भरतपुर. जिले के एसपी को तूड़ी और भूसा के ट्रक-ट्रैक्टर से पुलिसकर्मियों की तरफ से अवैध वसूली किए जाने की लगातार शिकायतें मिल रही थी. इन शिकायतों का संज्ञान लेते हुए एएसपी बृजेश ज्योति उपाध्याय ने भेष बदलकर अवैध वसूली करने वाले पुलिसकर्मियों की पहचान की और अवैध वसूली की पुष्टि होने पर पुलिस अधीक्षक श्याम सिंह ने पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर रारह पुलिस चौकी के पूरे स्टाफ को लाइन हाजिर कर दिया.
पुलिस अधीक्षक श्याम सिंह ने बताया कि लगातार तूड़ी और भूसा के ट्रकों से पुलिस नाकों पर अवैध वसूली की शिकायतें मिल रही थी. भ्रष्ट पुलिसकर्मियों की पहचान के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुख्यालय बृजेश ज्योति उपाध्याय को एसपी ने स्टिंग ऑपरेशन करने के निर्देश दिए. आदेश का अनुपालन करते हुए एएसपी बृजेश ज्योति उपाध्याय ने 10 मार्च की रात को मुरवाड़ा रोड नाकाबंदी पॉइंट, एमईएस तिराहा नाकाबंदी पॉइंट और रारह चौकी नाके पर तैनात पुलिसकर्मियों के बारे में जानकारी एकत्रित की. फिर एएसपी उपाध्याय ने भेष बदलकर भूसा से भरे ट्रैक्टर पर सवार हो स्वयं ही नाके पर गए. पाया कि पुलिस कर्मी बेखौफ धड़ल्ले से वसूली कर रहे हैं.
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इस दौरान पुलिस बैरिकेड यानी नाकों पर पुलिस कर्मियों द्वारा की जा रही अवैध वसूली की पुष्टि हुई. इस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए अवैध वसूली करने वाले पुलिसकर्मियों की पहचान की. उसके बाद पूरे डिकॉय ऑपरेशन की रिपोर्ट एसपी श्याम सिंह को सौंपी. एएसपी की रिपोर्ट में 5 पुलिसकर्मियों की भूमिका संदिग्ध पाई गई. भरतपुर एएसपी ने इन पुलिसकर्मियों के निलंबित कर दिया. इनके नाम हैं एएसआई दरब सिंह, एएसआई सुरेंद्र सिंह, एएसआई दीपा शर्मा, हेड कांस्टेबल सुरेश और कांस्टेबल शिवराम को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया. साथ ही रारह पुलिस चौकी के पूरे स्टाफ को भी लाइन हाजिर कर दिया गया है.
लाइन हाजिर किसे कहते हैं और क्या है: थानों में पुलिस कर्मियों की एक सीमित संख्या होती है, लेकिन आकस्मिक जरुरत पर थाना जिले की पुलिस लाइन से संपर्क करके अपनी जरूरत के अनुसार सुरक्षा कर्मियों की मांग करता है. ऐसे में पुलिस लाइन जरुरत के अनुसार पुलिस बल मुहैया कराने के लिए बाध्य होता है. रिजर्व पुलिस जिसे केवल जरूरत के वक्त ही लॉ एंड ऑर्डर मेंटेन करने के लिए भेजा जाता है.