालात बदलने लगे हैं और कई बार ऐसा भी हुआ कि पूर्व राजपरिवार के वंशजों को हार का सामना करना पड़ा. लेकिन फिर भी इनका दबदबा कायम है.

Ex royals in LS election
विधानसभा चुनाव में पूर्व राजपरिवार

सर्वाधिक 7 बार विधायक रहे राजा मान सिंह: वरिष्ठ पत्रकार राकेश वशिष्ठ ने बताया कि भरतपुर जिले में विधायक के रूप में सबसे लंबा कार्यकाल राजा मानसिंह का रहा. राजा मानसिंह जब से चुनाव प्रक्रिया शुरू हुई, तभी से राजनीति में उतर गए. वर्ष 1952 से 1980 तक लगातार सात बार विधायक रहे. ये डीग, कुम्हेर और वैर विधानसभा से चुनाव लड़े और हर बार जीते. वर्ष 1985 के विधानसभा चुनाव में इनकी हत्या कर दी गई थी.

Ex royals in LS election
लोकसभा चुनाव में पूर्व राजपरिवार

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आज भी दबदबा: वशिष्ठ ने बताया कि पूर्व राजपरिवार का आज भी भरतपुर जिले में राजनीतिक दबदबा कायम है. वर्तमान के कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह का प्रभाव आज भी भरतपुर जिले की सभी विधानसभा सीटों पर देखा जा सकता है. यही वजह है वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में भरतपुर जिले की किसी भी सीट पर भाजपा का कोई प्रत्याशी नहीं जीत पाया था. 7 में से 4 सीटों पर कांग्रेस, एक सीट पर कांग्रेस समर्थित रालोद प्रत्याशी और दो सीटों पर बसपा प्रत्याशी जीते, जिन्होंने बाद में कांग्रेस ज्वाइन कर ली.

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