भरतपुर. जिले में शुक्रवार देर रात तक बरसात और ओलावृष्टि का दौर चला. हलैना, भुसावर क्षेत्र के करीब एक दर्जन से अधिक गांवों में नीबू के आकर के ओले गिरे. सड़कों और रास्तों में ओलों की चादर बिछ गई. वहीं, क्षेत्र के हजारों बीघा खेतों में खड़ी गेहूं की पकी हुई फसल बर्बाद हो गई. रुक-रुक कर हो रही बारिश और ओलावृष्टि ने जिले के किसान की फसल को भरी नुकसान पहुंचाया है.
करीब 12 गांवों में ओलावृष्टि : जिले के भुसावर और हलैना क्षेत्र के गांव पथैना, बवेखर, जसबर, भैंसीना, खदराया, नरौली समेत कस्बा और करीब 12 गांवों में आधा घंटे से अधिक समय तक ओलावृष्टि हुई. हालात ये हो गए कि सड़कों और रास्तों पर ओलों की चादर बिछ गई. क्षेत्र के खेतों में अभी भी गेहूं की पकी हुई फसल खड़ी है जो ओलावृष्टि और बारिश से बर्बाद हो गई. किसानों की मानें तो क्षेत्र के हजारों बीघा खेतों की फसल बर्बाद हुई है.
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जिले में शुक्रवार हो हुई बारिश ने किसानों की सरसों और गेंहू की फसलों को काफी नुकसान पहुंचाया. जबकि, जिले के किसानों को अभी तक खरीफ फसल खराबे का मुआवजा तक नहीं मिला है. गौरतलब है कि जिले में बीते करीब 10 दिन से लगातार बरसात और ओलावृष्टि हो रही है. इससे जिले के किसानों की फसलों को काफी नुकसान हुआ है. हालांकि, जिला प्रशासन ने कई क्षेत्र की फसल खराबे की गिरदावरी करा ली है. वहीं, लगातार हो रही बारिश से किसान जिला प्रशासन और राज्य सरकार से विशेष गिरदावरी की मांग कर रहे हैं. इसको लेकर किसानों ने मुख्यमंत्री के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर अपनी मांग रखी.