भरतपुर. खुद कभी किसी बच्चे को जन्म नहीं दे पाई, लेकिन फिर भी अब तक 110 कन्याओं का कन्यादान कर विवाह कराने का पुण्य कमा चुकी हैं. पूरा शहर इन्हें नीतू मौसी (किन्नर) के नाम से जानता है. हर वर्ष 10 कन्याओं का सामूहिक विवाह (10 poor girls married in Bharatpur) कराती हैं. इनके विवाह सम्मेलन की सबसे खास बात यह है कि एक ही विवाह मंडप में वैदिक मंत्र और निकाह की आयतें गूंजती हैं. नीतू मौसी जहां बीते 11 साल से गरीब कन्याओं का विवाह करा रही हैं, वहीं साम्प्रदायिक सद्भाव का संदेश भी दे रही हैं. शुक्रवार को भी नीतू मौसी ने 10 निर्धन कन्याओं का धूमधाम से विवाह और निकाह (Kinnar Neetu Mausi got 10 poor girls married) संपन्न कराया.
जानिए कौन हैं नीतू मौसीः भरतपुर की किन्नर नीतू मौसी पहले आम किन्नरों की तरह ही लोगों की खुशियों में उनके घरों पर जाती थी. लेकिन इसी दौरान कई बार वो गरीब कन्या, उनके घर और उनकी परिस्थितियों को भी देखती थीं. ऐसे में समय-समय पर वो कभी 1-2 गरीब कन्याओं की शादी करा देती थी, लेकिन आज से 11 वर्ष पहले उन्होंने एक संकल्प लिया और हर वर्ष हिंदू-मुस्लिम की 10 कन्याओं का विवाह कराने का अभियान शुरू किया.
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अब तक 110 कन्याओं का करा चुकी हैं शादीः नीतू मौसी बीते 10 वर्ष में हिंदू और मुस्लिम समाज की 100 कन्याओं का पूरे रीति रिवाजों के साथ विवाह और निकाह करा चुकी हैं. शुक्रवार को 10 और कन्याओं (9 हिंदू व 1 मुस्लिम) का विवाह व निकाह कराया है. ऐसे में अब तक कुल 11 साल में 110 कन्याओं का विवाह और निकाह करा चुकी हैं.
शुक्रवार को गाजे बाजे के साथ दूल्हा बारात लेकर पहुंचे. दुल्हनें सजी धजी मंडप में बैठीं. नीतू मौसी ने एक ही मंडप में हिंदू और मुस्लिम समाज की बेटियों का एक साथ विवाह और निकाह संपन्न कराया. खुद नीतू मौसी ने कन्यादान कर मां का फर्ज अदा किया. विवाह में नीतू मौसी ने ना केवल कन्याओं के लिए सोने और चांदी के जेवरात बनवा कर दिए. बल्कि घर की जरूरतों का प्रत्येक सामान भी कन्यादान स्वरूप भेंट किया.
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किन्नर नीतू मौसी ने सामूहिक विवाह सम्मेलन के अवसर पर लोगों को भ्रूण हत्या नहीं करने का संदेश दिया. उन्होंने कहा कि भ्रूण हत्या से समाज के साथ ही घरों का ढांचा बिगड़ रहा है. यह प्रकृति विरुद्ध कार्य है इसे ना करें. नीतू मौसी ने विवाह और निकाह संपन्न होने पर सभी नवविवाहित जोड़ों को खुशी खुशी विदा किया.