भरतपुर. कामां मेवात क्षेत्र के गोपालगढ़ थाना क्षेत्र के पीरूका गांव के पहाड़ों की तलहटी में अवैध हथियार बनाने की फैक्ट्री संचालित थी, जिसका पुलिस ने पर्दाफास कर पुलिस ने 2 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. पहाड़ी सीओ के नेतृत्व में भारी पुलिस बल के साथ डीग पुलिस अधीक्षक बृजेश ज्योति उपाध्याय के निर्देश पर ये छापामार कार्रवाई की गई. इस दौरान पुलिस को भारी मात्रा में हथियार बनाने के उपकरण सहित अर्ध निर्मित हथियार भी मिले हैं, जिनको पुलिस ने बरामद कर लिया.
पहाड़ी सीओ गिर्राज सिंह मीणा ने बताया कि मुखबिर की सूचना पर गोपालगढ़ थाना क्षेत्र के पीरूका गांव के पहाड़ों की तलहटी में अवैध हथियार बनाने के कारखाने की जानकारी मिली थी. एसपी बृजेश ज्योति उपाध्याय के निर्देश पर सादा वर्दी में पुलिसकर्मी ने अपने नेटवर्क से मौके पर पहुंच कर पूरी जानकारी जुटाई. फैक्ट्री की सूचना कंफर्म होने पर पहाड़ी, गोपालगढ़, कैथवाड़ा, जुरहेरा सहित विशेष पुलिस दल ने हथियार बनाने की फैक्ट्री के ठिकाने पर घेराबंदी के बाद दबिश दी.
इस दौरान मौके से पीरूका निवासी जफरु खा पुत्र फोजू व दीना पुत्र अली मोहम्मद जाति फकीर को गिरफ्तार किया गया है. उनके कब्जे से पुलिस ने एक कट्टा 315 बोर, दो कारतूस, 32 बोर के दो कारतूस, एक 315 बोर का अर्ध निर्मित कट्टा, उसी के 6 अलग-अलग पार्ट्स, 12 बोर कट्टा की नाल, पंखा, शिकंजा, लोहे की संडासी, वर्मा, रस्सी, पलास, छैनी, हथौड़ा सहित अन्य सामग्रियों को जब्त किया गया है. अवैध हथियार फैक्ट्री पर कार्रवाई के बाद मेवात क्षेत्र में बदमाशों में हड़कंप मच गया है. पुलिस ने पकड़े गए दोनों बदमाशों के विरुद्ध मामला पंजीकृत करने के बाद संबंधित लोगों की पूछताछ शुरू कर दी है.
दौलावास और मुगुस्का के पहाड़ की तलहटी में थी फैक्ट्री : कामां पहाड़ी पुलिस ने बताया कि मुंगसका और दौलावास के पहाड़ में 20 अक्टूबर 2022 को भी पहाड़ के ऊपर झोपड़ी बनाकर अवैध हथियार की फैक्ट्री संचालित की जा रही थी, जहां पुलिस ने भारी मात्रा में अवैध हथियार, अर्ध निर्मित हथियार, हथियार बनाने के सामान बरामद किए थे, लेकिन आरोपी फरार होने में कामयाब हो गए थे.
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25 सालों में 8 बार दबिश : गोपालगढ थाना प्रभारी संतोष शर्मा ने बताया कि पीरूका गांव के पहाड़ की तलहटी में पुलिस ने 25 सालों में 8 बार अवैध हथियार बनाने के कारखानों पर छापा मारकर दबिश दी है. पहली बार 21 जनवरी 1998 को, दूसरी बार 8 फरवरी 1998 को, तीसरी बार 30 दिसम्बर 1998 को अवैध हथियार की फैक्ट्री पकड़ी है. वहीं, पुलिस ने सितंबर 2005, जून 2006, नवंबर 2011, नवंबर 2016, और अब अक्टूबर 2023 में कार्रवाई की है. दोनों गिरफ्तार आरोपियों को पूर्व में भी अवैध फैक्ट्री चलाने सहित अवैध हथियारों के साथ गिरफ्तार किया जा चुका है. थाना प्रभारी ने बताया कि जेल से बाहर आने के कुछ समय बाद ये लोग फिर से ये काम शुरू कर देते हैं.
315 बोर का बिकता है 3 हजार में : अवैध हथियार बनाने वाले 315 बोर के कट्टे को 3 हजार रुपए तक में बेचकर सप्लाई करते हैं. वहीं, 12 बोर के कट्टे की ढाई हजार रुपए तक में बिक्री हो जाती है. अवैध हथियार बनाने वालों की ओर से हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली सहित अन्य राज्यो में हथियार बनाकर सप्लाई की जाती है. मेवात क्षेत्र में अलग-अलग सुनसान जगहों पर फैक्ट्री का संचालन कर हथियार बनाने का कारोबार किया जाता है.
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क्षेत्र में छोटे से विवाद में ही हो जाती है फायरिंग : कामां मेवात क्षेत्र में आए दिन अवैध हथियारों से फायरिंग करने के मामले सामने आते हैं. छोटे से विवाद पर ही मेवात में फायरिंग की घटनाओं को अंजाम दिया जाता है. अभी हाल ही में कामां क्षेत्र के करमूका बांस गांव में ससुराल आए दामाद की कोल्ड ड्रिंक लाने के विवाद को लेकर फायरिंग कर हत्या कर दी गई.
इनका कहना है -
अवैध हथियार की फैक्ट्री पर डीएसपी पहाड़ी के नेतृत्व में पूरी प्लानिंग के तहत कार्रवाई की गई. दो आरोपियों को पड़कर अवैध हथियार कारतूस, अर्ध निर्मित हथियार सहित भारी तादाद में हथियार बनाने के सामान बरामद किए गए हैं. आगे भी ऐसी कार्रवाई जारी रहेगी :
बृजेश ज्योति उपाध्याय एसपी डीग