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संक्रमण को न्योता दे रहा बायोमेडिकल वेस्ट, निजी अस्पताल खुले में फेंक रहे बायोमेडिकल वेस्ट

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Published : Feb 16, 2023, 1:57 PM IST

Updated : Feb 16, 2023, 2:58 PM IST

भरतपुर में बायोमोडिकल वेस्ट का संकट बढ़ता जा रहा है. सरकारी अस्पतालों के अलावा प्राइवेट अस्पताल भी चोरी छिपे काले पीले प्लास्टिक बैग में बायोमेडिकल वेस्ट कचरा पात्र में फेंक जाते हैं (Biomedical waste in open area in Bharatpur).

Biomedical waste in open area in Bharatpur
भरतपुर में बायोमोडिकल वेस्ट का संकट
भरतपुर में बायोमोडिकल वेस्ट का संकट

भरतपुर. शहर के बीचो-बीच खुली जगह पर निजी अस्पताल बायो मेडिकल वेस्ट फेंक रहे हैं. संभाग के सबसे बड़े आरबीएम जिला अस्पताल परिसर में रखे कचरा पात्रों में ही मेडिकल वेस्ट को आग लगाई जा रही है. खुले में पड़े मेडिकल वेस्ट से कचरा बीनने वाले लोग सिरिंज और बोतले समेटकर कबाड़ी बाजार में बेच रहे हैं. निजी अस्पतालों की लापरवाही के चलते बायोमेडिकल वेस्ट से लोगों में संक्रमण का खतरा पैदा हो गया है.

खुले में मेडिकल वेस्ट - शहर के सर्कुलर रोड के पास स्थित स्कीम 10 की खाली पड़ी जमीन में निजी अस्पताल संचालक चोरी छुपे बायोमेडिकल वेस्ट को फेंक जाते हैं. यहां पर काले, पीले और लाल प्लास्टिक बैग में भरा मेडिकल वेस्ट बिखरा पड़ा रहता है. ना तो मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की ओर से शहर के निजी अस्पतालों को बायो मेडिकल वेस्ट के सही निस्तारण के लिए पाबंद किया जा रहा है और न ही इसकी सही तरीके से मॉनिटरिंग हो पा रही है. लिहाजा खुले में पड़ा बायो मेडिकल वेस्ट संक्रमण का न्योता दे रहा है.

मेडिकल वेस्ट से बीन रहे कचरा - शहर की स्कीम 10 में खुले में पड़े बायोमेडिकल वेस्ट से कचरा बीनने वाले लोग हर दिन सिरिंज और खाली बोतलें बीनकर कबाड़ी बाजार में बेचते हैं. कचरा बीनने वाले लोग सीधे तौर पर इस बायो मेडिकल वेस्ट से संपर्क में आ रहे हैं, जिससे उनमें संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है. इतना ही नहीं जब यह बायो मेडिकल वेस्ट कबाड़ी बाजार में पहुंचता है, तो वहां भी कई लोग इसके संपर्क में आते हैं.

परिसर में जल रहा मेडिकल वेस्ट - संभाग के सबसे बड़े आरबीएम जिला अस्पताल परिसर में जगह-जगह डंपिंग स्टेशन और नगर निगम के कचरा पात्र रखे हुए हैं, जिनमें अस्पताल के मेडिकल वेस्ट को डाला जाता है. हकीकत में इन कचरा पात्र से मेडिकल वेस्ट को सही तरीके से निस्तारित करने के बजाय, यहीं पर आग लगा दी जाती है. मेडिकल वेस्ट के जलने से उठने वाला प्रदूषित धुंआ आसपास के लोग और अस्पताल में भर्ती मरीजों को संक्रमित कर सकता है.

दो तीन दिन में उठता है मेडिकल वेस्ट - इस संबंध में जब अस्पताल पीएमओ डॉ जिज्ञासा साहनी से बात की तो उन्होंने बताया कि अस्पताल के बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण के लिए अलवर की एक कंपनी के साथ में एमओयू कर रखा है. उस कंपनी के कर्मचारी ऑन कॉल दो-तीन दिन में अस्पताल का मेडिकल वेस्ट निस्तारण के लिए उठाकर के ले जाते हैं. डॉ जिज्ञासा साहनी ने बताया कि अस्पताल परिसर में रखे कचरा पात्र में एक अज्ञात शख्स आग लगा देता है. इसकी हमें जानकारी मिली है.

भरतपुर में बायोमोडिकल वेस्ट का संकट

भरतपुर. शहर के बीचो-बीच खुली जगह पर निजी अस्पताल बायो मेडिकल वेस्ट फेंक रहे हैं. संभाग के सबसे बड़े आरबीएम जिला अस्पताल परिसर में रखे कचरा पात्रों में ही मेडिकल वेस्ट को आग लगाई जा रही है. खुले में पड़े मेडिकल वेस्ट से कचरा बीनने वाले लोग सिरिंज और बोतले समेटकर कबाड़ी बाजार में बेच रहे हैं. निजी अस्पतालों की लापरवाही के चलते बायोमेडिकल वेस्ट से लोगों में संक्रमण का खतरा पैदा हो गया है.

खुले में मेडिकल वेस्ट - शहर के सर्कुलर रोड के पास स्थित स्कीम 10 की खाली पड़ी जमीन में निजी अस्पताल संचालक चोरी छुपे बायोमेडिकल वेस्ट को फेंक जाते हैं. यहां पर काले, पीले और लाल प्लास्टिक बैग में भरा मेडिकल वेस्ट बिखरा पड़ा रहता है. ना तो मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की ओर से शहर के निजी अस्पतालों को बायो मेडिकल वेस्ट के सही निस्तारण के लिए पाबंद किया जा रहा है और न ही इसकी सही तरीके से मॉनिटरिंग हो पा रही है. लिहाजा खुले में पड़ा बायो मेडिकल वेस्ट संक्रमण का न्योता दे रहा है.

मेडिकल वेस्ट से बीन रहे कचरा - शहर की स्कीम 10 में खुले में पड़े बायोमेडिकल वेस्ट से कचरा बीनने वाले लोग हर दिन सिरिंज और खाली बोतलें बीनकर कबाड़ी बाजार में बेचते हैं. कचरा बीनने वाले लोग सीधे तौर पर इस बायो मेडिकल वेस्ट से संपर्क में आ रहे हैं, जिससे उनमें संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है. इतना ही नहीं जब यह बायो मेडिकल वेस्ट कबाड़ी बाजार में पहुंचता है, तो वहां भी कई लोग इसके संपर्क में आते हैं.

परिसर में जल रहा मेडिकल वेस्ट - संभाग के सबसे बड़े आरबीएम जिला अस्पताल परिसर में जगह-जगह डंपिंग स्टेशन और नगर निगम के कचरा पात्र रखे हुए हैं, जिनमें अस्पताल के मेडिकल वेस्ट को डाला जाता है. हकीकत में इन कचरा पात्र से मेडिकल वेस्ट को सही तरीके से निस्तारित करने के बजाय, यहीं पर आग लगा दी जाती है. मेडिकल वेस्ट के जलने से उठने वाला प्रदूषित धुंआ आसपास के लोग और अस्पताल में भर्ती मरीजों को संक्रमित कर सकता है.

दो तीन दिन में उठता है मेडिकल वेस्ट - इस संबंध में जब अस्पताल पीएमओ डॉ जिज्ञासा साहनी से बात की तो उन्होंने बताया कि अस्पताल के बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण के लिए अलवर की एक कंपनी के साथ में एमओयू कर रखा है. उस कंपनी के कर्मचारी ऑन कॉल दो-तीन दिन में अस्पताल का मेडिकल वेस्ट निस्तारण के लिए उठाकर के ले जाते हैं. डॉ जिज्ञासा साहनी ने बताया कि अस्पताल परिसर में रखे कचरा पात्र में एक अज्ञात शख्स आग लगा देता है. इसकी हमें जानकारी मिली है.

Last Updated : Feb 16, 2023, 2:58 PM IST
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