भरतपुर. किसी ने अपना घर आश्रम में जन्म लिया तो कोई मां के साथ लावारिस हालत में यहां पहुंची. किसी को अपनों ने ठुकरा दिया, तो किसी को अपनों के बारे में पता ही नहीं. ऐसी ही कन्याओं का गुरुवार को रामनवमी के अवसर पर अपना घर आश्रम में पूजन किया गया. पूजन के बाद कन्याओं को भोजन कराया गया और उसके बाद सांक्रतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया.
अपना घर आश्रम समिति की अध्यक्ष बबीता गुलाटी ने बताया कि आश्रम की 85 महिलाओं ने नवरात्रि का व्रत रखा था. गुरुवार को सभी महिलाओं ने देवी मां की पूजा की. इसके बाद आश्रम में निवासरत 52 कन्याओं का विधि विधान के साथ पूजन किया गया. पूजन के बाद सभी कन्याओं को हलवा, पूड़ी और खीर पकवानों का भोजन कराया गया. बबीता गुलाटी ने बताया कि वर्तमान में अपना घर आश्रम में 125 से अधिक बच्चे निवासरत हैं. इनमें 52 कन्याएं शामिल हैं. इनमें से अधिकतर बच्चे ऐसे हैं जिन्होंने अपना घर आश्रम में ही जन्म लिया. इनकी माताएं गर्भवती के रूप में लावारिस हालत में यहां पहुंची और आश्रम में बच्चों को जन्म दिया.
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आश्रम संस्थापक डॉ बीएम भारद्वाज ने बताया कि अपना घर आश्रम में निवासरत प्रभुजनों के साथ सभी त्योहार पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाए जाते हैं. यहां निवासरत प्रभुजनों को घर जैसा प्यार, अपनापन और देखभाल करने का भरपूर प्रयास रहता है. परिजनों से अपील है कि जिन्होंने माता, बहनों, बच्चों और बुजुर्गों को ठुकरा दिया है, वो उन्हें अपना कर प्यार और अपनापन दें. यहां कितने ही प्रभुजन अपने परिजनों के पास वापस जाना चाहते हैं, लेकिन वो उन्हें अपनाने से इनकार कर रहे हैं.